Akshaya Tritiya Par Sona Kharidi: अक्षय तृतीया साल इस साल 10 मई 2024 शुक्रवार के दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर कार्य के लिए बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन सोने-चांदी की खरीद करना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन खरीदी गई किसी भी वस्तु में अनंत वृद्धि होती है।
इस दिन को बिल्कुल दीपावली और धनतेरस की तरह ही शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया शुभता का प्रतीक है। यही वजह है कि इस दिन लोग धन की देवी मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करते हैं। इस दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। लेकिन अगर आप सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो इन चीजों की खरीददारी भी कर सकते हैं।
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अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी के गहने और मकान-वाहन आदि की खरीदारी करने की परंपरा है। इतना ही नहीं इस दिन सोने के गहनों की जमकर खरीदारी होती है। अधिकांश लोगों के मन में ये सवाल जरूर आता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना ज्यादा शुभ होता है या चांदी खरीदना? सवाल ये है कि इस दिन कौन सी धातु खरीदने से घर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
मान्याताओं के मुताबिक सोना और चांदी दोनों ही धातुओं का अपना अलग-अलग महत्व होता है। इसलिए माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना और चांदी दोनों की ही की खरीदारी की जा सकती है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को सुबह चार बजकर 17 मिनट पर होगी और इसका समापन 11 मई के दिन सुबह दो बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त 10 मई के दिन सुबह पांच बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट के बीच है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में किए गए हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
अक्षय तृतीया पर नहीं होंगे विवाह (Akshaya Tritiya Par Sona Kharidi)
लगभग 23 सालों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब अक्षय तृतीया के दिन विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है। इससे पहले साल 2000 में भी ऐसा ही संयोग बना था, जब विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं था। ऐसे में इस बार अक्षय तृतीया के दिन गुरु और शुक्र तारा अस्त होने के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे, जिसके बाद विवाह के लिए पांच जुलाई को शुक्र ग्रह उदय होगा और शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद ही शादी और मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त निकलेगा। हालांकि, अक्षय तृतीया को महामुहूर्त माने जाने के कारण इस दिन शुभ संस्कार संपन्न हो सकते हैं।
सोना मां लक्ष्मी का स्वरूप (Akshaya Tritiya Par Sona Kharidi)
बता दें कि सोने को मां लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है, इस मान्यता के पीछे पौराणिक कथा है कि देवताओं और असुरों में हुए समुद्र मंथन के दौरान सोना भी निकला था। जिसे भगवान विष्णु ने धारण कर लिया था। इस वजह से इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसी कारण अक्षय तृतीया और धनतेरस के अवसर पर सोना खरीदने की परंपरा है।
मान्यता है कि जब सोना या सोने से बने गहने खरीदकर घर लाते हैं तो उनके साथ साथ घर में मां लक्ष्मी का भी आगमन होता है। अक्षय तृतीया को लेकर यह भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी धन, संपत्ति खरीदी जाती है, वह हमेशा साथ बनी रहती है. इस कारण भी लोग उस दिन सोना खरीदना चाहते हैं।
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