Silent Heart Attack: भंडारा खाते समय व्यक्ति को आया साइलेंट हार्ट अटैक, मौत

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इंदौर। रणजीत हनुमान मंदिर में विगत दिनों भंडारे में पहुंचे एक भक्त की मौत हो गई। मंदिर परिसर के बाहर घंटों तक भक्तों की लाइन लगी रही। लाइन में लगने के लिए होने वाली धक्का-मुक्की मौत की वजह बताई जा रही है।

इस हादसे के बाद भक्त बोल रहे हैं कि मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाना चाहिए। वीआइपी पास जैसी व्यवस्था के कारण आम भक्तों को घंटों लाइन में लगना पड़ा और धक्का-मुक्की होती रही। हालांकि प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भक्त की मौत का कारण साइलेंट अटैक है। परिसर और बाहर कहीं भी धक्का-मुक्की नहीं हुई।

रणजीत हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव के बाद पहले मंगलवार को भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें करीब 50 हजार भक्त प्रसाद ग्रहण करने पहुंच गए। शाम 5.30 बजे से शुरू हुआ भंडारा रात दो बजे तक चलता रहा। इस दौरान लंबी कतारें लगी रहीं। भंडारे में पहुंचे गोविंद कालोनी मल्हारगंज निवासी विजय प्रजापत की तबीयत लाइन से परिसर में आने के बाद खराब हो गई।

उन्हें पुलिस और कार्यकर्ताओं की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने साइलेंट अटैक आने से मृत घोषित कर दिया। जिला प्रशासन का कहना है कि मंदिर परिसर और बाहर 25 कैमरे लगाए थे। इनकी जांच में सामने आया कि कहीं भी धक्का-मुक्की नहीं हुई।

प्रवेश के लिए तीन तरफ से की थी व्यवस्था {Arrangements were made for entry from three sides}

रणजीत हनुमान मंदिर के भंडारे में हादसे के बाद आयोजन की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इस संबंध में जय रणजीत भक्त मंडल के सदस्यों का कहना है कि भंडारे में तीन तरफ से प्रवेश की व्यवस्था की गई थी।

पहली शनि मंदिर की तरफ से, जहां वाहनों की पार्किंग होती है। दूसरी मंदिर के मध्य भाग में लोग भगवान के दर्शन कर भोजन प्रसादी के स्थान पर जा सकते थे। तीसरी जहां पंगत जिमाई जा रही थी उस मैदान से लोगों को प्रवेश दिया जा रहा था। एक बार में 1500 से 2000 लोग भोजन कर रहे थे

प्रवेश पास भी बांटे थे {Entry passes were also distributed}

जैसे-जैसे पंडाल स्थल में जगह खाली हो रही थी, वैसे-वैसे 100-200 लोगों को छोड़ा जाता था। यह क्रम शाम 6 बजे से रात ढाई बजे तक चला। व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रवेश पास की व्यवस्था भी की गई थी। भंडारे से पहले 101 मंदिरों में भोग भी अर्पित किया गया। भंडारे की व्यवस्था रणजीत भक्त मंडल के 300 से अधिक सदस्यों के साथ बाबा के भक्तों द्वारा दी गई।

पुजारी दीपेश व्यास के अनुसार भंडारे के लिए प्रसाद बनाने की तैयारी एक दिन पहले शुरू कर दी गई थी। व्यवस्था के लिए बैठकों का आयोजन भी किया जाता है। विशेष अवसर पर चलित दर्शन की व्यवस्था की जाती है। अव्यवस्थाओं के आरोप गलत हैं।

व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आए सुझाव {Suggestions came to improve the system}

भंडारे में हुए हादसे की चर्चा इंटरनेट मीडिया पर बुधवार को आम रही। इसमें बाबा रणजीत के भंडारे को दशहरा मैदान पर स्थानांतरित करने का सुझाव भी दिया गया। इसके पीछे तर्क दिया कि यह मंदिर के समीप होने के साथ ही यहां हजारों लोगों के लिए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था है। साथ ही भोजन करने के लिए पर्याप्त जगह भी है। इससे यातायात भी सुगम रहेगा।

मंगलवार और शनिवार को मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। सुबह के बजाय शाम को दर्शन के लिए भक्त बड़ी संख्या में आते हैं। इस दौरान पार्किंग के साथ ही पुलिस बल की मौजूदगी आवश्यक है। भक्त मंडल दर्शनार्थियों के साथ हुज्जत करते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि भक्तों की भावना को समझते हुए व्यवहार करें।

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