Rishi Sunak Fasting Routine: उपवास के कई महत्व होते हैं। भारत में हर महीने की एकादशी, मंगलवार, शनिवार के दिन लोग उपवास करते हैं, लेकिन क्या आपको पता हैं ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी हफ्ते में 36 घंटे का उपवास रखते हैं? वह रविवार शाम 5 बजे से खाना छोड़ देते हैं और पूरे 36 घंटे बाद मंगलवार सुबह 5 बजे अपना उपवास छोड़ते हैं। ऐसा करने के पीछे उन्होंने कई रीजन बताए है जो हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं….
मीठा पकवान खाने के शौकीन है ऋषि (Rishi Sunak Fasting Routine)
ऋषि सुनक ने बताया कि उन्हें मीठी चीजें बहुत पसंद हैं, इसलिए वह बाकी हफ्ते बहुत मीठी पेस्ट्री खाते हैं। काम की वजह से वे पहले जितनी एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं। 2021 में द ट्वेंटी मिनट वीसी पॉडकास्ट में सुनक ने अपने डेली रूटीन के बारे में बताया था। उन्होंने यह बात भी मानी कि प्रधानमंत्री के रूप में बिजी रहने के कारण उनका व्यायाम करने का समय बिगड़ गया है।
करते हैं मैक्सिकन कोक का सेवन (Rishi Sunak Fasting Routine)
पीएम सुनक ने खुद को कोका कोला का एडिक्ट बताया है। उन्होंने बताया कि उन्हें मैक्सिन कोक काफी पसंद है। क्योंकि इसे हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के बजाय गन्ने की चीनी से बनाया जाता है।
ऋषि रखते हैं फिटनेस का ख्याल (Rishi Sunak Fasting Routine)
ऋषि सुनक के 36 घंटे के फास्ट को मॉन्क फास्ट कहते हैं। यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का ही एक रूप है। इसके अनुसार, आप केवल एक टाइम पीरियड में ही भोजन कर सकते हैं। ताकि आपको भोजन पचाने के लिए समय मिल सके। पीएम सुनक के सप्ताह में एक दिन के उपवास को ईट-स्टॉप-ईट डाइट कहा जाता है। जबकि 5:2 डाइट हर सप्ताह केवल दो दिनों के लिए 500 से 600 कैलोरी इंटेक करने और फिर अन्य दिनों में सामान्य, संतुलित आहार खाने पर बेस्ड है।
36 घंटे की फास्टिंग के फायदे (Rishi Sunak Fasting Routine)
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से वजन घटाने और मसल मास बढ़ाने में मदद मिलती है। यह फास्टिंग मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकती है। कई स्टडी बताती हैं कि रूक-रूक कर उपवास करने से शरीर में सूजन कम हो जाती है साथ ही ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट में भी इंप्रूवमेंट आता है। यह भी दावा किया गया है कि रुक-रुक कर उपवास करने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है और कैंसर व अल्जाइमर का खतरा कम हो सकता है।
लंदन रीजनरेटिव इंस्टीट्यूट के जेनेटिक इंजीनियर सेबनेम अनलुइस्लर ने बताया कि लंबे समय तक भोजन से परहेज करने से भी शरीर में ऑटोफैगी हो सकती है। इसके तहत शरीर डैमेज सेल्स को रिमूव करके नई हेल्दी सेल्स को रीजनरेट करता है । माना जाता है कि इस प्रक्रिया से सेलुलर हेल्थ को बहुत फायदा होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान (Rishi Sunak Fasting Routine)
हालांकि, एक रिसर्च के अनुसार, इसके साइड इफेक्ट भी सामने आए हैं। रिसर्च के अनुसार, अगर पर्याप्त पोषण पर ध्यान दिए बिना रुक-रुक कर उपवास किया जाए तो पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जबकि शरीर के ठीक से काम करने के लिए विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों का पर्याप्त मात्रा में होना बहुत जरूरी है। इसके लिए संतुलित आहार लेना होता है।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी से पोषण संबंधी असंतुलन हो सकता है, जिससे व्यक्ति को हर वक्त थकान महसूस हो सकती है। साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने की भी संभावना बढ़ जाती है।
इन लोगों को नहीं करना है ये फास्टिंग? (Rishi Sunak Fasting Routine)
बता दें, इस तरह की फास्टिंग सबको करने की सलाह नहीं दी जाती है। 25 साल से कम उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, किसी तरह की बीमारी से जूझ रहे लोगों या मेडिकेशन वाले लोगों को इस तरह की फास्टिंग से बचना चाहिए। क्योंकि उनके शरीर को विशिष्ट पोषण संबंधी जरूरतें होती हैं। इसलिए फास्टिंग में आपकी तबियत भी खराब हो सकती है।
अगर व्यक्ति इतने लंबे समय तक खाना ना खाए, तो उन्हें भूख, थकान, इंसोमनिया, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, मतली, कब्ज और सिरदर्द जैसी शिकायत हो सकती है।
एडम कोलिन्स के अनुसार, ऋषि सुनक की फास्टिंग हर किसी के लिए ठीक नहीं है। इसे फॉलो करने से पहले यह जानना जरूरी है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को इस डाइट पैटर्न को अलग-अलग तरीके से फॉलो करना पड़ता है। ध्यान रखें, हर व्यक्ति अलग है। जो चीज एक के लिए काम कर रही है जरूरी नहीं कि वह दूसरों के लिए भी समान रूप से काम करे। इसलिए किसी भी तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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