UPSC Success Story: देश में सामाजिक सेवा (Social Service) करने के लिए लोगों के पास कई तरह के रास्ते होते हैं, जिनके माध्यम से समाज के लिए कुछ किया जा सकता है। इसी में एक रास्ता सिविल सेवा (Civil Services) का होता है। सिविल सेवा में शामिल होने का सपना तो अधिकतर अभ्यर्थी देखते हैं, लेकिन इनमें से कुछ के ही सपने पूरे हो पाते हैं।
वहीं कुछ ऐसे युवा भी होते हैं जो सपने को पूरा होने तक रुकते नहीं हैं बल्कि कड़ी मेहनत और लगन से तैयारी करते जाते हैं और सफलता प्राप्त करके ही दम लेते हैं। हालांकि, यह रास्ता इतना आसान नहीं होता है। आज हम आपको ऐसी ही एक शख्सियत के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने समाजसेवा के लिए अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी और इस सपने को पूरा किया।
उन्होंने लंदन से पढ़ाई करने के बाद कुछ समय तक World Bank में काम किया, लेकिन समाज की सेवा करने के अपने जुनून की वजह से उन्होंने विदेश की नौकरी छोड़ी और वापस भारत लौटकर सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया। वहीं, उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ही सिविल सेवा को क्रैक कर IAS अधिकारी बन अपना सपना पूरा कर दिया। समाज के लिए किए गए कई सराहनीय कार्यों की वजह से उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है। आइए जानते हैं आईएएस हरि चांदना दसारी (IAS Hari Chandana Dasari) के बारे में…
आईएएस हरी चांदना दसारी का परिचय
आईएएस हरी चांदना दसारी (Hari Chandana Dasari) की स्कूली शिक्षा हैदराबाद में हुई। उन्होंने 12वीं कक्षा हैदराबाद के सेंट एन्स से पास की। इसके बाद हैदराबाद के ही सेंट एन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन और हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उनकी मां एक हाउस मेकर और पिता 1987 बैच के आईएएस थे।
हरी चांदना ने छोड़ी नौकरी (UPSC Success Story)
इसके बाद हरी चांदना ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एनवायरमेंट इकोनॉमिक्स से एमएससी की पढ़ाई की। हरी चांदना ने अपनी काबिलियत के बल पर विश्व बैंक में नौकरी भी की। फिर लंदन में बीपी शेल जैसी कंपनियों के साथ भी काम किया।
हालांकि हरी चांदना ने बचपन से अपने पिता को एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करते देखा था, जो उनके दिलों-दिमाग में छाया हुआ था। इसलिए हरी चांदना ने आईएएस बनने की ठान ली और साल 2010 में हरी चांदना ने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।
UPSC की तैयारी का पहला प्रयास
हरी चंदना दसारी ने लंदन से भारत लौटकर उस राह पर कदम रखा, जिसका वे सपना देखती थीं। यहां उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की शुरुआत की। उन्होंने एक ठोस रणनीति बनाई और मेहनत से पढ़ाई करना शुरू किया। उन्होंने अपने लिए सही नोट्स तैयार किए और लक्ष्य की ओर सजीवता से बढ़ते रहे। पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने सपनों की पूर्ति के लिए पुनः यात्रा की शुरुआत की और दूसरे प्रयास में जीत हासिल की।
सफलता की दूसरी मंजिल
हरी चंदना दसारी ने पहले प्रयास में होने वाली असफलता के बावजूद अपने सपने की पूर्ति के लिए डटी रही। उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि अपनी कमजोरियों पर काम करती रही। उनका दूसरा प्रयास उनकी मेहनत और आत्मविश्वास की कहानी था। उन्होंने खुद को बेहतर बनाने का संकल्प लिया और उसके परिणामस्वरूप उन्होंने दूसरे प्रयास में परीक्षा में सफलता हासिल की।
सराहनीय कार्यों के लिए हुई सम्मानित (UPSC Success Story)
हरी चांदना ने आईएएस बनने के बाद सामाज के लिए कई लाभकारी योजनाओं पर काम किया, जिसमें VAADA APP, PET PARK और SHEMART शामिल है। उन्हें प्रधानमंत्री लोक प्रशासन उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।