IAS Success Story: हादसे के बाद ससुराल वालों ने छोड़ा साथ, बिना कोचिंग के तीसरे प्रयास में आईएएस अधिकारी बनीं प्रीति बेनीवाल

IAS Success Story: हादसे के बाद ससुराल वालों ने छोड़ा साथ, उसके बावजूद बिना कोंचिग के तीसरे प्रयास में 754रैंक हासिल कर प्रीति बेनीवाल बनी आईएएस अधिकारी
Source: Credit – Social Media

IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवार वर्षों की तैयारी और समर्पण के साथ इस परीक्षा में शामिल होते हैं। तब जाकर UPSC सिविल सेवा की परीक्षा पास कर पाते है। संघर्षों और कठिन परिस्थितियों से लड़कर सफलता हासिल करने वाली कई महिलाओं में एक आईएएस अफसर का नाम शामिल है। इस महिला आईएएस अधिकारी के साथ एक हादसा हुआ, जिसके बाद उनकी दुनिया ही बदल गई।

हादसे के कारण उन्हें एक साल बिस्तर पर रहना पड़ा। शारीरिक अक्षमता को ठीक करने के लिए 14 सर्जरी कराई, हालांकि इसके बाद भी वह चल पाने में असमर्थ थीं। इस हादसे से वह शारीरिक तौर पर तो कमजोर हुई हीं, साथ ही उनकी शादी भी टूट गई। पति और ससुराल ने छोड़ा, लोगों ने कोसा, फिर भी इस महिला ने हार नहीं मानी और विषम परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुए न केवल अपने पैरों पर खड़ी हुईं, बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनकर दिखाया। संघर्षों का सामना कर रहे हर व्यक्ति की उम्मीद बढ़ाने वाली और महिलाओं के लिए मिसाल बनने वाली इस आईएएस अधिकारी का नाम प्रीति बेनीवाल है। तो आइए जानते हैं आईएएस प्रीति बेनीवाल के संघर्ष से सफलता तक की कहानी।

हादसे के बाद ससुराल वालों ने छोड़ा साथ, उसके बावजूद बिना कोंचिग के तीसरे प्रयास में 754रैंक हासिल कर प्रीति बेनीवाल बनी आईएएस अधिकारी
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प्रीति बेनीवाल का परिचय

प्रीति बेनीवाल मूलरूप से हरियाणा के डुपेडी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा नजदीकी गांव फफदाना से पूरी की। इसके बाद पानीपत से 10वीं पूरी की। वहीं, 12वीं पूरी होने के बाद उन्होंने हरियाणा के ही इसराना कॉलेज से बीटेक और एमटेक की डिग्री पूरी की।

एमटेक के बाद लगी क्लर्क की नौकरी

प्रीति बेनिवाल की शिक्षा पूरी होने के बाद ग्रामीण बैंक में क्लर्क की नौकरी लगी। यहां उन्होंने 2013 से 2016 तक काम किया। हालांकि, वह इस दौरान सरकारी सेवाओं की तैयारी भी कर रही थी।

प्रीति बेनीवाल की करियर (IAS Success Story)

एम.टेक पूरा करने के बाद प्रीति (Preeti Beniwal) ने 2013 से 2016 तक ग्रामीण बैंक में क्लर्क के रूप में काम किया। उन्होंने वर्ष 2016 से 2021 तक FCI में असिस्टेंट जनरल II के पद रहीं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जनवरी 2021 में उन्होंने विदेश मंत्रालय के साथ असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के रूप में काम किया। UPSC CSE परीक्षा पास करने के बाद अब वह एक IAS अधिकारी के रूप में काम करती हैं।

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दुर्घटना का हो गई शिकार (IAS Success Story)

प्रीति एफसीआई में नौकरी करते हुए प्रमोशन के लिए एग्जाम देने जा रही थी। इस दौरान गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर उनका पैर फिसल गया, जिससे वह पटरी पर गिर गई। वहीं, ट्रेन गुजरने की वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। अस्पताल पहुंचने पर उनकी 14 सर्जरी की गई। वहीं, इसके बाद उन्होंने एक साल तक बेड रेस्ट भी किया। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्रीति इस हादसे का शिकार हुई, तो उनके पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें छोड़ दिया।

सुसराल वालों ने छोड़ा साथ

अस्पताल में प्रीति की 14 सर्जरी हुईं और उन्हें एक साल तक बेड रेस्ट करना पड़ा। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्रीति इस हादसे का शिकार हुई, तो उनके पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें इसी हालत में छोड़ दिया। इस हादसे से वह पूरी तरह से टूट गईं। लेकिन उन्होंने तब भी हार नहीं मानी, बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनने का निर्णय लिया। वह दिन-रात मेहनत कर सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारियों में जुटी रहीं।

आईएएस प्रीति बेनीवाल की रैंक (IAS Success Story)

प्रीति बेनीवाल के लिए यह आसान नहीं था। दो बार यूपीएससी परीक्षा में वह असफल रहीं लेकिन वर्ष 2020 में प्रीति बेनीवाल ने पूरे भारत में 754 रैंक हासिल की। फिलहाल वह दिल्ली विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं। आईएएस प्रीति बेनीवाल ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में बताया कि हादसे के बाद उनके पिता ने लगातार मोटीवेट किया और हमेशा आगे बढ़ने के लिए कहा। उनकी कहानी सच में बहुत प्रेरणादायक है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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