MPPSC Success Story : (बैतूल)। कामयाबी किस्मत की लकीरों से नहीं, माथे के पसीने से मिलती है। इस बात को साबित किया है बैतूल की दो युवा प्रतिभाओं (प्रशांत और प्रियंका) ने। इन प्रतिभाओं ने एमपीपीएससी द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त कर डिप्टी कलेक्टर जैसे पद पर चयनित होने में कामयाबी पाई है। सामान्य परिवारों की इन प्रतिभाओं ने अपनी कामयाबी से यह भी साबित किया है कि यदि कोई लक्ष्य बनाकर उसे हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया जाएं तो सफलता मिलकर रहेगी।
मध्यप्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2020 का मुख्य परीक्षा परिणाम शुक्रवार को जारी किया गया है। जिसमें बैतूल शहर के मालवीय वार्ड निवासी और सेवानिवृत प्राचार्य रामराव उइके के पुत्र प्रशांत उइके का डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व प्रशांत, राज्य सेवा परीक्षा 2016 में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर भी चयनित हुए थे। दुर्भाग्य यह रहा कि चयन के बाद उनका एक्सीडेंट होने के कारण वे मुश्किल फिजिकल ट्रेनिंग नहीं कर पाए और उन्हें डीएसपी का पद छोड़ना पड़ा।
प्रशांत ने जीवन की इस विकट स्थिति में भी हिम्मत नहीं हारी और नए उत्साह और संकल्प के साथ एक बार फिर इस परीक्षा की तैयारी में जुट गए। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और एमपीपीएससी 2020 की मुख्य परीक्षा में 20 वीं रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए। प्रशांत की शिक्षा बैतूल उत्कृष्ठ विद्यालय और जेएच कॉलेज से हुई इसके बाद वे राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए थे।
अपनी सफलता का राज बताते हुए उन्होंने बताया कि लक्ष्य तय किए बिना मंजिल पाना संभव नहीं होता। उन्होंने भी पहले लक्ष्य तय किया और फिर उसे हासिल करने पूरे मनोयोग के साथ तैयारी व मेहनत की। इसी के चलते वे लक्ष्य प्राप्त कर सके।
शिक्षक की बेटी प्रियंका बनी डिप्टी कलेक्टर (MPPSC Success Story)
इसी तरह बैतूल निवासी दीपक भलावी (शिक्षक, बैतूल बाजार) की सुपुत्री प्रियंका भलावी ने भी एमपीपीएससी में 23 वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होने में सफलता हासिल की है। इस सफलता से निश्चित तौर पर उन्होंने बैतूल जिले और आदिवासी समुदाय का नाम रोशन किया है।
शासकीय कन्या विद्यालय गंज से उनकी स्कूली पढ़ाई हुई। इसके बाद जेएच कॉलेज बैतूल से उन्होंने फिजिक्स से एमएससी की। इसके पश्चात वे 2017 में सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई। वर्ष 2018 में तैयारी हेतु वे दिल्ली भी गई। इससे पहले 2019 में भी उनका इंटरव्यू के लिए चयन हुआ था, लेकिन अंतिम चयन नहीं हो पाया। अब एमपीपीएससी 2020 में उनका डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन हुआ है।