Betul News: भवन बना दिया, मशीनें ले आईं पर नहीं मिले कर्मचारी, शोपीस बना मृदा परीक्षण केंद्र, बैतूल जाने को मजबूर किसान

Betul News: Building built, machines brought but employees not found, soil testing center made showpiece, farmer forced to go to Betul

Betul News: भवन बना दिया, मशीनें ले आईं पर नहीं मिले कर्मचारी, शोपीस बना मृदा परीक्षण केंद्र, बैतूल जाने पर मजबूर किसान ▪️ अंकित सूर्यवंशी, आमला

किसानों को समय-समय पर अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराना अनिवार्य होता है। जिससे उन्हें अपनी कृषि भूमि की उर्वरक क्षमता का पता चलता है। इसके लिए हर ब्लॉक में मृदा परीक्षण केंद्र खोलने का दावा भी सरकार करती है। यह बात अलग है कि ब्लॉकों के यह केंद्र केवल कागजों पर ही चल रहे हैं। इन केंद्रों के लिए लाखों की लागत के भवन बना दिए गए, मशीनें ला दी गईं, लेकिन सबसे जरूरी स्टाफ की व्यवस्था की ही नहीं गई। नतीजतन, यह केंद्र किसी काम में नहीं आ रहे हैं और महज शोपीस बने हैं।

इसकी बानगी आमला में देखी जा सकती है। आमला विकासखंड के किसानों को मिट्टी परीक्षण हेतु आज भी बैतूल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। आमला में मृदा परीक्षण केंद्र तो खुला है पर वो महज शो पीस बना हुआ है। किसानों को अपने खेत की मिट्टी के परीक्षण कराने महीनों इंतजार करना पड़ता है। जबकि शासन द्वारा कृषि विभाग को किसानों के खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराए जाने तथा मृदा परीक्षण की रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देश दिए हैं।

विकासखंड आमला के मृदा परीक्षण केंद्र में उपलब्ध मशीनें अब बदहाल होती जा रही है। लंबे समय से यहां पर मृदा परीक्षण नहीं किया गया। इसकी वजह यह है कि मृदा परीक्षण करने हेतु कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं है। कृषि विभाग की लापरवाही के चलते मृदा परीक्षण हेतु दूरदराज के किसानों को भटकना पड़ रहा है। शासन के निर्देश है कि किसानों को समय-समय पर मृदा परीक्षण कराना चाहिए। जिसके लिए विकासखंड स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। फिलहाल यहां का मृदा परीक्षण केंद्र बंद पड़ा हुआ है।

Betul News: भवन बना दिया, मशीनें ले आईं पर नहीं मिले कर्मचारी, शोपीस बना मृदा परीक्षण केंद्र, बैतूल जाने पर मजबूर किसानबैतूल तक जाकर भटकते हैं किसान

इस केंद्र के बंद होने से किसानों को मृदा परीक्षण हेतु ग्रामीण अंचलों से बैतूल तक चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्हें मृदा परीक्षण हेतु महीनों भटकना पड़ता है। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से किसानों को बैतूल तक जाने में होने वाली असुविधा तथा मृदा परीक्षण की रिपोर्ट आने में लगने वाले समय के चलते कई लोग अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण नहीं कराना ही बेहतर समझते हैं।

जिम्मेदार विभाग ने साधी चुप्पी

जिम्मेदार कृषि विभाग द्वारा आमला के मृदा परीक्षण केंद्र को संचालित करने हेतु प्रयास करने चाहिए। विकासखंड स्तरीय इस मृदा परीक्षण केंद्र में मिट्टी के परीक्षण नहीं होने से किसानों को अपने खेतों की मिट्टी की जानकारी उचित समय पर नहीं मिल पा रही है। उल्लेखनीय है कि समय समय पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सुविधा हेतु शिविर लगाए जाते हैं जिसमें कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विशेष तौर पर मृदा परीक्षण कराए जाने को लेकर जोर दिया जाता है। लेकिन, जिले के कृषि विभाग द्वारा मृदा परीक्षण केंद्रों पर कोई भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यदि आमला का परीक्षण केंद्र उचित ढंग से संचालित हो तो किसानों को काफी राहत मिलेगी तथा किसानों में मृदा परीक्षण के लिए उत्साह बढ़ेगा।

इनका कहना है…

उच्च कार्यालय द्वारा आमला के मृदा परीक्षण केंद्र में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। मिट्टी परीक्षण करने वाली मशीनों के केबल भी चूहों ने काट दिये हैं। बैतूल कार्यालय जाकर मिट्टी परीक्षण करवाया जा सकता है।

गोपाल साहू, कृषि विभाग, आमला

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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