Betul Swimming Pool: तैराकों की नर्सरी बन रहा बैतूल, नपा के स्विमिंग पूल में 500 से ज्यादा हुई संख्या, मिनी स्विमिंग पूल की उठ रही मांग

Betul Swimming Pool: तैराकों की नर्सरी बन रहा बैतूल, नपा के स्विमिंग पूल में 500 से ज्यादा हुई संख्या, मिनी स्विमिंग पूल की उठ रही मांगBetul Swimming Pool: (बैतूल)। शहर में अब छोटे बच्चों के लिए मिनी स्विमिंग पूल बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। हाल ही में विवेकानंद वार्ड में स्थित नगर पालिका के स्विमिंग पूल में स्विमिंग करने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गई है। तैराकी में रुचि रखने वाले तैराक और जो पालक यहां पर आते हैं उनकी मांग है कि 3 से 4 साल तक के बच्चों के लिए एक मिनी स्विमिंग पूल और बन जाए तो बच्चों को बचपन से स्विमिंग सीखने की सुविधा मिल जाएगी, उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ विपदा से लड़ने का हुनर भी उनके पास आ जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मार्च महीने में परीक्षाओं का सीजन होने के कारण तैराकों की संख्या कम होती हैं, लेकिन अप्रैल माह के बाद पूल तैराकों से भर जाता है। सबसे ज्यादा बच्चे ही पूल में तैराकी सीखने के लिए आते हैं। वर्तमान में तैराकों की संख्या बढ़ने पर शिफ्ट की संख्या भी बढ़ाई जा सकी है।

आनंद के प्रयासों से की हो रही सराहना

नगर पालिका के एकमात्र स्विमिंग पूल में तैराकी करने आ रहे बच्चों एवं उनके पालकों का कहना है कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष आनंद प्रजापति के द्वारा अगर यह प्रयास नहीं किया गया होता तो शायद बैतूल में अभी तक स्विमिंग पूल की सुविधा शायद ही मिल पाती। नगर पालिका परिषद बैतूल को स्विमिंग करने वाले बच्चे धन्यवाद देते हैं कि अगर नगर पालिका ने यह स्विमिंग पूल नहीं बनाया होता तो उन्हें स्विमिंग करना नहीं आता। नगर पालिका इतनी कम कीमत में स्विमिंग पूल संचालित कर रही हैं, यह बहुत बड़ी बात है। निश्चित रूप से बैतूल आने वाले दिनों में तैराकों की नर्सरी के रूप में जाना जाएगा। इधर नागरिकों का कहना है कि आने वाले समय में मिनी स्विमिंग पूल भी बन जाएगा तो बच्चों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

जीवन रक्षक कौशल है तैरना

जिला योजना समिति के सदस्य एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष आनंद प्रजापति का कहना है कि शहर में मिनी स्विमिंग पूल की भी जरूरत है। तैरना एक जीवन रक्षक कौशल है और इसे पूरे शरीर और दिमाग के लिए सबसे अच्छे व्यायामों में से एक माना जाता है। कई बार देखने में आता है कि बच्चों की डूबने से मौत हो जाती है, जो दर्शाता है कि हमें अपने बच्चों को इस बुनियादी जीवन रक्षक गतिविधि में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। स्विमिंग पूल में तैरना, सीखने का सबसे अच्छा तरीका है। तैराकी बच्चों को अनुशासन आत्मसात करने और उनके शरीर और दिमाग को अच्छा बनाए रखने में भी सक्षम बनाती है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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