Produce Marketing Loan : देश भर के किसानों के लिए एक बहुत ही अच्छी और बड़ी खुशखबरी है। अब किसानों को ऋण लेने के लिए न तो बड़ी संख्या में दस्तावेज एकत्र करने पड़ेंगे और न ही किसी गारंटर की जरुरत पड़ेगी। अब उन्हें उनकी गोदाम या फार्म हाउस में रखी गई उपज की रसीद के आधार पर ही ऋण बैंक द्वारा उपलब्ध करा दिया जाएगा।
यह योजना देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) द्वारा शुरू की गई है। वहीं कम ब्याज दर पर इस योजना का अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिलाने के लिए सोमवार को भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (WDRA) ने बैंक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
योजना का यह है उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपनी उपज को मजबूरी में बेचने से बचाने के लिए सहायता देना है। इस योजना के कारण किसानों को मजबूरी में कम दाम में अपनी उपज नहीं बेचना होगा। वहीं उसकी आकस्मिक आवश्यकताएं भी पूरी हो सकेगी। योजना के तहत गोदाम रसीद के एवज में ऋण के अलावा फार्म हाउस में रखे गए स्टॉक के एवज में ऋण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
कितना ऋण मिल सकेगा
इस योजना के तहत भंडारण के स्थान के आधार पर उपज के मूल्य का 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत ऋण प्रदान किया जाएगा। यह अधिकतम 50 लाख रुपये तक रहेगा। फसल के आधार पर ऋण की चुकौती अधिकतम 12 माह के अंदर किया जाना है। साथ ही विशिष्ट मंडलों में गोदामों के विभिन्न मॉडल हेतु भिन्न-भिन्न सीमाएं निर्धारित की गई हैं।
- Also Read : MP Farmer News: किसानों को अब खाद मिलने में नहीं होगी दिक्कत, प्रदेश सरकार तैयार कर रही यह शानदार प्लान
नहीं लगेगी कोई प्रोसेसिंग फीस
योजना की खास बात यह है कि इसका लाभ लेने प्रसंस्करण शुल्क नहीं लगेगा और न ही कोई अतिरिक्त गिरवी की जरूरत नहीं और ब्याज दर भी काफी आकर्षक हैं। यह परिकल्पना की गई है कि छोटे और सीमांत किसानों के बीच ई-एनडब्ल्यूआर की स्वीकृति के संबंध में इस ऋण-उत्पाद के दूरगामी परिणाम होंगे। इसमें संकट में बिक्री को रोकने और उपज के लिए बेहतर मूल्य जारी करने के जरिये, ग्रामीण जमाकर्ताओं की वित्तीय सुविधा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।
आयोजन के दौरान हुई यह चर्चा
एमओयू पर साइन के इस आयोजन के दौरान, ग्रामीण ऋण में सुधार के लिए भण्डार रसीदों का उपयोग करते हुए फसल कटाई के बाद वित्तपोषण के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई। बैंक प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में ऋण देने वाली संस्थाओं के सामने आने वाले जोखिमों पर भी प्रकाश डाला। डब्ल्यूडीआरए ने हितधारकों के बीच जिम्मेदार विश्वास को बेहतर बनाने के लिए अपने पूर्ण नियामक समर्थन का आश्वासन दिया।