Betul Pandit Pardeep Ji Mishra Katha: मध्यप्रदेश के बैतूल में हो रही पंडित प्रदीप मिश्रा जी (Pandit Pardeep Ji Mishra) की मां ताप्ती शिवमहापुराण कथा (Maa Tapti Shivmahapuran Katha) में प्रकृति लगातार बाधा उत्पन्न कर रही है। कल रात से आज सुबह तक हुई बारिश के चलते कथा स्थल एक बार फिर कीचड़ से सराबोर होकर दलदल में तब्दील हो गया है। इसके बावजूद कई भक्तों ने कथा स्थल नहीं छोड़ा। सुरक्षित और आरामदायक स्थान पर ठहरने के बजाय उन्होंने वहीं रुके रहना उचित समझा। इधर आयोजन समिति एक बार फिर कथा स्थल को व्यवस्थित करने में जुट गई है।
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विगत 12 दिसंबर से बैतूल के कोसमी स्थित शिवधाम किलेदार गार्डन (Shivdham Kiledar Garden Kosmi) में मां ताप्ती शिवपुराण कथा चल रही है। इस कथा में पहले दिन से ही प्रकृति भारी बाधा डाल रही है। पहले दिन की कथा समाप्त होते ही तेज बारिश हो गई थी। इससे कथा स्थल दलदल बन गया था। उस दिन के बाद से लगातार सुधार कार्य किया जा रहा था। हालांकि कथा नियमित चल रही है। भक्त भी अपनी अटूट आस्था दिखाते हुए हर दिन उपस्थिति का नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। कई श्रद्धालु तो कीचड़ में बैठकर भी कथा श्रवण करते देखे जा सकते हैं। (Betul Pandit Pardeep Ji Mishra Katha)
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ऐसा लग रहा था कि गुरुवार तक व्यवस्थाएं पूरी तरह से दुरुस्त हो जाएंगी, लेकिन इसके पहले ही एक बार फिर बुधवार रात से ही बारिश शुरू हो गई। इस बार पिछली बार से ज्यादा बारिश हुई है। सुबह तक बारिश होती रही है। बैतूल ब्लॉक में 12.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके चलते कथा स्थल पर एक बार फिर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है। पूरा कथा स्थल लगभग दलदल में तब्दील हो गया है।
व्यवस्था बनाने में जुटे कार्यकर्ता, देखें वीडियो…
स्थिति को देखते हुए आयोजन समिति ने रात को ही पंडाल में ठहरे श्रद्धालुओं को परसोड़ा वेयर हाउस (Parsoda Ware House) सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। आज सुबह वहीं उनके लिए नाश्ता वगैरह भी पहुंचाया गया। इसके बावजूद हजारों श्रद्धालु ऐसे भी थे, जिन्होंने कहीं भी जाने से साफ मना कर दिया। कीचड़ और दलदल होने के बावजूद वे वहीं परेशानी सहते हुए भी रुके रहे।
इधर आयोजन समिति बारिश के रुकते ही एक बार फिर कथा स्थल को व्यवस्थित करने में जुट गई है, लेकिन अभी समिति के पास पर्याप्त समय नहीं है। पिछली बार सुधार के लिए रात भर और सुबह से एक बजे तक का समय मिल गया था। लेकिन इस बार सुबह तक बारिश ही होती रही। ऐसे में कथा शुरू होने तक सब कुछ व्यवस्थित होना किसी भी हालत में संभव नहीं है। यही कारण है कि इस बार कथा स्थल पर मंगलवार से ज्यादा परेशानियां हो सकती है। यही कारण है कि आज कथा स्थल पर जाकर कथा सुनने के बजाय घर पर टीवी या मोबाइल पर ही कथा सुनना बेहतर होगा।