Magarmach Ka Video: जाल छोटा होने से नहीं हो सका मगरमच्छ का रेस्क्यू, अब आज बड़े जाल से कोशिश करेगी STR की टीम

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Magarmach Ka Video: जाल छोटा होने से नहीं हो सका मगरमच्छ का रेस्क्यू, अब आज बड़े जाल से कोशिश करेगी एसटीआर की टीम

▪️ नवील वर्मा, शाहपुर

Magarmach Ka Video:  मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के एक गांव में मगरमच्छ (crocodile in betul) की मौजूदगी से भरी दहशत है। इसका रेस्क्यू करने रविवार को एसटीआर (Crocodile Rescue) की टीम आई थी। लेकिन, जाल छोटा होने से रेस्क्यू नहीं हो पाया। अब सोमवार को बड़े जाल से एक बार फिर रेस्क्यू करने की मशक्कत की जाएगी। मामला जिले के शाहपुर ब्लॉक के ग्राम सालीमेट (Salimate Village in betul) का है।

 

इस गांव के विजय उइके के खेत के पास स्थित सरकारी तालाब में 4 दिन पहले यह मगरमच्छ देखा गया। संभावना है कि यह तवा नदी से यहां पहुंच गया है। तालाब में मगरमच्छ होने की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने मुआयना किया और रेस्क्यू के लिए एसटीआर टीम को सूचित किया। सूचना पर रविवार को एसटीआर की टीम पहुंची और घंटों तक प्रयास किए। लेकिन बताया जाता है कि जाल छोटा होने से मगरमच्छ का रेस्क्यू नहीं हो पाया। अब सोमवार को बड़े जाल की मदद से रेस्क्यू किया जाएगा।

यहां देखें (Magarmach Ka Video) मगरमच्‍छ के रेस्‍क्‍यू का वीडियो …

 

उल्लेखनीय है कि इस सरकारी तालाब से किसान फसलों के लिए पानी लेते हैं। यहां मगरमच्छ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत है। जहां इस मगरमच्छ की मौजूदगी मिली है, वहां से तवा नदी तीन किमी दूर है। ऐसे में वन विभाग और ग्रामीण यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इतनी लंबी दूरी तय कर यह मगरमच्छ यहां कैसे पहुंचा होगा। संभावना है कि बारिश के दिनों में यह तवा नदी से आ गया होगा। अब तालाब का पानी कम होने से यह नजर आया है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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