MP News: मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (MP Minister Dr. Prabhuram Choudhary) ने बताया है कि प्रदेश में सेवारत चिकित्सकों को पीजी पाठ्यक्रम (PG courses for doctors) में अध्ययन का अवसर उपलब्ध कराने और प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में आयुर्विज्ञान राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (National Board of Medical Examination) द्वारा प्रदेश के चिन्हांकित 11 जिला चिकित्सालयों में डीएनबी और पोस्ट एमबीबीएस पीजी डिप्लोमा की 31 सीट का प्रत्यायन्न किया गया है।
इसके साथ ही प्रदेश की 19 स्वास्थ्य संस्थाओं में सीपीएस मुंबई द्वारा पीजी डिप्लोमा की 92 सीट उपलब्ध हैं। इससे प्रदेश को हर वर्ष स्नातकोत्तर विशेषज्ञता रखने वाले 123 विशेषज्ञ चिकित्सक मिलेंगे।
प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश को प्राप्त पीजी विशेषज्ञता पाठ्यक्रम की कुल 123 सीट में एमबीबीएस डीएनबी की 2, एमबीबीएस, एनबीई एसपीजी डिप्लोमा की 29 और सीपीएस, पीजी डिप्लोमा की 92 सीटें सम्मिलित हैं।
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डीएनबी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए संबंधित शैक्षणिक वर्ष के लिए आयोजित नीट पीजी परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अखिल भारतीय कोटा के लिए आरक्षित सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया आयुर्विज्ञान राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। राज्य स्तर पर आरक्षित एनबीईएस पीजी डिप्लोमा और सीपीएस पीजी डिप्लोमा के लिए पृथक से ऑनलाइन आवेदन और काउंसिलिंग से सीट आवंटन किया जाएगा। इसमें सेवारत चिकित्सकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि जिन स्वास्थ्य संस्थाओं में पीजी पाठ्यक्रम की सीट बढ़ाई गई है, उनमें कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल भोपाल, इंदिरा गांधी गैस राहत हॉस्पिटल भोपाल, मानसिक आरोग्यशाला ग्वालियर, सीएच रानी दुर्गावती जबलपुर, पीसी सेठी इंदौर और भोपाल, होशंगाबाद, विदिशा, सीहोर, ग्वालियर, गुना, मुरैना, शिवपुरी, सागर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रीवा, सतना, शहडोल, बड़वानी, खंडवा, उज्जैन, रतलाम और मंदसौर जिला चिकित्सालय सम्मिलित हैं।