PM Kusum Yojana : महीने भर बिजली जलाने पर भी नहीं आता बिल, बदले में आता है बची राशि का चेक, पीएम ने मन की बात में किया इनका जिक्र

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PM Kusum Yojana : आज देश में सौर ऊर्जा (solar energy) का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह हो रहा है कि 24 घंटे बेरोकटोक बिजली तो मिल ही रही है, कोई बिल भी नहीं आ रहा है। इसके उलट जो बिजली लोग विभाग को दे रहे हैं, उसका भुगतान इन लोगों को किया जा रहा है। इससे इन्हें दोनों तरफ से लाभ मिल रहा है। सरकार भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) सहित कई योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 30 अक्टूबर को मन की बात में ऐसे ही कुछ हितग्राहियों से बात कर उनका उत्साह बढ़ाया। वहीं अन्य लोगों से भी आह्वान किया कि वे भी सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक अपनाएं।

अपने संबोधन में पीएम श्री मोदी ने कहा कि हम, सौर ऊर्जा से बिजली बनाने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल हो गए हैं। सौर ऊर्जा से कैसे हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में बदलाव आ रहा है, वो भी अध्ययन का विषय है। तमिलनाडु में, काँचीपुरम में एक किसान हैं, थिरु के. एझिलन। इन्होंने ‘पीएम कुसुम योजना’ का लाभ लिया और अपने खेत में 10 horse power का solar pump set लगवाया। अब उन्हें अपने खेत के लिए बिजली पर कुछ खर्च नहीं करना होता है। खेत में सिंचाई के लिए अब वो सरकार की बिजली सप्लाई पर निर्भर भी नहीं हैं।

वैसे ही राजस्थान के भरतपुर में ‘पीएम कुसुम योजना’ के एक और लाभार्थी किसान हैं – कमलजी मीणा। कमलजी ने खेत में solar pump लगाया, जिससे उनकी लागत कम हो गई है। लागत कम हुई तो आमदनी भी बढ़ गई। कमलजी सोलार बिजली से दूसरे कई छोटे उद्योगों को भी जोड़ रहे हैं। उनके इलाके में लकड़ी का काम है, गाय के गोबर से बनने वाले उत्पाद हैं, इनमें भी सोलर बिजली का इस्तेमाल हो रहा है, वो, 10-12 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। यानी, कुसुम योजना से कमलजी ने जो शुरुआत की, उसकी महक कितने ही लोगों तक पहुँचने लगी है।

पीएम श्री मोदी ने आगे कहा कि क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं कि आप महीने भर बिजली का उपयोग करें और आपका बिजली बिल आने के बजाय, आपको बिजली के पैसे मिलें? सौर ऊर्जा ने ये भी कर दिखाया है। आपने कुछ दिन पहले, देश के पहले सूर्य ग्राम – गुजरात के मोढेरा (Surya Gram Modhera) की खूब चर्चा सुनी होगी। मोढेरा सूर्य ग्राम के ज्यादातर घर, सोलर पावर से बिजली पैदा करने लगे हैं। अब वहां के कई घरों में महीने के आखिर में बिजली का बिल नहीं आ रहा, बल्कि, बिजली से कमाई का cheque आ रहा है। ये होता देख, अब देश के बहुत से गावों के लोग मुझे चिट्ठियां लिखकर कह रहे हैं कि उनके गांव को भी सूर्य ग्राम में बदला जाए। यानी वो दिन दूर नहीं जब भारत में सूर्य ग्रामों का निर्माण बहुत बड़ा जनांदोलन बनेगा और इसकी शुरुआत मोढेरा गांव के लोग कर ही चुके हैं।

आइये, ‘मन की बात’ के श्रोताओं को भी मोढेरा के लोगों से मिलवाते हैं। हमारे साथ इस समय phone line पर जुड़े हैं श्रीमान् विपिन भाई पटेल।

प्रधानमंत्री जी :- विपिन भाई नमस्ते ! देखिये, अब तो मोढेरा पूरे देश के लिए एक model के रूप में चर्चा में आ गया है। लेकिन जब आपको अपने रिश्तेदार, परिचित सब बातें पूछते होंगे तो आप उनको क्या-क्या बताते हैं, क्या फायदा हुआ ?

विपिन जी :- सर, लोग हमारे को पूछते है तो हम कहते हैं कि हमें जो बिल आता था, लाइट बिल वो अभी जीरो आ रहा है और कभी 70 रूपए आता है पर लेकिन हमारे पूरे गाँव में जो आर्थिक परिस्थिति है वो सुधर रही है।

प्रधानमंत्री जी :- यानी एक प्रकार से पहले जो बिजली बिल की चिंता थी वो खत्म हो गई।

विपिन जी :- हाँ सर, वो तो बात सही है सर। अभी तो कोई tension नहीं है पूरे गाँव में। सब लोगों को लग रहा है कि सर ने जो किया तो वो तो बहुत अच्छा किया। वो खुश है सर। आनंदित हो रहे हैं सब।

प्रधानमंत्री जी :- अब अपने घर में ही खुद ही बिजली का कारखाना के मालिक बन गए। खुद का अपना घर के छत पर बिजली बन रही है,

विपिन जी :- हाँ सर, सही है सर।

प्रधानमंत्री जी :- तो क्या ये बदलाव जो आया है उसकी गाँव के लोगों पे क्या असर है ?

विपिन जी :- सर वो पूरे गाँव के लोग, वो खेती कर रहे हैं, तो फिर हमारे को बिजली की जो झंझट थी तो उसमें मुक्ति हो गई है। बिजली का बिल तो भरना नहीं है, निश्चिन्त हो गए हैं सर।

प्रधानमंत्री जी :- मतलब, बिजली का बिल भी गया और सुविधा बढ़ गई।

विपिन जी :- झंझट ही गया सर और सर जब आप यहाँ आये थे और वो 3D Show जो यहाँ उदघाटन किया तो इसके बाद तो मोढेरा गाँव में चार चाँद लग गए हैं सर।

आइये अब मोढेरा गाँव में वर्षा बहन से भी बात करेंगे।

वर्षाबेन :- हेलो नमस्ते सर !

प्रधानमंत्री जी :- नमस्ते-नमस्ते… मुझे बताइये मोढेरा में जो इतना बड़ा परिवर्तन आया ये Solar Rooftop Plant आपने लगवा दिया। जो शुरू में लोग कह रहे होंगें, तब तो आपको मन में आया होगा, ये क्या मतलब है ? क्या कर रहे हैं ? क्या होगा ? ऐसे थोड़ी बिजली आती है ? ये सब बातें हैं कि आपके मन में आई होगी। अब क्या अनुभव आ रहा है ? इसका फायदा क्या हुआ है ?

वर्षाबेन :-  बहुत सर फायदा तो फायदा ही फायदा हुआ है सर। सर हमारे गाँव में तो रोज दीवाली मनाई जाती है आपकी वजह से। 24  घंटे हमें बिजली मिल रही है, बिल तो आता ही नहीं है बिलकुल। हमारे घर में हमने electric सब चीज़ें घर में ला रखी हैं सर, सब चीज़ें use कर रहे हैं – आपकी वजह से सर। बिल आता ही नहीं है, तो हम free mind से, सब use कर सकते हैं न !

प्रधानमंत्री जी :-  ये बात सही है, आपने बिजली का अधिकतम उपयोग करने के लिए भी मन बना लिया है।

वर्षाबेन :-  बना लिया सर, बना लिया। अभी हमें कोई दिक्कत ही नहीं है. हम free mind से, सब ये जो washing machine है, AC है सब चला सकते हैं सर।

प्रधानमंत्री जी :-  और गाँव के बाकी लोग भी खुश हैं इसके कारण ?

वर्षाबेन :-  बहुत-बहुत खुश हैं सर।

प्रधानमंत्री जी :– और मैं तो मोढेरा के लोगों का अभिनन्दन करूँगा क्योंकि गाँव ने इस योजना को स्वीकार किया और उनको विश्वास हो गया कि हाँ हम अपने घर में बिजली बना सकते हैं।

वर्षा बेन -: 24 घंटे सर ! हमारे घर में बिजली आती है और हम बहुत खुश हैं।

प्रधानमंत्री जी :– चलिए ! मेरी आपको बहुत शुभकामनाएँ हैं। जो पैसे बचें हैं, इसका बच्चों की भलाई के लिए उपयोग कीजिये। उन पैसों का उपयोग अच्छा हो ताकि आपका जीवन को फायदा हो। मेरी आपको बहुत शुभकामनाएँ है। और सब मोढेरा वालों को मेरा नमस्कार !

साथियो, वर्षाबेन और विपिन भाई ने जो बताया है, वो पूरे देश के लिए, गांवों-शहरों के लिए एक प्रेरणा है। मोढेरा का ये अनुभव पूरे देश में दोहराया जा सकता है। सूर्य की शक्ति, अब पैसे भी बचाएगी और आय भी बढ़ाएगी। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से एक साथी हैं – मंजूर अहमद लर्हवाल। कश्मीर में सर्दियों के कारण बिजली का खर्च काफी होता है। इसी कारण, मंजूर जी का बिजली का बिल भी 4 हजार रूपए से ज्यादा आता था, लेकिन, जब से मंजूर जी ने अपने घर पर Solar Rooftop Plant लगवाया है, उनका खर्च आधे से भी कम हो गया है। ऐसे ही, ओडीशा की एक बेटी कुन्नी देउरी, सौर ऊर्जा को अपने साथ-साथ दूसरी महिलाओं के रोजगार का माध्यम बना रही हैं। कुन्नी, ओडीशा के केन्दुझर जिले के करदापाल गांव में रहती है। वो आदिवासी महिलाओं को solar से चलने वाली रीलिंग मशीन पर silk की कताई की training देती हैं। Solar Machine के कारण इन आदिवासी महिलाओं पर बिजली के बिल का बोझ नहीं पड़ता, और उनकी आमदनी हो रही है। यही तो सूर्य देव की सौर ऊर्जा का वरदान ही तो है। वरदान और प्रसाद तो जितना विस्तार हो, उतना ही अच्छा होता है। इसलिए, मेरी आप सबसे प्रार्थना है, आप भी, इसमें जुड़ें और दूसरों को भी जोड़ें।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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