Lumpy Virus: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के ग्रामीण अंचलों में लंपी वायरस (Lumpy Virus) का खासा असर देखा जा रहा है। यह बीमारी कई मवेशियों की जान ले चुकी है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग (veterinary department) द्वारा किए जा रहे प्रयासों से ग्रामीण खास संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। यही कारण है कि मवेशियों को इस बीमारी के प्रकोप से बचाने (protect cattle from disease) वे अपने स्तर पर ही कई तरह के जतन करने में जुट गए हैं।
इसके तहत जिले के विभिन्न गांवों में तरह-तरह के प्रतिबंध (Various restrictions in villages) लगाए जा रहे हैं। कहीं हल्दी, तेल से भोजन फ्राय करने पर प्रतिबंध लगाया गया है तो कहीं मांस-मदिरा का कोई भी ग्रामीण एक सप्ताह तक उपयोग नहीं करेगा। इस तरह के प्रतिबंध का निर्णय ग्रामीणों ने खुद लिया है और इससे पंचायतों को भी अवगत करा दिया है। किसानों का सहारा मवेशियों को बचाने के लिए पंचायत भी इन प्रतिबंधों पर हामी भर रही है।
जिले के ग्राम बोदी जुनावानी (Village Bodi Junavani) में लंपी बीमारी से सप्ताह भर में दर्जन भर मवेशियों की मौत (death of cattle) हो चुकी है। इसके बाद इस बीमारी को दैवीय प्रकोप मानते हुए गांव में कई अनोखे निर्णय लिए गए हैं। ग्राम के सरपंच श्यामू धुर्वे ने बताया कि उन्होंने ग्राम के सिवाने पर ग्रामीणों के साथ पूजन कर निर्णय लिया है कि जब तक मवेशियों पर आई लंपी बीमारी ठीक नहीं हो जाती, तब तक कोई भी ग्रामीण मदिरा, मांस का सेवन नहीं करेगा। वहीं घरों में तेल से कोई भी सब्जी या दाल नहीं बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि महिलाओं से विशेष आग्रह किया जा रहा है कि वे कुएं या हैंडपंप से बेड़ा में पानी (एक साथ सिर पर दो बर्तन या गुंडी रख कर) नहीं लाएंगी। इन सभी नियमों का पालन नहीं करने वालों को 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। हालांकि इन नियमों का खुद ग्रामीण ही कड़ाई से पालन कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार जब तक लंपी वायरस का प्रकोप रहेगा, यह नियम लागू रहेंगे।
आमला गांव में भी मांस-मदिरा पर प्रतिबंध
झल्लार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम आमला में गुरुवार को मुनादी कर 5 दिन तक शराब और मांस के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पशुओं में लगातार बीमारी बढ़ रही है। इससे मवेशियों की मौत भी हो रही है। ग्राम आमला में एक माह पूर्व ग्रामीणों ने काम धंधे बंद रखकर भारी संख्या में एकत्रित होकर देवी देवताओं का पूजन किया था। अब फिर पशुओं को लंपी से बचाने के लिए पांच दिनों तक ग्रामीणों ने शराब और मांस-मदिरा का सेवन न करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण महिलाएं देवी मंदिर में पहुंचकर जल भी अर्पित कर रही है।
अर्जुनवाड़ी में हल्दी-तेल खाने पर रोक
बैतूल मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर बारव्ही के निकट अर्जुनवाड़ी में तो ग्रामीणों ने दिवाली भी नहीं मनाई। लंपी वायरस से मवेशियों की लगातार मौत के बाद यहां ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि सवा माह के लिए पूरे गांव में हल्दी और तेल का उपयोग खाने मेें नहीं किया जाएगा। महिलाएं रोज माता मंदिर जाकर जल चढ़ाएंगी। गांव के लोग खुद देखेंगे कि यदि किसी घर में हल्दी या तेल का उपयोग होता है तो इन पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।