मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के चिचोली ब्लॉक में स्थित ग्राम मांगारोड़ी का हैंडपंप हल्का मटमैला पानी उगल रहा है। इस पानी को जिन बर्तनों में रखा जाता है, वे बर्तन लाल हो जा रहे हैं। यह देखकर ग्रामीणों ने पीएचई विभाग में शिकायत की तो विभाग ने पानी को शुद्ध और पीने योग्य बता दिया। इधर पानी की स्थिति को देखकर ग्रामीण असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार मांगारोड़ी गांव में स्थित हैंडपंप में कुछ खराबी होने के कारण पानी का रंग हल्का मटमैला है। काफी देर तक हैंडपंप चलाने के बाद पानी निकल पा रहा है। सबसे बड़ी बात इस हैंडपंप से निकलने वाला पानी जिस भी बर्तन में रखा जाता है, वह बर्तन बिल्कुल लाल रंग का हो जाता है। देखें वीडियो…
ग्राम के निवासी और पूर्व सैनिक संजीव इवने बताते हैं कि पानी की यही स्थिति देखकर पूर्व में पीएचई विभाग के चिचोली के अधिकारियों से कई बार शिकायत की जा चुकी है। शिकायत पर अधिकारी हर बार सैंपल ले जाते हैं, लेकिन पानी को शुद्ध और पीने बता देते हैं। इस आधार पर ही आज तक न तो हैंडपंप में कोई सुधार किया गया और न ही कोई दूसरी व्यवस्था की गई है।
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दूसरी ओर ग्रामीण यह सोचकर परेशान हैं कि जब यह पानी बर्तनों की यह हालत कर दे रहा है तो इसे पीने पर वह शरीर का क्या हाल करेगा। यही कारण है कि वे इसे पीने के लिए उपयोग में नहीं ले रहे हैं और उन्हें पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इसे देखते हुए ग्रामीणों ने मांग की है कि इस हैंडपंप की मरम्मत कराई जाएं या फिर पानी के लिए अन्य हैंडपंप की व्यवस्था की जाएं ताकि उन्हें शुद्ध पेयजल प्राप्त हो सके।
बाकी हैंडपंप जल्द दे जाते जवाब
ग्रामीणों के अनुसार कहने को तो गांव में 4-5 हैंडपंप हैं, लेकिन वे सब अन्य बस्तियों में और दूर-दूर हैं। इनमें से भी सबसे आखिर की बस्ती वाले हैंडपंप में ही पर्याप्त पानी रहता है। शेष हैंडपंपों का पानी गर्मी शुरू होते ही खत्म हो जाता है। इधर जिस हैंडपंप का पानी मटमैला आ रहा है, उस मोहल्ले के लोगों को पानी के लिए दूर दूसरे मोहल्ले में जाना पड़ रहा है। यही कारण है कि उन्होंने जल्द कोई व्यवस्था किए जाने की मांग की है।