Surya Grahan 2022: इस साल दीपावली का त्योहार सूर्य ग्रहण (solar eclipse) के साए में मनाया जाएगा। दरअसल, 25 अक्टूबर को अमावस्या पर पड़ रही बड़ी दीपावली की रात को चंद्रमा के दीदार नहीं होंगे। लेकिन, उस दिन सूरज भी शाम को पूरा साथ नहीं देगा। दोपहर में पूरा दिखने वाला सूरज का गोला शाम होते-होते अर्द्धगोलाकार दिखने लगेगा। ऐसा इस साल के दूसरे सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना के कारण होने जा रहा है। इसे यह भी कह सकते हैं कि दीपों को मौका देने के लिए सूर्य शाम होने के पहले ही मद्धम होने जा रहा है।
भारत सरकार का नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) ने बताया कि यूरोप के अधिकांश भाग, उत्तरी अफ्रीका के साथ एशिया के पश्चिमी भागों में इसे आंशिक सूर्यग्रहण (partial solar eclipse) के रूप में देखा जा सकेगा। भारत में दिखने वाली इस घटना में शाम होने के पहले चंद्रमा सूरज के आंशिक भाग को ढंक लेगा। पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के आ जाने से यहां आंशिक सूर्यग्रहण की घटना दिखाई देगी।
सारिका ने बताया कि पृथ्वी के भू भाग पर भारतीय समय के अनुसार दोपहर 2 बजकर 28 मिनिट और 21 सेकंड पर यह ग्रहण आरंभ होगा। अपरान्ह 4 बजकर 30 मिनिट और 16 सेकंड पर अधिकतम ग्रहण होगा तथा शाम 6 बजकर 32 मिनिट 11 सेकंड पर यह समाप्त होगा। लेकिन, भारत में 4 बजे के बाद अलग-अलग भू भाग पर दिखना आरंभ होगा। चूंकि भारत में सूर्यास्त ग्रहण समाप्त होने के पहले ही हो चुका होगा, इसलिये यहां ग्रहण सूर्यास्त तक ही दृश्य होगा।
सारिका ने बताया कि आगामी 8 नवम्बर को आंशिक चंद्रग्रहण होगा। सूर्यग्रहण के दो सप्ताह बाद या पहले हमेशा चंद्रग्रहण होता ही है। यह कोई पहली बार होने वाली घटना नहीं है। इसलिये इसके दुष्प्रभावों की बातें ठीक नहीं हैं।
शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि आंशिक सूर्यग्रहण उस समय होता है जब चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आंशिक रूप से आता है। जिससे पृथ्वी के स्थान विशेष से देखने पर सूर्य का कुछ भाग ढंका हुआ दिखाई देता है। इस प्रकार होने वाला ग्रहण आंशिक सूर्यग्रहण कहलाता है।
कब, कहां, किस समय रहेगी ग्रहण की स्थिति | Surya Grahan, Solar Eclipse 2022 Date, Time
- बैतूल में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 46 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 40 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 46 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे की होगी।
- इंदौर में ग्रहण आरंभ का समय अपरान्ह 04 बजकर 42 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 38 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 53 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 11 मिनिट होगी।
- भोपाल में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 42 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 38 मिनिट और ग्रहण की समाप्ति शाम 05 बजकर 46 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 05 मिनिट होगी।
- नर्मदापुरम में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 43 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 39 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 46 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 02 मिनिट होगी।
- रायसेन में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 42 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 38 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 45 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 03 मिनिट होगी।
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- उज्जैन में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 41 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 38 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 53 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 12 मिनिट की होगी।
- खरगौन में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 45 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 40 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 56 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 12 मिनिट होगी।
- बड़वानी में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 43 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 39 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 58 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 1 घंटे 15 मिनिट होगी।
- बिलासपुर में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 49 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 26 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 29 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 40 मिनिट होगी।
- रायपुर में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 51 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 29 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 31 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 41 मिनिट की होगी।
- अंबिकापुर में ग्रहण आरंभ समय अपरान्ह 04 बजकर 47 मिनिट, अधिकतम ग्रहण शाम 05 बजकर 21 मिनिट और ग्रहण समाप्ति शाम 05 बजकर 23 मिनिट पर होगी। यहां ग्रहण अवधि 37 मिनिट की होगी।
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सूर्यग्रहण को देखते समय यह सावधानी बरतें
- सूर्य की केवल प्रक्षेपित छवि ही देखनी चाहिए।
- सूर्य की छवि को एक पिन होल के जरिए छाया वाली दीवार पर प्रक्षेपित करें।
- एक छोटे दर्पण को कागज के टुकड़े से ढकें। इस कागज में 1 से 2 सेंटीमीटर व्यास का छिद्र बनाईये। कागज लगे इस दर्पण का प्रयोग कर दीवार पर सूर्य की प्रक्षेपित छवि को देखिये।
- सूर्य की छवि को प्रक्षेपित करने के लिए एक छोटे टेलिस्कोप या बाइनोक्युलर का प्रयोग किया जा सकता है।
- आंशिक रूप से ग्रहण लगे सूर्य का प्रत्यक्ष दर्शन केवल वैज्ञानिक रूप से जांचे गए और सुरक्षित होने के प्रमाण वाले फिल्टर से करना चाहिए। खरोंच वाले खराब फिल्टर का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण को देखने के लिए केवल अपनी एक आंख का ही प्रयोग करना चाहिए।
- अच्छा तो यह होगा कि ग्रहण देखने वालों को ग्रहण की पूर्ण दशा के आरंभ और समाप्ति की जानकारी देने के लिए एक अनुभवी व्यक्ति साथ हो।
सूर्यग्रहण को देखते समय क्या नहीं करें
- सूर्यग्रहण की आंशिक या वलयाकार स्थिति को कोरी आंखों से देखने का प्रयास न करें।
- टेलिस्कोप या बाइनोक्युलर से सूर्य को कभी न देखें।
- किसी भी ऐसे फिल्टर का इस्तेमाल न करें जो सूर्य की दृश्य तीव्रता को कम कर देता है।
- धूम्रयुक्त ग्लास, रंगीन फिल्म, सनग्लास, नॉन-सिल्वर ब्लैक एण्ड व्हाइट फिल्म, फोटोग्राफिक न्यूट्रल डेंसिटी फिल्टर या पोलराइजिंग फिल्टर, एक्सरे फिल्म का इस्तेमाल न करें। ये सुरक्षित नहीं होते।
- नेत्र गोलकों पर लगाए जाने वाले सौर फिल्टर का इस्तेमाल भी न करें जो सस्ते टेलीस्कोप के साथ बेचे जाते हैं।