▪️ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)
वृंदावन (Vrindavan) में जहां चारों ओर श्री कृष्ण की धूम रहती हैं, वहीं मां वैष्णो देवी (Maa Vaishno Devi) का 141 फीट ऊंचा दरबार भी सजा हुआ है। वृंदावन में जम्मू के वैष्णो देवी की तर्ज पर बने मंदिर की अपनी एक अलग मान्यता है। लोगों का मानना है कि मंदिर की रक्षा हनुमान जी करते हैं। इस मंदिर में मां वैष्णो की 141 फीट ऊंची प्रतिमा है। प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
मां की प्रतिमा के समीप हाथ जोड़े हनुमान जी बैठे हैं। पुराणों में मान्यता है कि जब मां वैष्णो त्रिकुट पर्वत की गुफा में तपस्या करने गई थी, तो उनका अहित करने के लिए भैरवनाथ उनके पीछ पड़ गया था। तभी माता की रक्षा के लिए हनुमान जी आ गए और भैरवनाथ से उनकी लड़ाई हुई थी। नौ महीनों के पश्चात तप करके मां वैष्णो ने बाहर निकल कर काली का स्वरूप धारण करके भैरवनाथ का वध किया था।
कहा जाता है कि मां वैष्णो की जमीन से 141 फीट ऊंची प्रतिमा है। यह मंदिर 11 एकड़ में बना हुआ है। इसमें देवी मंदिर, दर्शन गुफा, लंगर हॉल, फ्री डिस्पेंसरी, आध्यात्मिक हॉल और लाइब्रेरी बनाई गई है। 22 मई 2010 में इसका निर्माण पूर्ण हुआ।
यहां एक गुफा का निर्माण किया गया है, जहां माता के नौ स्वरूपों को स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त वहां श्रीगणेश और भगवान शिव की भी प्रतिमा है। इस मंदिर में चमड़े की कोई भी वस्तु पहनकर या रखकर आना वर्जित है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग काऊंटर बने हुए हैं, जहां वे अपना सामान जमा करवा सके। मंदिर की स्थापना जेसी चौधरी ने की है। मंदिर में एक आश्रम भी है, जहां श्रद्धालु आकर रुक सकते हैं।