Lumpy Skin Disease Treatment: गौपालकों ने जाना भारत भारती में कैसे लंपी बीमारी से सुरक्षित हैं गोवंश, वायरस पर भारी पड़ रहा यहां किया गया नवाचार

Lumpy Skin Disease Treatment: लंपी बीमारी से सुरक्षित हैं गोवंश वायरस पर भारी पड़ रहा नवाचार| betulupdate

Lumpy Skin Disease Treatment: मध्यप्रदेश शासन पशुपालन एवं डेयरी विभाग (MP Government Animal Husbandry and Dairying Department) के अनुसार सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत आज मंगलवार को बैतूल जिले की भारत भारती गौशाला (Bharat Bharti Gaushala) में गौपूजन हुआ। इस मौके पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, जिला पशु प्रजनन कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विनोद पटेल, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी डॉ. अशोक बाघमोढ़े, जनजाति शिक्षा के राष्ट्रीय सह संयोजक बुधपाल सिंह ठाकुर, त्रिवेणी गौशाला प्रभारी मनोज वर्मा, भारत भारती गौशाला परिवार व आसपास के ग्रामीण गौपालकों द्वारा गोपूजन किया गया।

इस अवसर पर डॉ. पाटिल द्वारा गौपालकों को लंपी वायरस से बचाव (Protection of cows from lumpy virus) हेतु अनेक उपाय व उपचार बताये गए व शासन द्वारा किये जा रहे टीकाकरण की जानकारी दी गई। सेवा पखवाड़ा अंतर्गत भारत भारती गौशाला में स्वच्छता, गौमूत्र अर्क निर्माण, केंचुआ खाद निर्माण तथा गौपालकों को पशु उपचार की जानकारी दी गई।

Lumpy Skin Disease Treatment: लंपी स्किन डिजीज का इलाज हुआ संभव भारत भारती में काम आ रहा नवाचार

उल्लेखनीय है कि आधे से अधिक प्रदेश में लंपी वायरस का शिकार पशुधन हो रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत भारती में एक पशु भी इस रोग से ग्रस्त नहीं हुआ। जबकि यहां से कुछ दूरी पर ही कई पशु इस बीमारी से पीड़ित हैं। इसके पीछे पशुओं पर आई आफत को भांपते हुए भारत भारती गौशाला में रह रहे 200 से अधिक गौवंश की सुरक्षा के लिए गौपालक, जल पुरुष एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भारत भारती आवासीय विद्यालय (Bharat Bharti Residential School) के सचिव मोहन नागर का नवाचार है। भारत भारती गौशाला में किए गए इस नवाचार की वजह से ही यहां दो सैकड़ा से अधिक गौवंश में से कोई भी लंपी वायरस की चपेट में नहीं आया है।

पैर धोकर गौशाला शेड में प्रवेश करता है गौवंश | Lumpy Skin Disease Treatment

वैसे तो भारत भारती में संचालित गौशाला में तमाम सुविधाएं हैं। परिसर में ही गौवंश के चारे की व्यवस्था है। इसलिए लंपी एवं अन्य वायरस के संक्रमण का खतरा कम रहता है। बावजूद इसके यहां पशुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था बनाई गई है। सुबह गौवंश को चारे के लिए छोड़ा जाता है, जब शाम को ये लौटते हैं तो शेड में प्रवेश करने से पहले एक टांके में भरे पानी को पार करते हैं। नीम के पानी से होकर गौशाला शेड में प्रवेश करने की वजह से गौवंश के पैरों में लगी गंदगी, कीटाणु धुल जाते हैं। साथ ही संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। यहां वीडियो में देखें कैसे हो रहा लंपी से गौवंशों का बचाव….

नीम के पानी का प्रतिदिन किया जा रहा छिड़काव | Lumpy Skin Disease Treatment

गौवंश को वायरस के अलावा मक्खी एवं मच्छरों से बचाने के लिए भी उपक्रम किया गया है। नीम की पत्तियों को यहां गौसेवकों द्वारा बड़े-बड़े बर्तनों में उबाला जाता है। इसके बाद इस पानी का शेड में रह रहे गौवंश पर छिड़काव किया जाता है। नीम वैसे भी संक्रमण से बचाव के लिए रामबाण है।

गौरतलब है कि भारत भारती से सटे ग्राम जामठी में भी गौवंश में लंपी वायरस का प्रकोप देखने मिल रहा है। भारत भारती गौशाला से सौ मीटर की दूरी पर भी गौवंश इस बीमार का शिकार हुए है, लेकिन गौशाला में करीब 230 गौवंश है जो पूरी तरह से स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। श्री नागर ने बताया कि उन्हें एक गाय के पैरों में सूजन होने पर उसके लंपी वायरस के चपेट में आने की आशंका हुई थी, जिसके बाद उन्होंने उस गाय को अन्य गायों से अलग कर दिया एवं उसका उपचार किया गया। यह गाय अब सुरक्षित है। भारत भारती में जिस तरह गौवंश को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास किए जा रहे है वह सभी के लिए अनुकरणीय है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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