धारुल का अंबा देवी धाम : घने जंगल में 100 फीट गहरी गुफा में खुद प्रकट हुई थीं मां अंबा, शेर भी आता था माता रानी के दर्शन करने

Amba mai dharul | Amba mai dharul| धारुल का अंबा देवी धाम : घने जंगल में 100 फीट गहरी गुफा में खुद प्रकट हुई थीं मां अंबा

▪️ निखिल सोनी, आठनेर

भारत में शक्ति स्वरूपा जगत जननी मां अंबे के कई प्रसिद्ध धाम हैं। इन धामों की अपनी-अपनी महिमा और महत्व है। इन देवी धामों को लेकर कई चमत्कारिक बातें भी किंवदंतियों के रूप में जनमानस में प्रसिद्ध है। ऐसा ही एक प्रसिद्ध देवी धाम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले (Betul district of MP) में भी स्थित है।

यह देवी धाम है बैतूल जिले के आठनेर ब्लॉक में मानी धारुल पंचायत (Mani Dharul Panchayat) अंतर्गत आने वाला प्रसिद्ध अंबा देवी धाम (Famous Amba Devi Dham)। यहां 26 सितंबर से शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri 2022) प्रारंभ होते ही घट स्थापना की गई। अब पूरे 9 दिन तक यहां नवरात्र पर्व की धूम रहेगी। इस बीच रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे और मातारानी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

इस धाम को लेकर मान्यता है कि प्राचीन काल में 100 फीट गहरी गुफा में मां अंबा देवी यहां पर प्रकट हुई थी। मातारानी की यहां एक प्रतिमा है। यहां पर गहरी गुफा में मां अंबा देवी के अलावा भगवान शिव-पार्वती, अन्नपूर्णा देवी, काली माता एवं अन्य सभी देवी देवता भी पाषाण प्रतिमा के रूप में प्राचीन काल से प्राकृतिक रूप में प्रकट हुए थे।

समिति के वरिष्ठ सदस्य भोजराज गायकवाड़ ने बताया कि हर वर्ष नवरात्रि पर्व पर मेले के स्वरूप में भक्तगण हजारों की संख्या में पहुंचते हैं। यहां पर चाय, पानी एवं अन्य प्रकार की सुविधाएं समिति की ओर से नि:शुल्क रूप से की जाती है। समिति की ओर से अन्य प्रकार की सुविधाएं भी यहां पर प्रदान की गई है। जिसमें मुख्य रुप से बिजली व्यवस्था एवं ठहरने के लिए व्यवस्था बनाई गई है।

आठनेर अंबा माई धारुल| यहां दर्शन करने आता है शेर

बताया जाता है कि वर्षों पूर्व यहां पर आठनेर नगर के बुजुर्ग स्वर्गीय सोमराज घोडकी के द्वारा पहली बार दर्शन कर माता की खोज की गई थी। उस समय यहां तक पहुंच पाना बेहद कठिन था। घने जंगल में स्थित इन गुफाओं में जंगली जानवर और अन्य प्रकार के जहरीले जीव जंतु गुफा में थे। उस विषम परिस्थिति में भी यहां पर भक्तों के द्वारा हजारों की संख्या में पहुंचकर दर्शन किए जाते थे।

केरोसिन की मशालों के माध्यम से दर्शन करना यहां की खासियत थी। पूरे रेंगते हुए इस गुफा में पहुंचकर देवी दर्शन होते थे। हालांकि आज इस स्थान पर काफी परिवर्तन हो गया है। यहां दर्शन करने पहुंच रहे हजारों की संख्या में भक्तगण आनंद महसूस करते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि शेर भी यहां मातारानी के दर्शन को प्रतिदिन आता था।यहां देखें माता अंबा के धाम धारुल का वीडियो…

कैसे पहुंचे माता रानी के धाम

यह स्थान बैतूल से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। आठनेर से गारगुड (Athner to Gargud Road) होते हुए टू-लेन सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती (Borders of MH and MP) क्षेत्र में स्थित उक्त स्थान आठनेर थाना क्षेत्र में आता है। जंगलों में स्थित इस स्थान में कई प्राकृतिक एवं पत्थरों से बनी शिलाएं एवं जड़ी-बूटी भी मौजूद हैं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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