Pitru Paksha 2022: शनिवार से शुरू हो रहे पितृ पक्ष, इस तिथि को फिर भी नहीं किए जा सकेंगे श्राद्ध; आशीर्वाद देने आते हैं पूर्वज

Pitru paksha 2022
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▪️ सचिन शुक्ला, शाहपुर

Pitru Paksha 2022: इस बार पितृपक्ष में 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं है। इस बार सप्तमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर 2022 को व अष्टमी तिथि का श्राद्ध 18 सितंबर 2022 को मनाया जायेगा। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पंडित लक्ष्मीनयन शुक्ला ने दी है। उन्होंने बताया कि पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने से जुड़ा पितृपक्ष 10 सितंबर 2022 शनिवार से आरंभ होगा। 16 दिवसीय पितृपक्ष में इस बार 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध नहीं होगा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू हो रहे। पितृपक्ष का समापन 25 सितंबर दिन रविवार 2022 को होगा।  शारदेय नवरात्र 26 तारीख को दुर्गा जी की स्थापना होगी।

17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं

ज्योतिषाचार्य  पंडित लक्ष्मीनयन शुक्ला ने बताया कि इस बार पितृपक्ष में 17 सितंबर 2022 को श्राद्ध की तिथि नहीं है। इस बार सप्तमी तिथि का श्राद्ध 16 सितंबर 2022 को व अष्टमी तिथि का श्राद्ध 18 सितंबर 2022 को मनाया जायेगा। पंडित शुक्ला के अनुसार हिंदू धर्म में पितृपक्ष काफी महत्वपूर्ण होता है और यह हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के शुरू होता है।

पितृपक्ष में पूर्वज कौवे रूप में धरती पर आते

15 दिन तक चलने वाला यह पितृपक्ष अश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होता है। इस दौरान अपने पूर्वजों व पितरों का पिंडदान व तर्पन किया जाता है। कहते हैं पितृपक्ष में पूर्वज कौवे रूप में धरती पर आते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 15 दिनों के लिए पितृ धरती पर आते हैं। उनका श्राद्ध और तर्पण पूरे विधि-विधान से किया जाता है। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह आशीर्वाद देकर वापस चले जाते हैं।

पंडित लक्ष्मीनयन शुक्ला ने बताया कि पितृ दोष दूर करने के लिए पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण-श्राद्ध और पिंडदान करें। पितृपक्ष में किये गये पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाकर रोज उनको प्रणाम करें। ऐसा करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है।

पितृपक्ष के दौरान शुभ या मंगल कार्य नहीं करना चाहिए

पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभ या मंगल कार्य नहीं करना चाहिए। यह समय केवल पितरों की आत्मा की शांति उनको प्रसन्न करने के लिए होता है. पितृपक्ष में विधि-विधान से अपने सभी पूर्वजों का तर्पण करना चाहिए।

पितृ पक्ष में श्राद्ध तिथियां

  • 10 सितंबर 2022- पूर्णिमा का श्राद्ध/ प्रतिपदा का श्राद्ध
  • 11 सितंबर 2022- द्वितीया का श्राद्ध
  • 12 सितंबर 2022- तृतीया का श्राद्ध
  • 13 सितंबर 2022- चतुर्थी का श्राद्ध
  • 14 सितंबर 2022- पंचमी का श्राद्ध
  • 15 सितंबर 2022- षष्ठी का श्राद्ध
  • 16 सितंबर 2022- सप्तमी का श्राद्ध
  • 18 सितंबर 2022- अष्टमी का श्राद्ध
  • 19 सितंबर 2022- नवमी श्राद्ध
  • 20 सितंबर 2022- दशमी का श्राद्ध
  • 21 सितंबर 2022- एकादशी का श्राद्ध
  • 22 सितंबर 2022- द्वादशी का श्राद्ध
  • 23 सितंबर 2022- त्रयोदशी का श्राद्ध
  • 24 सितंबर 2022- चतुर्दशी का श्राद्ध
  • 25 सितंबर 2022- अमावस्या का श्राद्ध
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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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