▪️ विजय सावरकर, मुलताई
Two councilors left BJP: नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव में क्रास वोटिंग का आरोप लगाकर जिला संगठन द्वारा भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए मानसिक रूप से आहत किया जा रहा है। जिसके चलते मजबूर होकर हम भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।
यह आरोप सुभाष वार्ड के पार्षद पंजाब चिकाने एवं नेहरू वार्ड के पार्षद रितेश विश्वकर्मा ने लगाते हुए भाजपा के जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा प्रेषित किया है। पार्षद पंजाब चिकाने ने भाजपा जिला अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे में बीते 29 वर्षों से भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता होने और सदैव पूर्ण निष्ठा के साथ पार्टी में करने के साथ यह भी उल्लेखित किया है कि वर्तमान में सुभाष वार्ड जहां 17 वर्षों से भाजपा का पार्षद नहीं बन पा रहा था। वहां जीत दर्ज कर पार्षद निर्वाचित हुआ हूं।
श्री चिकाने ने नगर पालिका चुनाव के बाद छवि धूमिल करने के लिए उन पर बिना किसी आधार के लगातार बिना तथ्यों और साक्ष्य के आरोप लगाने का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार को ही अपना मत देने के साथ इस संबंध में जिलाध्यक्ष को पूर्व में ही स्पष्टीकरण देने की बात कही है। साथ ही इस्तीफे में यह भी उल्लेखित किया है कि जिला संगठन की नाकामी का आरोप मुझ पर लगाया जा रहा है। बीते कुछ समय से मैं अस्वस्थ चल रहा हूं। और जिला संगठन के भेदभाव पूर्ण रवैया से मानसिक रूप से आहत हो रहा हूं। जिसके चलते मुझे मजबूरन भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय करना पड़ रहा है।
- यह भी पढ़े: जंगल में पेड़ पर लटका मिला युवक का शव; आमला में पेड़ों के बीच फंसे मिले तेंदुए ने इलाज के दौरान तोड़ा दम
वही नेहरू वार्ड के पार्षद रितेश विश्वकर्मा ने अपने इस्तीफे में उल्लेखित किया है कि मैंने पार्टी के प्रति सदैव समर्पण का भाव रखा है। पूरी निष्ठा के साथ पार्षद पद का चुनाव लड़ा। 12 वर्षों से कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले नेहरू वार्ड में भाजपा की जीत का परचम लहराया। चूंकि मैं एक संगठन का कार्य करता हूं इस नाते समाज के प्रति मेरा उत्तरदायित्व अधिक है। बीते नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव के बाद मुझ पर लगातार बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने भाजपा के अधिकृत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार को अपना मत दिया है। जिसका स्पष्टीकरण मेरे द्वारा दिया जा चुका है।
संगठन में गुटबाजी के कारण बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। जिला संगठन की चूक का ठीकरा मुझ पर फोड़ा जा रहा है। जिस से आहत होकर मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। वर्तमान जिला नेतृत्व के रवैये से आहत होकर मजबूरन यह निर्णय करना पड़ रहा है। मेरी विचारधारा भाजपा की है,और सदैव रहेंगी। जिला नेतृत्व में संगठन पद्धति के लोग आएंगे तो पुनःसंगठन की सेवा में उपस्थित हो जाऊंगा।
- यह भी पढ़े: पहले महिला पार्षद से सरेआम मारपीट, अब नगर परिषद अध्यक्ष से झूमाझटकी, अध्यक्ष के साथी की पिटाई
वर्तमान नपा अध्यक्ष और पूर्व नपा अध्यक्ष के निष्कासन के बाद बदले राजनीतिक समीकरण
सोमवार को भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा वर्तमान नपाध्यक्ष नीतू परमार और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हेमंत शर्मा के साथ भाजपा नेता प्रहलादसिंह परमार और भीमसिंह चंदेल के पार्टी से निष्कासन के आदेश जारी होने के बाद राजनैतिक समीकरण में परिवर्तन आया है। मंगलवार को भाजपा के दोनों पार्षदों द्वारा पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना इस निष्कासन की कार्रवाई से जोड़ा जा रहा है। यह दोनों भाजपा पार्षद पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हेमंत शर्मा के करीबी माने जाते हैं। इस स्थिति में राजनीतिक विश्लेषक पार्षदों द्वारा भाजपा से किनारा करने के घटनाक्रम को निष्कासन की कार्रवाई से जोड़ रहे हैं।
वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मत है कि नीतू परमार ने बगावत कर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी। लेकिन उन्होंने निर्वाचन के बाद अपने बयान में भाजपा के प्रति निष्ठा जाहिर की थी। इस स्थिति में कांग्रेस ने आज तक नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की जीत होने का दावा नहीं किया था। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष नीतू परमार के निष्कासन के बाद भाजपा ने कांग्रेस की राह आसान कर दी है। वही सूत्र यह भी बताते हैं कि निष्कासन और दो भाजपा पार्षदों के पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के घटनाक्रम के बाद अभी भाजपा के लिए कोई नया झटका सामने आ सकता है।