• उत्तम मालवीय, बैतूल
Indian Railway : अब रेल यात्रियों (rail passengers) को अपने बोर्डिंग स्टेशन (boarding station) से ही ट्रेन में यात्रा शुरू करना होगा। यदि यात्री सोचते हैं कि वे बोर्डिंग स्टेशन की जगह एक-दो स्टेशन बाद से ट्रेन में बैठ जाएंगे तो, उन्हें इसका तगड़ा नुकसान उठाना होगा।
बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन में सवार नहीं होने पर उनकी रिजर्व बर्थ (reserve birrh) आरएसी (RAC) या वेटिंग लिस्ट (WL) वाले किसी अन्य यात्री को आवंटित कर दी जाएगी। रेलवे द्वारा अब नवीनतम कम्प्यूटरीकृत टीटीई लॉबी (Computerized TTE Lobby technology) तकनीक लागू कर दी है। जिससे यह व्यवस्था ऑटोमैटिक प्रभावी हो गई है।
मध्य रेल (central railway) के नागपुर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रेलवे ने डिजिटल पहल शुरू करने के अपने प्रयास में और यात्रा करने वाली जनता को सर्वोत्तम यात्री सेवाएं प्रदान करने की दृष्टि से टिकट जांच में नवीनतम कम्प्यूटरीकृत टीटीई लॉबी तकनीक लागू की है। जिसमें ऑन-बोर्ड टिकट जांच गतिविधियों को पारदर्शी और हैंड हेल्ड टर्मिनल (HHT) पर आधारित बनाया गया है।
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यह HHT डिवाइस सीधे पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) सर्वर से जुड़े होते हैं। इसमें ट्रेन में खाली बर्थ को वास्तविक समय के आधार पर पीआरएस में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे इस संबंध में मानवीय हस्तक्षेप को समाप्त हो गया है। पीआरएस में स्थानांतरित हुए टिकट को आरएसी या वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को आवंटित कर दी जाएगी।
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आईपैड के आकार के एचएचटी को यात्री आरक्षण चार्ट के साथ लोड किया जाएगा, क्योंकि यह जीपीआरएस के माध्यम से पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) के केंद्रीय सर्वर से जुड़ा है। इससे टिकटों की बुकिंग, खाली बर्थ की स्थिति का विवरण वास्तविक समय के आधार पर अपडेट किया जाता है।
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इससे यात्रियों को कैंसिलेशन या वेटिंग लिस्ट टिकट के खिलाफ आरक्षण में काफी मदद मिलेगी। इससे बर्थ आवंटन में पारदर्शिता आएगी। यही कारण है कि यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने यात्रा टिकटों में दर्शाए गए बोर्डिंग स्टेशनों से ही अपनी यात्रा प्रारंभ कर दें, अन्यथा खाली बर्थ को एचएचटी उपकरणों के माध्यम से टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा सीधे ट्रेन से पीआरएस सेंट्रल सर्वर पर जारी कर दिया जाएगा।
यदि यात्री अपने यात्रा टिकट में उल्लिखित उनके बोर्डिंग स्टेशन के अलावा किसी अन्य से बोर्ड करते हैं तो वे अपनी बर्थ खो देंगे। क्योंकि उनकी बर्थ पीआरएस सिस्टम द्वारा आरएसी/डब्ल्यूएल यात्रियों को आवंटित की जाएगी। अभी तक होता यह था कि बोर्डिंग स्टेशन पर यात्री के ना आने पर भी कुछ स्टेशनों तक टीटीई यात्री का इंतजार करते थे। इसके बाद टीटीई खुद अन्य यात्रियों को वह बर्थ आवंटित करते थे। अब ऐसा नहीं होगा।