• विजय सावरकर, मुलताई
बोरदेही थाना क्षेत्र के आमला छिंदवाड़ा रेलवे ट्रैक पर मिले ग्रामीण के शव की घटना का खुलासा हो गया है। इसमें यह बात सामने आई है कि मृतक का अपने साथियों के साथ मोबाइल फोन रखने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद के चलते दो साथियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया था।
गुरुवार को एसडीओपी नम्रता सोंधिया ने प्रेस वार्ता में प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि बीते 22 जून को बोरदेही थाना क्षेत्र के ग्राम दीपामंडई निवासी चैतु पिता दशरथ उइके 45 साल का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला था। शव के पास कीपैड वाला मोबाइल बरामद हुआ था। साथ ही शव के ऊपर विवो कंपनी का स्मार्टफोन मिला था।
मृतक के पिता दशरथ की सूचना पर मर्ग कायम कर दशरथ, साक्षी गोलू उईके, भूरू उईके, अनिल उइके, मल्लू मेहरा के कथन लिए। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि मृतक के शव के पास मिला कीपैड मोबाइल मृतक चैतू का था। जबकि स्मार्टफोन गोलू उर्फ प्रमोद पिता इंदल सूर्यवंशी निवासी ग्राम भयावाडी का होना पाया गया।
पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि 21 जून को चैतू पंचायत चुनाव लड़ रही उसके साथी गोलू उर्फ प्रमोद सूर्यवंशी की पत्नी की जीत के लिए पूजा पाठ कराने किसी पुजारी के पास ले जाने के लिए गोलू के पास पहुंचा था। चैतू के साथ रामनाथ धुर्वे और गोलू सूर्यवंशी पूजा पाठ कराने के लिए रात में ग्राम कामठा जाने के लिए निकले थे।
हालांकि रास्ता भटकने से पुजारी के पास नहीं पहुंच सके। इसके बाद बोरदेही पहुंच कर प्रमोद सोनी के घर गए। उस दौरान चैतू कहीं चला गया। चुनाव के संबंध में बातचीत करने के बाद रामनाथ धुर्वे और गोलू अपने घर चले गए। गोलू को गाड़ी में रखा अपना मोबाइल नहीं मिला तो उसने 22 जून को पुलिस थाने में विवो कंपनी का मोबाइल फोन घूमने आवेदन भी दिया था।
जांच के दौरान प्रथम दृष्टया संदेही रामनाथ पिता धामसा धुर्वे निवासी ग्राम दीपामांडई और गोलू उर्फ प्रमोद पिता इंदल सूर्यवंशी निवासी ग्राम भयावाडी द्वारा चैतू उईके की हत्या करने की पुष्टि हुई। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 201, 34 के तहत केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश की। आरोपी घर में ही मिले। जिनसे पूछताछ करने के बाद दोनों आरोपियों ने चैतू की हत्या करने की बात स्वीकार की। दोनों को गिरफ्तार कर उनके मोबाइल जप्त कर दोनों आरोपियों को आमला न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
एसडीओपी सुश्री सोंधिया ने बताया कि अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में बोरदेही थाना प्रभारी निरीक्षक जयंत मर्सकोले, सहायक उपनिरीक्षक श्रीराम मांडवी, मुकेश ठाकुर प्रधान आरक्षक सुनील पंड्राम, आरक्षक कन्हैया रघुवंशी, साइबर सेल बैतूल प्रभारी उप निरीक्षक राजेंद्र राजवंशी, आरक्षक दीपेंद्र और राजेंद्र की भूमिका रही।
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रेलवे ट्रैक पर चैत्तू का सिर पटक कर की थी हत्या
एसडीओपी सुश्री सोंधिया ने बताया आरोपी रामनाथ ने रेलवे ट्रैक पर चैतू का सिर पटक दिया था। सिर फटने से चैतू की मौके पर ही मौत हो गई थी। उसके बाद रामनाथ और गोलू मौके से भाग गए थे। इस दौरान चैतू के शरीर के ऊपर से दो ट्रेन गुजरी। जिसके चलते उसका बाया हाथ कट गया था। मृतक के शव की हालत देखने के बाद मामला संदेहास्पद लगने पर हर बिंदु पर जांच कर मृतक के अंधे कत्ल का खुलासा किया गया।