भारत में 13 जुलाई 2022 को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के मौके पर लोग अपने गुरू की विशालता को नमन करेंगे। उसी समय शाम के आकाश में गुरूपूर्णिमा का चंद्रमा भी साल का सबसे विशाल चंद्रमा महसूस होगा। दरअसल बुधवार को आकाश में जो मून रहेगा वो सुपरमून (Supermoon) रहेगा।
इस खगोलीय घटना (celestial event) की विस्तृत जानकारी नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (Sarika Gharu) ने दी है। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को चंद्रमा पृथ्वी से 357418 किमी दूर रहेगा। वह पृथ्वी से साल की सबसे कम दूरी पर होगा। इस कारण इसका आकार अपेक्षाकृत बड़ा और चमक अधिक महसूस होगी। विगत कुछ दशकों में इस खगोलीय घटना को सुपरमून नाम दिया गया है।
सारिका ने बताया कि सुपरमून शाम 7 बजे के लगभग पूर्वी आकाश में उदित होगा। मध्यरात्रि में ठीक सिर के उपर होगा। इसके बाद सुबह सबेरे यह पश्चिम में अस्त होकर पूरी रात आपका साथ देगा। पश्चिमी देशों में इसे बक मून (Buck Moon) के नाम से भी जाना जाता है। वहां नर हिरण इस समय अपने सींग उगाना आरंभ कर देते हैं।
सूर्य पृथ्वी से इस समय सबसे अधिक दूर है तो चंद्रमा पृथ्वी के पास आने जा रहा है। पृथ्वी की अंडाकार पथ पर परिक्रमा (circle the oval) के कारण सूर्य 4 जुलाई को लगभग 15 करोड़ 21 लाख किमी दूर था। वह साल की सबसे अधिक दूरी थी। वहीं आज चंद्रमा भी अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा के कारण पूर्णिमा पर साल में सबसे नजदीक आ रहा है।
यह भी पढ़ें… celestial movement : आसानी से देखा जा सकेगा जुपिटर और वीनस का मनोहारी मिलन, आने वाले सप्ताह की हर सुबह होगी बेहद खास