सारणी। एक समय बैतूल जिले की विद्युत नगरी सारणी पूरे जिले को रोजगार उपलब्ध कराती थी। जिले ही नहीं बल्कि अन्य जिलों और प्रांतों से भी लोग यहां रोजगार करने आते थे। अब स्थिति इसके विपरीत है। अब यहां के लोगों को काम की तलाश में अन्य जगह जाना पड़ रहा है। सारणी के जय स्तंभ चौक पर अक्सर देखा जाता है कि सारणी के युवा एक साथ ग्रुप में बाहर रोजगार की तलाश में जा रहे हैं।
पुरानी सारणी में रहने वाले वेल्डर विजय ने बताया कि परिवार का भरण पोषण करने के लिए रामागुंडम प्लांट में काम करने जा रहे हैं। वह आंध्र प्रदेश में है। जबकि एक समय ऐसा था कि रामागुंडम के लोग सारणी प्लांट में काम करने के लिए आते थे।
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सारणी से लगे खैरवानी गांव के ग्रामीण सोहनलाल, रामजी और पाथाखेड़ा के निवासी कृष्णा ने बताया कि वह काम की तलाश में इटारसी जा रहे हैं। जबकि पहले उन्हें सारणी के प्लांट में रोजगार मिल जाया करता था।
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प्रदेश की विद्युत नगरी कहे जाने वाले सारणी में यह सिलसिला रोकने के लिए कदम उठाना जरुरी है। जानकारों के अनुसार यहां अगर डिस्मेंटल हुए प्लांट के स्थान पर 660 मेगावाट की एक यूनिट आ जाए तो नगर व जिले के युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य व अन्य स्थानों पर पलायन नहीं करना पड़ेगा।