◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
ऐसा लगता नहीं कि बैतूल जिले में अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) योजना में गुणवत्ता (Quality) का जरा भी ध्यान रखा जा रहा है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) द्वारा कराए जा रहे इस कार्य की गुणवत्ता की पोल पहली बारिश में ही खुल गई है। जिले के चिचोली ब्लॉक के आलमपुर में 44 लाख रुपये की लागत से अमृत सरोवर बनाया गया था। यह पहली बारिश भी नहीं झेल पाया और फूट गया (pond washed away in the rain)। ग्रामीणों ने इसमें घटिया निर्माण (shoddy construction) का आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम आलमपुर में अमृत सरोवर योजना के तहत 44 लाख की राशि से अमृत सरोवर का निर्माण किया गया था। सोमवार की देर रात शुरू हुई बारिश को ही यह सरोवर नहीं झेल पाया। आज सुबह जब ग्रामीण पहुंचे तो पाया कि अमृत सरोवर फूट गया है। इसकी शिकायत उन्होंने अधिकारियों से की है। बताया जा रहा है कि आरईएस विभाग ने यह अमृत सरोवर तालाब बनाया गया था।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में इस योजना का शुभारंभ किया था। हर जिले में अमृत सरोवर बनने थे। इन अमृत सरोवरों का काम 15 जून तक पूरा करना था। इस योजना के तहत चिचोली विकासखंड के आलमपुर में नाले के पास भी तालाब बनाया गया था। बारिश के चलते इसकी रिटेनिंग वाल का 10 से 15 फीट तक हिस्सा फूट गया। इसके साथ ही इसमें जमा पानी भी बह गया। देखें वीडियो…
आलमपुर के पूर्व जनपद सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता ङोमा सिंग कुमरे ने बताया कि यह तालाब आरईएस विभाग द्वारा बनवाया गया है। इसमें घटिया निर्माण की पहले ही शिकायत की गई थी। शिकायत आरईएस विभाग के एसडीओ को भी की गई थी। तालाब निर्माण 100 प्रतिशत मशीनों से किया गया है। इसमें ना पिचिंग की गई और ना ही रोलर चलाया गया। इसका नतीजा है कि इसमें अपेक्षित मजबूती नहीं आ सकी और यह फूट गया।
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इस बारे में आरईएस के चिचोली एसडीओ और जनपद के प्रभारी सीईओ अभिषेक वर्मा का कहना है कि आज सुबह आलमपुर में अमृत सरोवर फूटने की सूचना मिली है। वे टीम को लेकर मौके पर पहुंच रहे हैं। रिटेनिंग वाल का 10 से 15 फीट हिस्सा फूट गया है। यह साइड का हिस्सा था। अभी इसका काम चल रहा था, पूरा नहीं हुआ था। जल्दबाजी में निर्माण होने के कारण भी यह हो सकता है। मामले की पूरी जांच की जाएगी।
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