• उत्तम मालवीय, बैतूल
गांवों में वाकई आज भी आत्मीयता है, संवेदना है, एकता है, अनुभूति है, अपनापन है, सहानुभूति है। यदि कोई दुखी है तो न केवल उसे अनुभूत करने की क्षमता है बल्कि उन्हें दुख से उबारने की भावना और जज्बा भी है। इन भावनाओं का चरमोत्कर्ष हाल ही बैतूल जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्राम खेड़ली भैंसदेही में देखा गया। एक गरीब परिवार की बेटी की शादी थी। लेकिन गरीबी के चलते परिवार बेटी के धूमधाम से हाथ पीले नहीं कर पा रहा था। ऐसे में पूरे गांव ने इस बेटी के लिए मदद जुटाई और धूमधाम से इस बेटी की शादी कर उसे बिदा किया। ग्रामीणों की एकता, आत्मीयता और संवेदनशीलता ने एक बेटी, एक पिता और पूरे परिवार का सपना साकार कर दिया।
हर पिता की चाहत होती है कि बेटी की डोली धूमधाम से उठे। लेकिन आज भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनके लिए यह सिर्फ सपना ही है। ग्राम भैंसदेही खेड़ली के एक मजदूर पिता के लिए भी यह एक सपना ही रह जाता यदि ग्रामवासी सहयोग को आगे नहीं आते। लेकिन इस गरीब पिता की हसरत पूरे गांव ने मिलकर पूरी की। देखें वीडियो 👇
भैंसदेही ग्राम के निवासी कांता प्रसाद गंगारे की बड़ी बेटी राखी का विवाह 3 मई को हुआ। बेटी का विवाह तय होने के बाद से ही कांता प्रसाद को चिंता सताने लगी थी। आर्थिक तंगी से जूझ रहा यह परिवार हाथ मजदूरी के सहारे हैं। इसलिए कभी कोई बचत भी नहीं कर पाया। कांता प्रसाद की हालत से पूरा गांव वाकिफ है। जब राखी की शादी जुड़ने की जानकारी ग्रामवासियों को मिली तो एक के बाद एक सभी सहयोग के लिए जुटने लगे।
राजेश निर्मले ने संभाली कमान
ढोलेवार कुन्बी समाज के ग्राम भैंसदेही के राजेश निर्मले द्वारा नई पहल की गई। उन्होंने कांता प्रसाद गंगारे की सुपुत्री के विवाह हेतु आर्थिक सहायता राशि जमा करने की कमान संभाली। जिसमें ग्राम के सभी युवाओं और बड़े बुजुर्गों का सहयोग प्राप्त हुआ। इस शुभ कार्य हेतु समाज के अध्यक्ष रेवती प्रसाद सरले, नीतू पटेल बाजपुर, जयप्रकाश सरले देवगांव, हरचरण गोचरे तेड़ा, नरेंद्र ठाकरे बड़ोरा, तुलसीराम गंगारे, श्री कोकाटे मासाब, ग्राम पंचायत भैंसदेही के सरपंच नंदकिशोर गोचरे, भोजराज बरडे, आनंद कोडले और अन्य समाज के सम्मानित व्यक्तियों द्वारा लगभग 71000 से अधिक की सहायता राशि प्रदान की गई।
विधायक डागा और पूर्व सांसद खंडेलवाल भी आए सहयोग करने के लिए आगे
इस अनूठे प्रयास की जानकारी मिलने पर बैतूल विधायक निलय विनोद डागा भी न केवल विवाह कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि 10 हजार रुपए की सहायता भी दी। इससे पहले पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल को भी जब ग्रामवासियों द्वारा मिलकर एक गरीब परिवार की बेटी की शादी किए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने परिवार को विवाह के लिए पांच हजार रुपए सहयोग राशि भेंट की।
इधर गांव में भी किसी ने अनाज तो किसी ने टेण्ट की व्यवस्था संभाली। पूरे गांव ने बारात की अगुवाई की। ग्रामीणों की इस एकजुटता के चलते ही धूमधाम से बेटी की बिदाई हुई। इस तरह पूरे गांव ने मिलकर एक पिता के सपने को साकार किया। शहरी क्षेत्रों में इस तरह के सहयोग और एकता की भावना कम ही देखने को मिलती है।