• नवील वर्मा, शाहपुर
होशंगाबाद जिले के सुखतवा में अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए 157 साल पुराने पुल के टूटने पर अब तमाम तरह की बातें होने लगी हैं। इन सबका लब्बोलुआब यही निकल कर सामने आ रहा है कि सड़क सुरक्षा के नाम पर तमाम तरह के नियम कायदे तो बनते हैं पर उनका पालन करवाने की सुध कोई नहीं लेते।
यह ट्राला बैतूल जिले में कई दिनों तक खड़ा रहा पर परिवहन विभाग के किसी अधिकारी ने ध्यान देना तक जरूरी नहीं समझा। यह ट्राला बकायदा कई थानों, चौकियों, टोल बैरियर, संबंधित विभागों, यहां तक कि परिवहन विभाग के कार्यालय के सामने से गुजरा पर तब भी किसी ने ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
हादसे के बाद अब तरह – तरह की बातें हो रही हैं, लेकिन हकीकत यही है कि जिम्मेदार विभाग यदि जरा भी ध्यान देते तो वह पुल जमींदोज होने से बच सकता था। इसकी पुष्टि के लिए हम आपको दिखाते है वह वीडियो जो साफ बता रहा है कि वह कोई सामान्य वाहन नहीं था जिस पर किसी की नजर नहीं जा पाती। बल्कि वह वाहन ऐसा था कि किसी का भी ध्यान सहज ही आकृष्ट कर लेता था।
यह ट्राला आज सुबह जब शाहपुर पहुंचा तो ट्राला और मशीन लोगों का आकर्षण का केन्द्र बन गए थे। अन्य वाहन जो दूरी एक और दो दिन में तय कर लेते हैं, उसे तय करने में उसे एक महीने लग गए थे। वाहन सड़क पर ठीक से चलता रहे उसके लिए 6 से 8 कर्मचारी साथ चलते थे। कोई बिजली के तार उठाता था तो कोई आगे-पीछे से आने वाले वाहनों को रोकता था।
इस ट्राले में एक एक्सल में 8 टायर लगे हैं कुल 16 एक्सल में 128 टायर लगे हुए है। वहीं ट्राले को खींचने वाले ट्रक में 10 टायर है। ड्राइवर राजू शर्मा के मुताबिक वे सिर्फ दिन ही ट्राले को चलाते हैं। जहां शाम होती है वहां ट्राला खड़ा कर देते हैं। एक दिन में बमुश्किल 40 से 50 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि मशीन का वजन 130 टन है।
हादसे के बाद याद आए कायदे
भारी मल्टी एक्सल ट्रेलर के कारण सुखतवा पुल हादसा होने के बाद होशंगाबाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार मामले की जानकारी भोपाल तक तलब की गई है। इस हादसे के पीछे नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बैतूल जिले के अधिकारियों की चूक और लापरवाही को वजह माना है। सिंह ने बताया कि इतना हेवी लोडेड ट्रेलर बैतूल जिले में हाइवे तक आया, यहां एनएचएआई के अधिकारियों ने टोल नाके पर किसी तरह की जानकारी नहीं ली, न ही यह तय किया कि इतना भारी वाहन पासिंग कराना सुरक्षित होगा या नहीं। इस हादसे को लेकर एनएचएआई के बैतूल जिले के अधिकारी जांच के लपेटे में आ सकते हैं।
अधिकारियों के अनुसार इस हादसे को लेकर हैदराबाद की कार्गो सर्विस कंपनी, ट्रेलर चालक और अन्य लोगों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है। मशीनों को लेकर एनटीपीसी अधिकारियों से भी प्रशासन ने संपर्क किया है।