• उत्तम मालवीय, बैतूल
बैतूल जिले के सारनी में एक बार फिर से वन्य प्राणी के मूवमेंट से दहशत है। यहां वन्य प्राणी तेंदुआ के पगमार्क मिले हैं। चार दिन पहले एक बैल घायल हालत में मिला था। हमले के पीछे बाघ या तेंदुए के हाेने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। शुक्रवार काे फुट प्रिंट मिलने से तेंदुए के मूवमेंट की पुष्टि हो गई है।
एबी टाइप काॅलोनी सारनी निवासी और वन्य जीव संरक्षक आदिल खान ने बताया कि क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। उन्होंने रिहायशी इलाके में वन्य प्राणी की आवाजाही पर गहरी चिंता जताई है।
सारनी रेंजर अमित साहू ने भी इलाके में तेंदुआ होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जिस इलाके में तेंदुए की आवाजाही है। वह क्षेत्र विद्युत मंडल का इलाका है। यहां बड़ी तादाद में मजदूर वर्ग झोपड़ियों बनाकर अतिक्रमण के तौर पर निवास कर रहे हैं, जिन्हें हटाए जाने के लिए पावर हाउस प्रबंधन से पत्र व्यवहार किया गया है।
बता दें कि एबी टाइप काॅलोनी में चार दिन पहले रात जब सड़क किनारे बैठे मवेशियों मे से घायल बैल ने रंभाना शुरू किया तो रहवासी सानिध्य बराठे ने इसकी जानकारी वन्य जीव संरक्षक आदिल खान को जानकारी दी थी। उन्होंने मौके पर देखा कि एक बैल घायल है, जिसके पिछले हिस्से पर नाखून के गहरे और लंबे निशान हैं। ऐसे में तेंदुआ या बाघ होने की आशंका जताई जा रही थी।
पर्यावरणविद आदिल खान ने बताया कि क्षेत्र में तेंदुआ तो है ही, बाघ का भी इधर मूवमेंट होता रहा है। इसे लेकर वे वन विभाग को पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन अब तक एहतियात बरतने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सारणी में बाघ 2-3 बार आ चुका है। जिसे बड़ी मशक्कत के बाद वहां से हटाया गया था। अब नई मुसीबत आ गई है।