अनेक विविधताओं के साथ 2 अप्रैल से हिंदू नववर्ष 2079 की शुरूआत हो रही है। यह नया साल अनेक खगोलीय घटनाओं को भी अपने साथ लाया है। इस वर्ष में कौन-कौन सी खगोलीय घटनाएं होंगी, यह बताने रात्रि आकाश की विविधताओं को बताने वाली नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने ‘मेरा आसमान कैलेंडर’ जारी किया है। सारिका ने इस कैलेंडर की प्रथम प्रति मध्यप्रदेश के प्रथम नागरिक राज्यपाल मंगुभाई पटेल को विगत दिनों राजभवन में भेंट की।
नए साल की नई घटनाओं की जानकारी देते हुए सारिका ने बताया कि विक्रम संवत 2079 की शुरूआत के दो दिनों में सूर्योदय के कुछ पहले मंगल, शुक्र और शनि पूर्वी आकाश में एक-दूसरे से मिलते हुए तिकड़ी बनाकर हिंदू नववर्ष का स्वागत करेंगे। अप्रैल के अंतिम दिन सुबह सबेरे बृहस्पति और शुक्र एक दूसरे से नजदीकियां और बढ़ा लेंगे।
सारिका ने बताया कि बादल बाधा न बने तो जून के अंतिम सप्ताह में मंगल, बुध, गुरू, शुक्र और शनि सूरज उगने के पहले एक कतार में दिखाई देंगे। सुबह सबेरे के आकाश में इन पंच ग्रहों को कतारबद्ध देखने का दुर्लभ अवसर होगा। और अगर आप चांद की सुन्दरता को ही देखना चाहते हैं तो 14 जून और रक्षाबंधन पूर्णिमा का चांद होगा बेहद खास।
सारिका ने बताया कि अगर आप ग्रहों को नजदीकी से चमक के साथ खाली आंखों से देखना चाहते हैं तो स्वतंत्रता दिवस पर आजादी के 75 साल होने पर आकाश में शनि चमकदार होगा। इसके साथ ही सितंबर का अंतिम सप्ताह गुरू दर्शन के लिए सबसे अच्छा होगा। दिसम्बर का दूसरा सप्ताह शाम के आकाश में लाल ग्रह मंगल के दर्शन अच्छे से कराएगा। अगर आपके पास टेलीस्कोप नहीं है तो भी आप इन्हें अपने ही घर की छत या आंगन से देख पाएंगे।
ग्रहण की जानकारी देते हुए सारिका ने बताया कि दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को भारत के साथ मध्यप्रदेश के आम लोग भी आंशिक सूयर्ग्रहण को देख पाएंगे। 8 नवम्बर को पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, लेकिन भारत में चंद्रोदय के कुछ समय पहले आंशिक एवं उपछाया ग्रहण के रूप में घटित होगा।
सारिका ने बताया कि अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चल रहा है। लगभग 354 दिन चलने वाला यह विक्रम संवत 21 मार्च 2023 तक चलेगा। तो फिर धरती के साथ आकाशीय पिंडों को भी नये साल में नई विविधताओं के साथ देखने को मिलेगा।