◼️ उत्तम मालवीय, बैतूल
बैतूल जिले में दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता एवं शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों के संचालन की स्थिति का फीडबैक लेने के लिए कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को आकस्मिक रूप से भेजा जा रहा है। उक्त अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचते हैं, वहां मैदानी कर्मचारियों एवं ग्रामीणों से चर्चा करते हैं एवं उनकी समस्याएं जानते हैं।
पिछले सप्ताह अपर कलेक्टर श्यामेन्द्र जायसवाल, संयुक्त कलेक्टर शिवप्रसाद मंडराह, संयुक्त कलेक्टर एमपी बरार, डिप्टी कलेक्टर राजनंदिनी शर्मा ने डोडाजाम, तारा, शिरडी, टिटवी, मोहदा जैसे दूरस्थ ग्रामों का आकस्मिक भ्रमण किया एवं वहां बुनियादी सुविधाओं व कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति जानी। कतिपय ग्रामों में आंगनबाड़ी संचालन की स्थिति संतोषजनक नहीं पाए जाने पर कलेक्टर ने जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को आंगनबाड़ियों का संचालन दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिए।
भ्रमण के दौरान अधिकारियों ने पेयजल एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, सामाजिक सहायता पेंशन का वितरण, समर्थन मूल्य पर रबी उपार्जन, उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण, मैदानी कर्मचारियों की मुख्यालय पर उपस्थिति, स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति जैसी व्यवस्थाओं की तहकीकात की। जहां-जहां कमियां पाई गईं, उनसे संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया एवं सुधार लाने के निर्देश दिए गए।
कर्मचारियों की समस्याओं का यथोचित निदान हो: कलेक्टर
इधर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने समस्त विभागों के कर्मचारियों के सेवा अभिलेख दुरुस्त रखने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका एवं पासबुक की डुप्लीकेट प्रतियां प्रतिवर्ष अपडेट कर उनको नियमानुसार उपलब्ध कराई जाए। श्री बैंस सोमवार को जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में अपर कलेक्टर श्यामेन्द्र जायसवाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं के कार्यालय स्तर पर निदान के लिए प्रत्येक कार्यालय में नियमित रूप से हर तीन महीने में परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की जाए।
वेतन निर्धारण में त्रुटियां न हों, यह भी सुनिश्चित किया जाएं। कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली समय पर लिख दी जाए, ताकि उन्हें समयमान वेतन का फायदा मिलने में अड़चन न आए। इस दौरान कर्मचारी संगठनों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं के समय सीमा में निदान के लिए विभागीय अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देश दिए।