वाकई ईमानदारी आज भी जिंदा है। इसका प्रमाण शनिवार को एक बार और देखने को मिला। एमबीए की छात्रा और जिले से प्रकाशित दैनिक ताप्ती दर्शन समाचार पत्र में ऑपरेटर के रूप में कार्यरत युवती को आज एक पर्स मिला। इसमें हजारों रुपये रखे थे। इसके बावजूद छात्रा का ईमान नहीं डोला। उन्होंने पर्स मालिक की तलाश की और उन्हें जिस स्थिति में पर्स मिला था, उसी स्थिति में वापस किया।
छात्रा निकिता वराठे को शनिवार सुबह कन्या महाविद्यालय के पास एक पर्स मिला। पर्स में पांच-पांच सौ रुपये के नोट रखे थे। कुल रकम लगभग 5 हजार रुपये थी। इसके साथ ही आधार कार्ड, पेन कार्ड, लाइसेंस एवं अन्य कई महवपूर्ण दस्तावेज थे।
यह पर्स लेकर निकिता अपने दफ्तर पहुंची और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी संजय (पप्पी) शुक्ला तथा दैनिक ताप्ती दर्शन के मार्केटिंग हेड अजय पवार को जानकारी देते हुए पर्स मालिक की जानकारी लगाने का आग्रह किया। श्री शुक्ला और श्री पवार ने दस्तावेज देखने के बाद मोबाइल नम्बर तलाश किया और संबंधित को जानकारी दी।
यह सूचना मिलते ही पर्स मालिक दैनिक ताप्ती दर्शन कार्यालय पहुंचे। यह पर्स केंट आरओ में कार्यरत अमित पवार का था। पर्स में रखी राशि कलेक्शन की थी जो कि उन्हें दफ्तर में जमा करना था। पर्स मिलने की उन्हें कोई उम्मीद ही नहीं थी। लेकिन यथावत पर्स मिलने से उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उन्हें चिंता थी कि अब यह राशि अपने वेतन से चुकाना होगा, वहीं सभी दस्तावेज भी दोबारा बनाने होंगे। लेकिन छात्रा की ईमानदारी ने उन्हें सारी चिंताओं से मुक्त कर दिया। उन्होंने छात्रा को ईमानदारी की भावना के लिए बार-बार धन्यवाद दिया। उनके दफ्तर पहुंचने पर छात्रा निकिता, श्री शुक्ला और श्री पवार ने उन्हें पर्स लौटाया।