बैतूल जिले के आमला स्थित व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को नेशनल लोक अदालत के दौरान अद्भुत दृश्य देखने को मिला। न्यायाधीश एनएस ताहेड़ और कुमारी रीना पिपलिया के द्वारा की गई मध्यस्थता कार्यवाही के दौरान पिता-पुत्र के मध्य बरसों पुराना विवाद समाप्त हो गया। पिता ने अपने पुत्रों के खिलाफ भरण पोषण हेतु आवेदन लगाया था। न्यायालय में लगभग ढाई लाख रुपए की वसूली की कार्यवाही विचाराधीन थी।
आज लोक अदालत में न्यायालय की समझाइश के बाद पिता-पुत्र के मध्य आपस में सुलह हो गई। इसके बाद पुत्र ने पिता के पैर छुए। यह देख पिता ने भी बेटे को गले लगाया। पिता-पुत्र के बीच वापस लौटे सौहार्द और अपनत्व को देख कर न्यायाधीश ने भी माला पहना कर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे खुशी-खुशी अपने घर चले गए। इससे पूर्व लोक अदालत का शुभारंभ अपर सत्र न्यायाधीश अतुल राज भलावी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। पति-पत्नी के अनेक मामलों का निराकरण आज लोक अदालत में हुआ।
आमला के एक दंपती का विवाद पिछले 3 साल से चल रहा था। पति ने अपनी संतान की कस्टडी के लिए आवेदन लगाया था। पत्नी-पति के साथ रहने को तैयार नहीं थी। दोनों के मध्य छोटे-मोटे विवाद थे। उन्हें समझाया गया। इसके बाद पति-पत्नी अपनी संतान सहित एक साथ रहने को तैयार हो गए। न्यायालय ने उनका फूल माला से स्वागत कर अभिनंदन कर राजी-खुशी घर भेज दिया।
विभिन्न प्रकार के मामलों में लगभग 40 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत में हुआ। लोक अदालत में अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय, अनिल पाठक, वेद प्रकाश साहू, कल्पेश माथनकर, सुरेंद्र खातरकर, रानी शेख, हरि पाल, रवि देशमुख, रमेश नगपुरे, मधुकर महाजन, हरिराम चौधरी, शिवपाल उबनारे, केएल सोलंकी सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।