भोपाल (एमपीपोस्ट)। मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर, वित्त योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग मंत्री जगदीश देवडा ने वर्ष 2022-2023 के आय-व्ययका आज बुधवार, 9 मार्च, 2022 को प्रात: 11.00 मध्यप्रदेश विधानसभा में उपस्थापन किया। मंत्री जगदीश देवड़ा ने मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिधिनयम, 2005 के अंतर्गत राजकोषीय नीति का विवरण भी प्रस्तुत किया।
1. मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर, वित्त योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत कर कहा कि-
2. महान लोकतांत्रिक परम्पराओं से परिपूर्ण आदरणीय सदन एवं सम्मानित जनप्रतिनिधियों के समक्ष बजट प्रस्तुत करते हुये मैं स्वयं को धन्य अनुभव कर रहा हूँ। मैं इस गरिमामय सदन के माध्यम से प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता को प्रणाम करता हूँ, धन्यवाद देता हूँ। राष्ट्र की अस्मिता के प्रतीक मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का स्मरण करता हूँ, नमन करता हूँ। मैं उनसे यह प्रार्थना करता हूँ कि प्रदेश में ‘रामराज्य’ स्थापित करने के हमारी सरकार के प्रयासों को शक्ति, सामर्थ्य व मार्गदर्शन प्रदान करें।
3. इस सदन में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्तुत करते समय मैनें कहा था कि ”प्रदेश के विकास व समृद्धि के लिए बहुत कुछ करना शेष है। हमारी सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि हम निरंतर सकारात्मक रहते हुए अपना श्रेष्ठ देते रहें।” यह बजट इसी प्रतिबद्धता के साथ बढ़ाया हुआ एक और कदम है।
4. ‘बजट’ के माध्यम से मैं विश्वास का एक बीज बोने का प्रयास कर रहा हूँ, जो प्रतिबद्धता के साथ हमारे प्रदेश को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में रूपांतरित करने के लिए प्रेरित करेगा। यह बजट चुनौतियों को विकास के अवसर में बदलने की दिशा में एक प्रयास है। प्रदेश की जनता के विश्वास की पूँजी से हम प्रत्येक चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।
5. यह बजट प्रदेश के किसानों, गरीबों, महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को समर्पित है। यह उन्हें समाज में सकारात्मक वातावरण प्रदान करने और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के अवसर देगा। हमें पूर्ण विश्वास है कि आमजन की आशाओं और अपेक्षाओं के अनुरूप बनाई गई योजनायें सफल होंगी तथा प्रगतिशील प्रदेश की आधारशिला को और मजबूती प्रदान करेंगी। राज्य के संर्वागीण विकास व नवनिर्माण के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में हमारी सरकार समर्पित होकर कार्य कर रही है। हमने पिछले वर्षों में कई पड़ाव हासिल किए हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सपना पूरा होने तक हम न रूकेंगें न थकेंगें।
6. हम सभी के लिए गौरव की बात है कि हम इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस गरिमामय अवसर पर पूरे प्रदेश की जनता की ओर से मैं सभी अमर बलिदानियों के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ.
“राह संघर्ष की जो चलता है, वो ही संसार को बदलता है।
जिसने रातों से जंग जीती है, सूर्य बनकर वही निकलता है।।“
7. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अमृत महोत्सव पूरे देश के लिये प्रगति एवं विकास का अमृत काल है। हमारे लिये यह केवल एक कार्यक्रम ही नहीं, अपितु हमारा यह संकल्प है कि हम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिये ठोस योजना बनाकर उसे साकार करेंगे।
आर्थिक परिदृश्य
8. कोविड की विश्वव्यापी आपदा का विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोविड की महा आपदा अवधि वर्ष 2020 में विश्व एवं भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी।
9. कोविड काल में हमारी सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों के परिणामस्वरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव सीमित करने में हम सफल रहे हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार के वेबसाइट पर वर्तमान में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था की वृद्धिदर अन्य राज्यों की औसत वृद्धिदर से काफी बेहतर रही है, तथा संपूर्ण देश की वृद्धिदर से लगभग 4.7 प्रतिशत अधिक रही है।
10. वर्ल्ड इकानॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook), जनवरी 2022 के प्रतिवेदन के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था में वर्ष 2021 में आर्थिक गतिविधियों में सक्रियता आने पर 5.9 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। केन्द्र सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के परिणामस्वरुप भारत की अर्थव्यवस्था में 9 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है, जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर से 3.1 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2021-22 में भी मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर से अधिक रहने का अनुमान है।
11. गत बजट प्रस्तुत करते समय मैंने यह अवगत कराया था कि माननीय प्रधानमंत्री जी के आव्हान पर देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारा प्रदेश समुचित योगदान देगा। मैंने यह भी उल्लेख किया था कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहली बार 10 ट्रिलियन रूपये, अर्थात् 10 लाख करोड़ रूपये, तक पहुँचेगी। सदन को अवगत कराते हुये मुझे खुशी है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के कुशल नेतृत्व में निरंतर श्रेष्ठ अर्थ प्रबंधन से हमारा प्रदेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुआ है।
कोविड नियंत्रण
12. विगत समय में कोविड का कहर चरम पर रहा है। कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिये प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना का वृहद स्तर पर विस्तार किया गया है। प्रदेश में कोविड से पहले 35 जिला चिकित्सालयों में गहन चिकित्सा इकाई उपलब्ध थी। अब यह सुविधा सभी जिला चिकित्सालयों में उपलब्ध है। चिकित्सा महाविद्यालयों एवं जिला चिकित्सालयों में गहन चिकित्सा इकाई में बिस्तरों की संख्या 601 थी, जिसे सात गुना बढ़ाकर 4 हजार 446 किया गया है। इन स्वास्थ्य संस्थाओं में एल.एम.ओ. (Liquid Medical Oxygen) की क्षमता 89 मीट्रिक टन से चार गुना बढ़ाकर 395 मीट्रिक टन की गई है। इसके अतिरिक्त 223 पी.एस.ए. प्लांट भी स्थापित किये गये हैं। सभी जिला अस्पतालों में सी.टी. स्कैन मशीनें स्थापित की जा रही हैं।
13. स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार के साथ-साथ सुरक्षात्मक उपाय के रूप में टीकाकरण आवश्यक था। माननीय प्रधानमंत्री जी के “सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन” लगवाने के अभूतपूर्व निर्णय को प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से क्रियान्वित किया गया है। अब तक 18 वर्ष की आयु से अधिक वर्ग के नागरिकों को 11 करोड़ 28 लाख 77 हजार से अधिक डोज लगाये जा चुके हैं। टीकाकरण का पहला डोज 98.03 प्रतिशत तथा दूसरा डोज 95.4 प्रतिशत लोगों को लगाया जा चुका है। 15 से 18 आयु वर्ग में प्रथम डोज कुल 85.56 प्रतिशत युवाओं को लगा दिया गया है, दूसरा डोज लगना प्रारंभ है। हेल्थ वर्कर, फ्रन्टलाइन वर्कर तथा पात्र व्यक्तियों को प्रिकॉशन डोज लगाया जा रहा है। टीकाकरण का ही यह सकारात्मक परिणाम है कि तीसरी लहर के दौरान कोविड पॉजिटिव पाये जाने वाले लोगों में से 1 प्रतिशत से कम को ही अस्पतालों में जाना पड़ा।
14. मुझे सदन के समक्ष यह कहने में गर्व हो रहा है कि हमारी सरकार ने बेहतर प्रयास व प्रबंधन कर कोविड के दुष्प्रभाव व भय से प्रदेश की जनता को राहत दी है। इन योजनाबद्ध प्रयासों के कारण कोविड की तीसरी लहर में जनहानि तथा जन-जीवन में अवरोध न्यूनतम रहा है।
ऑपरेशन गंगा
15. माननीय प्रधानमंत्रीजी के सक्षम नेतृत्व में ऑपरेशन गंगा के माध्यम से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी संभव हो सकी है। मध्य प्रदेश के 500 से अधिक नागरिक सकुशल घर लौट आए हैं। संकट की इस घड़ी में सरकार हर कदम पर अपनी जनता के साथ खड़ी है और शेष नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
जन भागीदारी से आत्मनिर्भर
16. ‘लोकतंत्र’ में लोक और तंत्र की सहभागिता निहित है। जनता की वैचारिक व आर्थिक भागीदारी से योजनाओं को और अधिक जनोपयोगी तथा परिणामजनक बनाया जा सकता है। साथ ही इससे जनता को लोक व्यवस्था में उनके स्वामित्व की सुखद व गौरवमयी अनुभूति भी होगी। इसलिए हमारी सरकार का प्रयास है कि सरकार और समाज दोनों मिलकर विकास एवं जन कल्याणकारी कार्यों में जुटें।
17. इस वर्ष हमारी सरकार ने प्रदेश के बजट को तैयार करने में जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करने हेतु आम जनता, प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों एवं विषय विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त किये। संतोष का विषय है कि आम जनता ने इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा उनसे ढाई हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुये। इन सभी सुझावों को बजट तैयार करते समय गंभीरता पूर्वक विचार में लिया गया है।
18. कोविड के समय माननीय प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप-2023 तैयार किया। इस रोडमैप के तहत प्रदेश के विकास की परिकल्पना के चार प्रमुख आधार स्तंभ हैं। पहलाः भौतिक अधोसंरचना, दूसराः अर्थव्यवस्था एवं रोजगार, तीसराः स्वास्थ्य एवं शिक्षा, तथा चौथाः सुशासन।
अधोसंरचना
19. पूँजीगत कार्यों में निवेश से अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को और सक्रियता, मजबूती व स्थिरता मिलती है। हमारी सरकार ने निरंतर पूँजीगत निवेश बढ़ाया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पूंजीगत परिव्यय ` 30 हजार 228 करोड़ था। कोविड की प्रथम लहर की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हमारी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूंजीगत परिव्यय को बढ़ाकर ` 31 हजार 586 करोड़ किया। कोविड की द्वितीय एवं तृतीय लहर के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित अनुमान विगत वर्ष से लगभग ` 8 हजार 829 करोड़ अधिक होकर, ` 40 हजार 415 करोड़ तक पहुंच गया है, जो कि एक कीर्तिमान है। यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4 प्रतिशत है।
20. वर्ष 2022-23 के पूंजीगत व्यय के बजट अनुमान को पुनः लगभग 21 प्रतिशत बढ़ाकर कुल ` 48 हजार 800 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। यह निवेश, प्रदेश के विकास को नये आयाम देगा, साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।
21. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं सदन को अवगत कराना चाहता हूँ कि पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार भारत सरकार की विशेष केन्द्रीय सहायता योजना के अंतर्गत पूँजीगत कार्यों के लिये प्रदेश को इस वर्ष ` 1 हजार 167 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है।
22. हमारी सरकार ने केन्द्र सरकार से यह अनुरोध किया था कि पूंजीगत कार्यों के लिये इस योजना को वर्ष 2022-23 में भी निरंतर रखा जाये। प्रसन्नता का विषय है कि केन्द्र सरकार ने न केवल हमारे अनुरोध को संज्ञान में लिया अपितु वर्ष 2021-22 में योजना के प्रावधानित आकार को 10 गुना बढ़ाकर वर्ष 2022-23 में ` 1 लाख करोड़ किया। हमारी सरकार का प्रयास रहेगा कि इस योजना का अधिकतम लाभ प्रदेश को प्राप्त हो। प्रदेश के वर्ष 2022-23 के बजट में ` 6 हजार 500 करोड़ की राशि प्राप्त होना अनुमानित है।
सड़क एवं भवन
23. सड़कें मात्र आवागमन का माध्यम ही नहीं, अपितु प्रदेश के आर्थिक विकास, औद्योगिक उन्नति एवं रोजगार निर्माण का इंजिन हैं। यातायात के नवीन मार्गों का निर्माण तथा सभी मार्गों को यातायात योग्य बनाये रखना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग द्वारा अब तक लगभग 2 हजार 200 किलोमीटर का सड़क निर्माण व उन्नयन, तथा 1 हजार 150 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण कार्य किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 21 वृहद पुल तथा रेल्वे ओव्हर ब्रिज भी पूर्ण किये गये हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट प्रस्ताव में लगभग 3 हजार किलो मीटर के नवीन सड़क कार्य, लगभग 1 हजार 250 किलोमीटर का सड़क नवीनीकरण कार्य तथा 88 नवीन पुल निर्माण सम्मिलित हैं।
24. मुझे सदन को अवगत कराते हुये हर्ष है कि अटल प्रगति पथ का कार्य प्रांरभ हो गया है। माँ नर्मदा के उद्गम स्थल से प्रांरभ होकर अंतिम छोर तक नर्मदा प्रगति पथ का निर्माण भी किया जायेगा। ये पथ, प्रदेश के विभिन्न अंचलों में आर्थिक विकास के अवसर बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
25. शासकीय भवनों के निर्माण की गति बढ़ाने के लिए एक नवीन कंपनी मध्यप्रदेश बिल्डिंग डेव्हपलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पृथक से क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन प्रस्तावित है।
26. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनवरी 2022 तक 3 हजार 48 किलोमीटर सडकें एवं 140 पुलों का निर्माण किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना अंतर्गत 4 हजार 584 किलोमीटर सड़कें एवं 180 पुलों के निर्माण का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह जनवरी 2022 तक 618 किलोमीटर सड़कों के कार्य पूर्ण किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना अंतर्गत 1 हजार 200 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
27. सड़कें, नगर की पहचान हैं। इसे ध्यान में रखते हुये नगरीय क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण एवं संधारण हेतु ` 608 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
28. सड़क निर्माण एवं सड़क संधारण के लिए वर्ष 2022-23 का बजट अनुमान क्रमश: ` 8 हजार 590 करोड़ एवं ` 2 हजार 443 करोड़ का है।
सिंचाई
29. प्रदेश में वर्ष 2003 में लगभग 7 लाख 68 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती थी। हमारी सरकार द्वारा विगत वर्षों में किये गये प्रयासों से आज कुल सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है। कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से सिंचाई क्षमता को वर्ष 2025 तक 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना लक्षित है।
30. जल संसाधन विभाग के अंतर्गत लगभग 23 लाख 21 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 27 वृहद्, 46 मध्यम, एवं 288 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत लगभग 20 लाख 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की 37 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
31. केन-बेतवा लिंक परियोजना न केवल एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है, अपितु यह बुन्देलखण्ड की तस्वीर तथा तकदीर बदलने का महाअभियान है। मध्यप्रदेश को 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई, 41 लाख आबादी हेतु पेयजल एवं 103 मेगावाट विद्युत उत्पादन प्राप्त होगा। इस परियोजना के लिये ` 44 हजार 605 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय रोजगार के अवसरों में बड़ी वृद्धि होगी।
32. मध्यप्रदेश को आवंटित नर्मदा जल की एक-एक बूंद का उपयोग समयसीमा में हो, यह हमारी सरकार की उच्च प्राथमिकता है। लगभग ` 8 हजार करोड़ लागत की चिंकी-बोरास बैराज संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना जिला नरसिंहपुर-रायसेन एवं सांवेर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना जिला खरगोन-इन्दौर के निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किये जायेंगें। इनसे 2 लाख 12 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी एवं 50 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा। इनके अतिरिक्त लगभग ` 18 हजार 650 करोड़ लागत की 9 अन्य माईक्रो सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही प्रचलित है। इनसे लगभग 3 लाख 72 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी एवं 175 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा।
33. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में 1 हजार 790 जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया जा चुका है, जिससे 7 हजार 370 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित हुई है।
34. सिंचाई क्षेत्र के लिये वर्ष 2022-23 का बजट अनुमान ` 9 हजार 267 करोड़ का है।
पेयजल
35. पानी की एक-एक बूंद का मोल क्या होता है, ये सब हमारी माताओं-बहनों और बेटियों से बेहतर कोई नहीं जानता। माननीय प्रधानमंत्रीजी ने जल-जीवन मिशन प्रारंभ कर देश में एक नई जल-क्रांति को जन्म दिया है। पहले के समय में लोगों को पानी तक पहुँचना पड़ता था, लेकिन आज हमारी सरकार पानी को घर-घर लोगों तक पहुंचा रही है। जल-जीवन मिशन केवल घरों तक पानी पहुँचाने का अभियान नहीं, बल्कि विकेन्द्रीकरण और जन-भागीदारी का एक बड़ा आंदोलन है। माननीय प्रधानमंत्रीजी के शब्दों में कहें तो जल-जीवन मिशन की सबसे बड़ी ताकत यही है कि वह विलेज ड्रिवन है और वीमन ड्रिवन है।
36. ”जल जीवन मिशन” का सफल क्रियान्वयन हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश के सभी ग्रामों के हर घर को नल से जल प्रदाय किये जाने के कार्य तीव्र गति से कराये जा रहे हैं। प्रदेश के 4 हजार से अधिक ग्रामों के शत-प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। वर्तमान में 47 लाख से अधिक परिवारों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। इस वर्ष कुल ` 11 हजार 190 करोड़ की 17 हजार 318 ग्रामों की एकल ग्राम नल-जल योजनायें तथा ` 18 हजार 454 करोड की 16 हजार 853 ग्रामों की 75 समूह नल-जल योजनायें स्वीकृत हो चुकी हैं।
37. बुरहानपुर जिले के सभी गांवों में शत-प्रतिशत घरों को नल कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। बुरहानपुर जिला ”हर घर जल जिला” बन गया है।
38. जल जीवन मिशन के लिये वर्ष 2022-23 में केन्द्रांश ` 3 हजार 150 करोड़ तथा राज्यांश ` 3 हजार 150 करोड़, कुल ` 6 हजार 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
ऊर्जा
39. प्रदेश में लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। हमारी सरकार द्वारा विद्युत की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने के साथ-साथ घरेलू एवं कृषि कार्य के लिये इस वित्तीय वर्ष में लगभग ` 21 हजार करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि प्रदेश के नागरिकों को बिजली सस्ती दर पर निरंतर मिल सके।
40. प्रदेश में 31 दिसम्बर, 2021 की स्थिति में विद्युत क्षमता बढ़कर 21 हजार 451 मेगावाट हो गई है। दिनांक 24 दिसम्बर, 2021 को प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 692 मेगावाट शीर्ष मांग की पूर्ति की गई।
41. भारत सरकार द्वारा जारी रिवेम्पड ड्रिस्टीब्यूशन सेक्टर स्कीम (Revamped Distribution Sector Scheme) को प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर की स्थापना तथा अधोसंरचना विकास के कार्य किये जायेंगे। आगामी 4 वर्षों में इस योजनान्तर्गत ` 15 हजार 434 करोड़ के कार्य किये जाने लक्षित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ` 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
42. ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार एवं सुधार के लिये ताप विद्युत गृह का निर्माण, पारेषण लाईनों का विस्तार, उच्च दाब उपकेन्द्रों का निर्माण, उप-पारेषण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण, वितरण लाईनों का विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मरों के मीटरीकरण तथा उनके फेल होने की दर को कम करने तथा वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने की योजनाओं के लिये ` 8 हजार 418 करोड़ के निवेश का कार्यक्रम है।
43. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2070 तक नेट जीरो एमीशन (Net Zero Emission) का लक्ष्य देश के समक्ष रखा गया है। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य की प्राप्ति में समुचित योगदान देगा। प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 5 हजार 100 मेगावाट तक पहुंच गई है। इसमें पवन ऊर्जा का 2 हजार 444 मेगावाट, सौर ऊर्जा का 2 हजार 432 मेगावाट, बायोमास का 119 मेगावाट एवं लघु जल विद्युत परियोजनाओं का 99 मेगावॉट का योगदान है।
44. सागर जिले में लगभग 1 हजार 500 मेगावॉट क्षमता की सौर पार्क परियोजना, ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगाव़ॉट की क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना, छतरपुर में 1 हजार 500 मेगाव़ॉट सौर परियोजना स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित है। प्रदेश में 750 मेगावॉट क्षमता की पवन एवं सोलर हाईब्रिड परियोजना की स्थापना की जा रही है। वैश्विक पर्यटन स्थल सांची को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
45. सिंचाई एवं घरेलू उपयोग के लिये जल को बिजली पंप से गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने की अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। इनमें बिजली की खपत अधिक होती है, तथा संचालन में काफी व्यय होता है। ऐसे व्ययों को कम करने तथा पर्यावरण को संरक्षित रखने के उद्देश्य से हमारी सरकार सौर ऊर्जीकरण का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम क्रियान्वित करने जा रही है। इस हेतु ` 1 हजार 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
46. ऊर्जा क्षेत्र के लिये वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान ` 17 हजार 908 करोड़ का है, जिसे 30 प्रतिशत बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 23 हजार 255 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण
47. दशकों से विभागों द्वारा छोटे-बड़े अनेक भवन बनाये गये हैं, परन्तु रंगाई-पुताई और मरम्मत आदि की आवश्यकता पर पर्याप्त कार्य नहीं हो सका। हमारे भवन न केवल सुदृढ़ निर्मित हों, अपितु समय-समय पर उनकी साफ-सफाई, मरम्मत, रख-रखाव हो, वे स्वच्छ एवं सुंदर दिखें, आम जनता तथा शासकीय सेवकों को स्वस्थ वातावरण मिले, इसकी व्यवस्था करना आवश्यक है। इसे दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन के विभिन्न विभागों के बजट में परिसंपत्तियों के संधारण के लिये नवीन योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना अंतर्गत ` 1 हजार 355 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र
किसान कल्याण
48. किसान प्रदेश के अन्नदाता हैं, भाग्य-विधाता हैं। किसानों का कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है तथा खेती को लाभ का व्यवसाय बनाना सरकार का ध्येय है। इतना ही नहीं, जब भी प्रदेश के किसानों पर कोई संकट आया है, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और हमारे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में हमारी सरकार पूरी ताकत से किसानों के साथ खड़ी रही है।
49. हमारी सरकार के इस कार्यकाल में, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत लगभग ` 17 हजार करोड़, फसल उपार्जन में लगभग ` 66 हजार 684 करोड़, शून्य प्रतिशत दर पर फसल ऋण लगभग ` 30 हजार करोड़, बिजली बिलों पर सब्सिडी लगभग ` 30 हजार करोड़, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में ` 10 हजार 337 करोड़, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में लगभग ` 4 हजार 569 करोड़, आदि अनेक योजनाओं में लगभग ` 1 लाख 72 हजार करोड़ से अधिक की सहायता राशि प्रदेश के किसान भाई-बहनों की दी गई है।
50. प्रदेश के कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिये प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। चिन्नोर धान को जी. आई. टैग प्राप्त हो चुका है। शरबती गेहूं, पिपरिया तुअर, काली मूंछ चावल, जीरा शंकर चावल को जी. आई. टैग दिलाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। हमारे प्रदेश ने कृषि उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य नीति एवं योजना आयोग के एक प्रतिवेदन के अनुसार प्रदेश के कृषि उत्पादों का निर्यात वर्ष 2015 में 566 मिलियन डालर था, जो कि वर्ष 2020 में दुगने से भी अधिक होकर 1 हजार 355 मिलियन डालर तक पहुंच गया।
51. कृषि के विकास एवं किसानों के कल्याण हेतु इस बजट में अनेक नई योजनाएं प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है, जैसे – मांग आधारित कृषि विविधीकरण, जैविक खेती के प्रोत्साहन हेतु प्रचार-प्रसार, एक जिला एक उत्पाद के संचालन की योजना, म.प्र. की विशिष्ट फसलों/किस्मों के लिये जी.आई. टैग, म.प्र. मिलेट मिशन, कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) का गठन एवं संवर्धन, कृषि फसलों के निर्यात प्रोत्साहन को बढ़ावा।
52. हमारी सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए योजनाबद्ध तरीके से लगभग 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को लक्षित कर कार्य किया जा रहा है।
सहकारिता
53. कृषि अधोसंरचना निधि से सहकारी क्षेत्र में संस्थाओं का उन्नयन करने तथा कृषि अधोसंरचना निर्माण हेतु कार्य योजना तैयार की गयी है। इस कार्य योजना अंतर्गत पैक्स तथा मार्केटिंग सहकारी समितियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।
54. हमारी सरकार नये क्षेत्रों में, जैसे जैविक कृषि, उद्यानिकी, पर्यटन, ऊर्जा इत्यादि में सहकारी आंदोलन का विस्तार कर रही है।
55. कृषि प्राथमिक सहकारी समितियों के कम्प्यूटराईजेशन का कार्य वर्ष 2022-23 में कराये जाने का लक्ष्य है। इससे समितियों की बैंकिंग प्रणाली और सुदृढ़ होगी तथा आमजनों को बैंकिंग सेवायें सुगमता से उपलब्ध होंगी।
56. सहकारी संस्थाओं की किसानों को खाद, बीज, ऋण उपलब्ध कराने तथा उपार्जन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः हमारी सरकार इन संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अंशपूँजी बढ़ाने का प्रस्ताव इस बजट में प्रस्तुत कर रही है, जिसके अंतर्गत ` 1 हजार करोड़ का निवेश किया जाना प्रस्तावित है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
57. किसानों से उनकी उपज का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा वादा रहा है कि हम किसानों की फसल की पूरी खरीदी करेंगे, जो हमने निभाया है। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों के बावजूद विगत दो वर्षों में हमने बम्पर खरीदी की है। खरीदी में उपार्जन संस्थाओं को हानि होती है, जिसकी भरपाई कर उनकी वित्तीय स्थिति सुदृढ़ करना आवश्यक है। अतः वर्ष 2021-22 में मार्कफेड व नागरिक आपूर्ति निगम की अंशपूँजी में राज्य शासन ने लगभग 1 हजार करोड़ रूपये का निवेश किया है। साथ ही हानि की प्रतिपूर्ति के लिये रूपये 3 हजार करोड़ उपलब्ध कराये गये हैं। वर्ष 2022-23 के बजट में भी हानि की प्रतिपूर्ति के लिये ` 1 हजार 500 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
58. प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखण्डों के सभी ग्रामों में राशन सामग्री का परिवहन कर हितग्राहियों तक राशन वितरण की व्यवस्था हेतु मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना लागू की गई है।
59. रबी विपणन एवं खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 1 करोड़ 28 लाख 15 हजार 970 मीट्रिक टन गेहूं एवं 45 लाख 85 हजार 512 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया। उपार्जित गेहूं की कुल राशि 25 हजार 301 करोड़ रूपये तथा उपार्जित धान की कुल राशि 8 हजार 819 करोड़ रूपये का भुगतान प्रदेश के किसानों को किया गया।
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण
60. इस क्षेत्र में व्यवसाय व रोजगार की अपार संभावनायें हैं। उद्यानिकी उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार से जोड़ना आवश्यक है, जिसके लिये एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत जिलेवार प्रमुख उद्यानिकी उत्पादों का चिन्हांकन किया गया है, जैसे जिला आगर-मालवा में संतरा, इंदौर में आलू, बुरहानपुर में केला, मंदसौर में लहसुन, सिवनी में सीताफल, शहडोल में हल्दी, श्योपुर में अमरूद इत्यादि। इन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये इस बजट में एक नई योजना, निर्यात प्रोत्साहन योजना प्रस्तावित है।
61. किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो, इस लिए प्रदेश में उद्यानिकी फसलों एवं उनके उत्पादों को सुरक्षित रखने हेतु एक लाख मीट्रिक टन के भण्डारण की क्षमता चरणबद्ध तरीके से विकसित की जायेगी।
पशुपालन
62. पशुपालन क्षेत्र में विशेषकर दूध के उत्पादन में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कुल दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश अब देश में तृतीय स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक हो गई है। दुग्ध उत्पादों से आम जनता का स्वास्थ्य बेहतर होगा, साथ ही रोजगार के नये अवसर निर्मित होंगे। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना प्रारंभ की जाना प्रस्तावित है। योजना के लिए ` 150 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
63. प्रदेश में ढाई करोड़ से अधिक गौ-भैंस वंशीय पशुओ को यू.आई.डी. टैग लगाये गये हैं। भारत सरकार के इनाफ पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी अनुसार यह राष्ट्र में सर्वाधिक है।
64. पशुओं का उपचार पशुपालकों के पास जाकर घर-घर हो सके, इस हेतु भारत सरकार द्वारा एक नई योजना प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत प्रदेश में 406 नये पशु चिकित्सा वाहनों के माध्यम से पशु चिकित्सक तथा सहयोगी, घर-घर जाकर पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायेंगे। इस योजना हेतु ` 142 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास
65. प्रदेश में उपलब्ध जलक्षेत्र का लगभग 99 प्रतिशत जलक्षेत्र मछली पालन से आच्छादित करते हुए मछली उत्पादन के क्षेत्र में रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित किए गये हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के क्रियान्वयन में हमारे प्रदेश ने उत्कृष्ट कार्य किया है।
66. मत्स्यपालन में रोजगार की अपार संभावनाओं के दोहन के लिए मुख्यमंत्री मत्स्यपालन विकास योजना प्रांरभ की जायेगी। इस योजना हेतु `50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
67. कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के कार्यों के लिये वर्ष 2022-23 में ` 40 हजार 916 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
रोजगार एवं कौशल उन्नयन
68. राज्य सरकार का विजन बिल्कुल स्पष्ट है – प्रदेश के हर नागरिक को उनकी क्षमताओं के अनुरूप अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिये सहज, सुलभ अवसर उपलब्ध कराना। रोजगार एवं स्व-रोजगार उपलब्ध कराना आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रौडमैप का प्रमुख स्तंभ है।
69. रोजगार हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शासकीय संस्थाओं में पदपूर्ति की जा रही है। जनजातीय विभाग के अंर्तगत संचालित शैक्षणिक संस्थाओं में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1 हजार 11 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 3 हजार 126 माध्यमिक शिक्षक के नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके है। प्राथमिक शिक्षक के 11 हजार 556 पदों की पूर्ति हेतु पात्रता परीक्षा के आयोजन हेतु भी कार्यवाही प्रचलित है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक के 3 हजार 677 एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के 8 हजार 318 पदों पर नियुक्तियॉ की गई हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 13 हजार शिक्षकों की नियुक्तियों की कार्यवाही की जाना लक्षित है। इसके अतिरिक्त गृह विभाग के अंतर्गत 6 हजार आरक्षकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलित है। अन्य शासकीय विभागों में भी रिक्त पद भरने की कार्यवाही की जा रही है।
70. हमारी सरकार द्वारा किये गये विभिन्न प्रयासों के परिणामस्वरुप निजी संस्थाओं में रोजगार एवं स्वरोजगार के बड़ी संख्या में अतिरिक्त अवसर निर्मित हो रहे हैं।
उद्योग
71. प्रदेश में औद्योगिक निवेश की अपार संभावनायें हैं। हमारी सरकार का निरन्तर प्रयास है कि ऐसे निवेश से प्रदेश में रोजगार के नये अवसर सृजित हों तथा प्रदेश का संतुलित आर्थिक विकास हो। हमारी सरकार उद्योग स्थापित करने के लिये रियायती दर पर भूमि उपलब्ध करा रही है एवं प्रक्रियाओं को सहज किया गया है। 30 दिवस में अपना उद्योग प्रारंभ करने की सुविधा प्रदान करने एवं इस सुविधा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम की परिधि में लाए जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
72. वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राशि ` 21 हजार 865 करोड़ की 381 परियोजनाओं के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनके क्रियान्वयन से लगभग 60 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होंगे।
73. भारत सरकार द्वारा विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड, उज्जैन में मेडिकल डिवाईस पार्क की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है।
74. प्रदेश में 11 नवीन औद्योगिक क्षेत्र, जिला भोपाल में बगरौदा एवं बैरसिया, जिला सीहोर में बडि़याखेड़ी एवं झिलेला, जिला धार में तिलगारा, जिला रतलाम में रतलाम शहर, मेगा औद्योगिक पार्क (फेज-1), तथा जावरा, जिला नरसिंहपुर में नरसिंहपुर औद्योगिक क्षेत्र, जिला कटनी में लमतरा, जिला इंदौर में मोहना औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।
75. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम विभाग के अंतर्गत 17 क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं, जिससे रोजगार के लगभग 41 हजार नये अवसर सृजित होंगे।
76. प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए एथेनॉल एवं जैव ईधन इकाईयों को प्रोत्साहन/वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु ”एथेनॉल एवं जैव ईधन प्रोत्साहन योजना” स्वीकृत की गई है।
सूचना प्रौद्योगिकी पार्क
77. राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी अधोसंरचनाओं का विकास कर निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। प्रदेश के चार महानगरों, इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में आई.टी.पार्कों का निर्माण किया गया है।
स्वरोजगार
78. प्रदेश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बने, इसी सोच को धरातल पर साकार करने के लिये राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह रोजगार दिवस का आयोजन प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से नवम्बर, 2021 से फरवरी, 2022 तक मात्र चार माह की अवधि में औसतन प्रतिमाह ढाई लाख लोगों को स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए ऋण सहायता दी गई है।
79. इस वर्ष विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं में 28 लाख 63 हजार 779 व्यक्तियों को ` 14 हजार 556 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।
80. रोजगार के अवसर में वृद्धि के लिए हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना प्रारंभ की है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना आदि के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का महाअभियान हमारी सरकार ने प्रारंभ किया है। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, एवं महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये आर्थिक सहायता की नवीन योजनाएं प्रस्तावित हैं।
स्व-सहायता समूह
81. कल ही हम सब ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। “नारी तू नारायणी” के मूल मंत्र से प्रेरित होकर हमारी सरकार नारी शक्ति के सर्वांगीण विकास और आर्थिक सशक्तिकरण हेतु अनेक योजनायें क्रियान्वित कर रही है।
82. हमारी बहनों में अद्भुत क्षमता है। उन्हें जहां भी अवसर मिला, उन्होंने अपने आपको सिद्ध किया। उनके द्वारा निर्मित अनेक उत्पाद किफायती तथा उच्च गुणवत्ता के हैं। विगत लगभग 2 वर्षों में स्व-सहायता समूहों ने उद्यमिता का एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। हमारा यह प्रयास है कि अधिक से अधिक महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर, प्रतिवर्ष लगभग 2 हजार करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराकर उनकी आमदनी सुनिश्चित की जाये। प्रदेश के पोषण आहार संयंत्रों के संचालन की बागडोर अपने हाथ में लेकर महिला स्व-सहायता समूहों ने ये साबित कर दिया है कि हर काम उनके लिये मुमकिन है।
83. ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों के लिये योजनाओं को वृहद् स्वरुप में क्रियान्वित करने हेतु ` 1 हजार 100 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है जो कि वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान से लगभग 141 प्रतिशत अधिक है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास
84. हमारी सरकार जहां एक ओर औद्योगिक निवेश को आकर्षित कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कई विधाओं में कुशल जनशक्ति को तैयार करने की कार्यवाही कर रही है। इस दिशा में हमारी सरकार भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ग्लोबल स्किल पार्क तैयार कर रही है, तथा संभाग स्तर पर 10 मॉडल आई.टी.आई. को सुदृढ़ कर रही है। साथ ही दूरस्थ क्षेत्रों में कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण के उद्देश्य से हमने निर्णय लिया है कि प्रदेश के ऐसे 46 विकासखण्ड, जहां वर्तमान में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थायें स्थापित नहीं हैं, वहां ऐसी संस्थायें चरणबद्ध तरीके से स्थापित की जायें।
85. आई.टी.आई. की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। प्रसन्नता का विषय है कि तीन स्टार एवं उच्च ग्रेडिंग प्राप्त समस्त शासकीय आई.टी.आई की संख्याओं में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में है।
86. ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में अनेक कारीगर, जैसे केश शिल्पी, बढ़ई, लोहार, चर्मकार, माटी कलाकार आदि का कौशल उन्नयन होने पर उनकी आजीविका की सुरक्षा एवं आय में वृद्धि हो सकती है। इस उद्देश्य से बजट में मुख्यमंत्री कारीगर कौशल उन्नयन योजना प्रस्तावित है।
87. सिंगरौली में माईनिंग विधा का इंजीनियरिंग कॉलेज प्रांरभ किया जाना प्रस्तावित है।
मनरेगा
88. इस योजना अंतर्गत इस वर्ष 26 करोड़ 64 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं। मनरेगा से प्रति परिवार औसत रोजगार लगभग 55 दिवस रहा है। मनरेगा का बजट अनुमान वर्ष 2021-22 की तुलना में लगभग 75 प्रतिशत बढ़ाकर ` 3 हजार 500 करोड़ प्रस्तावित है।
खनिज
89. प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं रोजगार सृजन में खनिज संसाधनों का महत्वपूर्ण योगदान है। खनिजों के संरक्षण, अन्वेषण एवं दोहन हेतु आवश्यक संस्थागत व्यवस्थायें बनाई गई हैं। इसी का परिणाम है कि रोजगार के नये अवसरों के सृजन के साथ-साथ राजस्व वृद्धि में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
पर्यटन
90. सामाजिक-सांस्कृतिक विविधतायें, ऐतिहासिक व धार्मिक स्थान, प्राकृतिक संरचनायें व सौंदर्य, जैसी धरोहरों के कारण प्रदेश में पर्यटन की प्रचुर संभावनायें हैं। पर्यटन ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय रोजगार व स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। प्रदेश, पर्यटकों के आकर्षण केन्द्र के साथ-साथ फिल्म शूटिंग के लिए भी अपनी पहचान बनाये हुए है।
91. हेरिटेज सम्पत्तियों का संरक्षण कर उन स्थानों को पर्यटकों हेतु आकर्षक बनाने हेतु ताजमहल (भोपाल), गोविन्दगढ़ (रीवा), राजगढ़ पैलेस (छतरपुर), तथा माधवगढ़ (सतना) को विकसित करने के लिए निजी निवेशकों को लीज पर दिया गया है। पर्यटकों को जल क्रीड़ा सुविधा प्रदान करने के लिए इंदिरा सागर हेतु लाइसेंस एवं गांधी सागर के लिये एल.ओ.ए. जारी किया गया है तथा मणिखेड़ा जलाशय हेतु कार्यवाही प्रचलित है।
विमानन
92. प्रदेश के विभिन्न शहरों से दिल्ली, मुबंई, अहमदाबाद, बैंगलौर, कोलकाता, जम्मू तथा हैदराबाद मार्गों पर हवाई सेवायें संचालित हो रही हैं। अन्य स्थानों को भी वायु सेवा से जोड़ने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में एवियेशन टर्बाइन फ्यूल पर वैट की दर को अधिकतम 25 प्रतिशत के स्तर से घटाकर 4 प्रतिशत किया गया है, जिससे वायु सेवा के विस्तार में मदद मिलेगी। प्रदेश के इन्दौर विमानतल को कस्टम नोटिफाईड एयरपोर्ट घोषित किया गया है। इन्दौर विमानतल से अंतर्राष्ट्रीय कार्गो सेवा भी चालू है।
93. प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र सिंगरौली में नवीन हवाई पट्टी के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। पायलट प्रशिक्षण एवं उड्डयन गतिविधियों हेतु निजी संस्थाओं को 11 हवाई पट्टियां निर्धारित वार्षिक शुल्क पर आंवटित की गई है।
सर्व-जन कल्याण
94. पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के प्रेरणा वाक्य ‘लक्ष्य अंत्योदय – प्रण अंत्योदय – पथ अंत्योदय’ से प्रेरित यह बजट समाज के वंचित वर्गों के लिए समर्पित है। प्रदेश के आर्थिक संसाधनों एवं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर वंचित वर्ग के अधिकार को सुनिश्चित किया गया है।
अनुसूचित जनजाति कल्याण
95. जनजाति वर्ग को रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इस हेतु जनजातीय वित्त विकास निगम को सुदृढ़ किया जायेगा। इस बजट में एक नई योजना – अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिये रोजगार मूलक आर्थिक सहायता – के लिये ` 60 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
96. मध्यप्रदेश, वन औषधियों का खजाना है, इनके संग्रहण एवं प्रसंस्करण से रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न होंगे। इस दिशा में देवारण्य योजना के माध्यम से औषधि एवं एरौमेटिक पौधों की पैदावार बढ़ाने के लिये वन क्षेत्रों के निवासियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना से जनजाति वर्ग का आर्थिक उन्नयन
सुनिश्चित होगा।
97. हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को दिये जाने वाले लाभांश की राशि 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत की जाये। हमारी सरकार ने पेसा अधिनियम के अनुरूप वनों का पारंपरिक प्रबंधन ग्राम सभा को सौंपने का निर्णय लिया है। वन समितियों को काष्ठ से होने वाली आय का 20 प्रतिशत उपलब्ध कराये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
98. वर्ष 2022-23 में 15 जनजाति कन्या महाविद्यालयीन छात्रावासों को नवीन भवनों में संचालित किया जाना प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त 6 विशिष्ट क्रीड़ा परिसर संचालित किये जाने का भी लक्ष्य है।
99. विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय – बैगा, भारिया एवं सहारिया – के लिये अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। इस वर्ग के युवाओं को आजीविका के नये अवसर मिलें, इस उद्देश्य से श्योपुर, शहडोल, डिंडौरी, मंडला एवं छिंदवाडा जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण कौशल विकास केन्द्र का निर्माण लगभग पूर्णता की ओर है। इस समुदाय को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से 15 जिलो में आहार अनुदान योजना संचालित है।
100. राज्य वित्त आयोग द्वारा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र की पंचायतों एवं नगरीय निकायों को और अधिक सक्षम व सुदृढ़ बनाने के लिये अतिरिक्त वित्तीय सहायता की अनुशंसा की गई है। हमारी सरकार इसे क्रियान्वित करेगी।
101. अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिये विभिन्न विभागों की योजनाओं में वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान ` 24 हजार 911 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 26 हजार 941 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
अनुसूचित जाति कल्याण
102. अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के कार्यक्रम हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं। इस हेतु अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम को सुदृढ़ किया जायेगा। इस बजट में एक नई योजना – अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं के लिये रोजगार मूलक आर्थिक सहायता – के लिये ` 40 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
103. हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस वर्ग के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके तथा सामाजिक व आर्थिक परिस्थितियों के कारण उनकी शिक्षा में व्यवधान न हो। इस हेतु विविध स्वरूप की छात्रवृत्तियां, अध्ययन के दौरान छात्रावासों में आवास व्यवस्था, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के कार्यक्रमों को निरन्तर रखा गया है।
104. अनुसूचित जाति कल्याण के लिये विभिन्न विभागों की योजनाओं में वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान ` 17 हजार 980 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 19 हजार 20 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण
105. प्रदेश के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के सामाजिक स्तर को ऊपर उठाकर समाज की मुख्यधारा में लाने तथा आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार निरन्तर प्रयासरत है। हम इन वर्गों के लिये रोजगार के नये अवसर सृजित करने की दिशा में अग्रसर हैं। इस हेतु पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम को सुदृढ़ किया जायेगा। इस बजट में एक नई योजना – पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिये रोजगार मूलक आर्थिक सहायता – के लिये ` 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
106. हमारी सरकार ने विद्यार्थियों को हमेशा विविध छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई हैं। कोविड की परिस्थितियों में पिछले दो वर्षों में कुछ देयतायें निर्मित हो गई हैं, हम लंबित देयताओं का भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में कर देंगे।
107. इस समुदाय के लिये विभिन्न छात्रवृत्तियों, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण तथा सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पर प्रोत्साहन देने जैसे कार्यक्रमों को निरन्तर रखा गया है। अल्पसंख्यक वर्ग के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवियों को पुरस्कृत करने की योजना भी निरन्तर रखी जा रही है।
घुमन्तु और अर्धघुमन्तु जनजाति
108. शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े इस वर्ग के विकास एवं कल्याण की योजनायें निरन्तर हैं। विद्यार्थियों को छात्रावास, आश्रम की आवासीय सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही है। विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां प्रदान करते हुए शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करने की योजनायें भी संचालित हैं। विमुक्त जाति बाहुल्य बस्तियों में मूलभूत सुविधायें भी उपलब्ध कराई जा रही है। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ इस वर्ग तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण
109. हमारी सरकार द्वारा समाज के निर्धन एवं जरूरतमंद वर्गों जैसे वृद्धजनों, निराश्रितों, दिव्यांगजनों, कन्याओं, कल्याणी, परित्यक्ताओं आदि के लिये कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
110. कोविड-19 के कारण वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं कन्या निकाह, तथा कल्याणी विवाह सहायता योजनांतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं हो पाया है। माह अप्रैल, 2022 से इन योजनाओं के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
111. नशा, समाज के लिए अभिशाप है। हमारे प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान का संकल्प है कि नशामुक्ति के लिए प्रदेश में वृहद स्तर पर जन-जागृति अभियान चलाया जायेगा।
श्रमिक कल्याण
112. संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार द्वारा आवश्यक पहल की गई है। श्रम कानूनों में श्रमिक हितैषी प्रावधान किये गए हैं।
113. पूर्व में जन हितैषी मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना का लाभ जनता को मिलना बंद हो गया था। हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी ने पदभार ग्रहण करने के पश्चात् इस योजना को पुन: लागू किया है। योजना अंतर्गत अब तक 3 लाख 29 हजार से अधिक हितग्राहियों को ` 2 हजार 742 करोड़ से अधिक के लाभ दिये गये हैं। अब योजना को और वृहद स्वरुप देते हुये क्रियान्वित किया जायेगा।
114. महोदय, मैं सदन को आश्वस्त करता हूँ कि समाज के वंचित वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार धन राशि की कमी नही होने देंगी।
“गरीबी से उठा हूँ, गरीबी का दर्द जानता हूँ,
आसमां से ज्यादा, जमीं की कद्र जानता हूँ।“
पांचवा राज्य वित्त आयोग
115. प्रदेश के सर्वांगीण विकास में स्थानीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः हमारी सरकार ने नगरीय व ग्रामीण निकायों को सशक्त करने के उद्देश्य से पांचवा राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर विचार कर प्रदेश के राजस्व में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इन निकायों को वर्तमान में राज्य के विभाजनीय कोष की 5 प्रतिशत राशि प्रदान करने का प्रावधान है। हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि इस भागीदारी को दुगना कर 10 प्रतिशत किया जाये। यह बढ़ोत्तरी चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022-23 से प्रारंभ कर वर्ष 2025-26 तक पूर्ण की जायेगी। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्थानीय निकायों को प्रोत्साहन स्वरुप विभाजनीय कोष से एक चौथाई प्रतिशत राशि उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है।
116. पांचवा राज्य वित्त आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के परिणामस्वरुप स्थानीय निकायों को वर्ष 2022-23 में उपलब्ध करायी जाने वाली राशि ` 2 हजार 562 करोड़ होगी।
ग्रामीण विकास
117. हमारी सरकार की आत्मा ग्रामों मे बसती है। ग्रामीणों के जीवन-यापन के स्तर को सम्मानजनक व सुविधाजनक बनाने के लिए प्रदेश सरकार स्वयं तथा केन्द्र सरकार के सहयोग से निरंतर प्रयासरत है।
आवास
118. हमारी सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बिना मकान के नहीं रहेगा और सभी के पास अपना पक्का मकान होगा। इस संकल्प की सिद्धि के लिये हमारी सरकार दिन-रात काम कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 23 लाख 50 हजार से भी अधिक आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी है। प्रदेश के ऐसे गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्रता तो रखते थे किन्तु किसी कारण से उनके नाम पात्रता सूची में नहीं जुड़ पाये, ऐसे लगभग 31 लाख हितग्राहियों को अगले 3 साल में आवास प्लस सूची अनुसार योजना का लाभ दिलाया जायेगा।
119. इस महाअभियान हेतु हमारी सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान को 4 गुना कर आगामी वित्तीय वर्ष के लिये मध्यप्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक प्रावधान, केन्द्रांश एवं राज्यांश मिलाकर कुल रु 10 हजार करोड़, का प्रस्ताव रखा है। वर्ष 2022-23 में लगभग 10 लाख नये हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किया जाना लक्षित है।
120. हमारी सरकार न केवल हर पात्र व्यक्ति के लिए अपने घर का सपना साकार कर रही है, बल्कि उन्हें बुनियादी सुविधाओं का एक पूरा पैकेज स्वयंपूर्ण आवास के रूप में प्रदान करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत गांव के हर गरीब का पक्का आवास हो, उस आवास में जल-जीवन मिशन के अंतर्गत नल से पीने का साफ पानी उपलब्ध हो, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत गैस कनेक्शन मिले, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय की व्यवस्था हो, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से बारहमासी सम्पर्क सड़कों का जाल बिछे, ये सब व्यवस्थाएं एक पूरे पैकेज के रूप में प्रदान करने का संकल्प हमने लिया है।
121. हमारी सरकार शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रदान कर रही है। प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदेश को देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
नगरीय विकास
122. मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारी सरकार का संकल्प है कि हर शहर में मूलभूत सेवायें जैसे, घर-घर तक पीने का पानी, सीवेज की व्यवस्था, बिजली, अच्छी सड़कें तथा स्वच्छ वातावरण हो। साथ ही रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों।
123. हमारी सरकार द्वारा किये जा रहे निरंतर प्रयासों से प्रदेश के शहरी स्वच्छता परिदृश्य में आमूल-चूल बदलाव आया है। सदन को अवगत कराते हुये मुझे खुशी हो रही है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में हमारे प्रदेश को देश में तीसरा स्थान तथा इन्दौर शहर को लगातार पांचवीं बार देश के स्वच्छतम शहर का पुरस्कार तथा 5 स्टार रेटिंग के साथ देश के पहले वाटरप्लस शहर होने का सम्मान भी प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त 9 शहरों को 3 स्टार, 17 शहरों को 1 स्टार प्राप्त हुआ है।
124. प्रदेश के 07 शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत कार्य चल रहे है। समस्त स्मार्ट सिटी शहरों में एकीकृत कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर संचालित है।
125. शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता योजना, मुद्रा योजना आदि अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। स्थानीय प्रतिभाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में अवसर देने के लिये भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर तथा उज्जैन में स्टार्ट-अप इंक्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना की गई है।
126. भोपाल व इंदौर में मेट्रो रेल के निर्माण कार्य प्रगति पर है। आम नागरिकों को आवागमन की सुविधा प्रदाय करने हेतु पी.पी.पी. मॉडल पर प्रदेश के 15 शहरों मे 749 बसों का संचालन किया जा रहा है। अन्य शहरों में लोक परिवहन की सुविधा बढ़ाई जा रही है।
127. वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने एवं ईधन वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिये गैर-ईधन वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में पी.पी.पी. मॉडल पर 217 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जा रहे है।
128. दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना के केन्द्रों का विस्तार एवं सशक्तिकरण किया जायेगा। प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), स्वच्छ भारत मिशन (शहरी), अमृत मिशन, मुख्यमंत्री शहरी अधोसरंचना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, आदि योजनायें निरंतर रखी गई है।
वन
129. राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभ्यारण्यों के भीतर स्थित ग्रामों को एक समयबद्ध रूप से ग्रामीणों की सहमति से अन्यत्र विस्थापित किया जाता है। इस हेतु विस्थापन पैकेज की राशि को हमारी सरकार द्वारा प्रति परिवार रूपये 10 लाख से बढ़ाकर रूपये 15 लाख किया गया है।
130. पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश में बिगड़े वनों के सुधार हेतु सरकार सतत् प्रयत्नशील है। हमारी सरकार ने वर्षा ऋतु 2021 में 24 हजार 792 हेक्टेयर बिगड़े वनक्षेत्रों में वृक्षारोपण किया है, जिसे डेढ़ गुणा बढ़ाकर वर्षा ऋतु 2022 में 37 हजार 483 हेक्टेयर वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे वनों की बेहतरी के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार के और अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य
स्कूल शिक्षा
131. शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ी को ज्ञान, दक्षता, कौशल और संस्कार की वह अनमोल विरासत प्राप्त होती है, जिससे देश की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति सुनिश्चित होती है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हमारी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की हैं।
132. सी.एम. राइज योजना के तहत प्रथम चरण में 360 स्कूल प्रारंभ किये जाने का लक्ष्य है। इन विद्यालयों की लागत रुपये 7 हजार करोड़ से अधिक होना अनुमानित हैं। इन विद्यालयों में सभी मूलभूत सुविधायें, पर्याप्त शैक्षणिक अमला, खेल-कूद तथा ललित कलाओं में प्रशिक्षण की व्यवस्था, तथा विद्यार्थियों को विद्यालय तक आने-जाने के लिये परिवहन सुविधा आदि उपलब्ध कराई जायेंगी। इस बजट में ` 1 हजार 157 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
133. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में संगीत और नृत्य की कलाओं को बच्चों की शिक्षा का भाग बनाते हुए उन्हें समग्र शिक्षा प्रदान करने के लिए एक नयी योजना ”अनुगूंज – कलाओं से समृद्ध शिक्षा” प्रारंभ की जा रही है।
134. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार सन् 2030 तक युवा एवं प्रौढ़ साक्षरता दर को 100 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षर व्यक्तियों की निरक्षरता उन्मूलन के लिए ”नव भारत साक्षरता कार्यक्रम” संचालित किया जा रहा है।
135. प्रतिभाशाली बच्चों को सही मार्गदर्शन एवं मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराने, अकादमिक तथा अन्य कौशलों के विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान तथा स्वाबलंबी बनाने के लिए प्रखर योजना प्रस्तावित है।
136. सामाजिक समरसता की भावना विद्यार्थी जीवन से ही विकसित किए जाने की आवश्यकता है। अत: वर्ग, वर्ण, जाति, धर्म, सामाजिक असमानता आदि का भेद मिटाने के उद्देश्य से समरसता छात्रावासों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, जहां सभी समाज के विद्यार्थी एक ही छात्रावास में मिलजुल कर साथ-साथ रहें। बजट में इस प्रयोजन के लिए ` 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
137. स्कूल शिक्षा विभाग के लिये वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान ` 25 हजार 953 करोड़ है, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 27 हजार 792 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
उच्च शिक्षा
138. हमारी सरकार शैक्षणिक संस्थाओं के उन्नयन तथा उनमें गुणवत्तामूलक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है। वर्तमान में 104 शासकीय महाविद्यालय एवं 30 निजी महाविद्यालय नैक द्वारा प्रत्यापित हैं। सत्र 2021-22 में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के किये गये नैक मूल्यांकन में शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन को A+ ग्रेड प्राप्त हुआ।
139. उच्च शिक्षा का प्रदेश में विस्तार करने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या अब 40 हो गई है।
140. इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, भोपाल एवं रीवा विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है। 100 उच्च शिक्षा संस्थानों में सूचना तकनीकी अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण अंतर्गत 200 स्मार्ट क्लास तथा 75 कम्प्यूटर लैब का कार्य पूर्ण किया गया है।
141. विगत कुछ समय में वर्चुअल लर्निग की उपयोगिता प्रमाणित हुई है। इसे दृष्टिगत रखते हुये शासकीय महाविद्यालयों में वर्चुअल शिक्षण व्यवस्था की नवीन योजना प्रांरभ की जा रही है। इस हेतु रूपये 12 करोड़ 47 लाख का प्रावधान प्रस्तावित है।
खेल एवं युवा कल्याण
142. मुझे सदन को अवगत कराते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे प्रदेश के खिलाडियों ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। टोक्यो ओलम्पिक-2020 में प्रदेश में स्थापित अकादमी के 08-खिलाडि़यों ने प्रतिभागिता की। प्रदेश के विवेक सागर की टोक्यो ओलम्पिक की ह़ॉकी प्रतियोगिता में देश को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्ल्ड जूनियर शूटिंग चैम्पियनशिप में ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने 50 मीटर थ्री पोजीशन इवेन्ट में विश्व रिकार्ड बनाया। राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियनशिप में बेटी मुस्कान किरार ने विश्व रिकार्ड की बराबरी की। राष्ट्रीय रायफल शूटिंग चैम्पियनशिप 2021 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 21 स्वर्ण, 12 रजत और 10 कांस्य पदक प्राप्त कर ऐतिहासिक उपलब्धि अर्जित की। वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैम्पियनशिप पोलेण्ड के रिकर्व टीम इवेन्ट में अमित कुमार ने स्वर्ण पदक अर्जित किया। वर्ष 2021-22 में अकादमी के खिलाडि़यों ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 10 व राष्ट्रीय स्तर के 216 पदक प्राप्त किये।
143. आगामी वर्ष में खेलो इण्डिया यूथ गेम का प्रदेश में आयोजन प्रस्तावित है। आयोजन में लगभग 12 हजार खिलाडि़यों की प्रतिभागिता का अनुमान है। नाथू बरखेड़ा, भोपाल में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का स्पोर्टस कॉम्पलेक्स एवं स्पोर्टस सांईंस सेन्टर की स्थापना की जावेगी।
जन-स्वास्थ्य
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
144. हमारी सरकार स्वास्थ्य संस्थाओं मे निरंतर वृद्धि कर उपयुक्त स्वास्थ्य सेवायें प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। यह प्रयास है कि मूलभूत अधोसंरचना के दीर्घकालीन कार्य किये जायें, जिनका लंबे समय तक प्रदेश को लाभ मिल सके।
145. वर्ष 2021-22 में 10 जिला चिकित्सालय, 33 सिविल अस्पताल, 55 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 200 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 119 उप स्वास्थ्य केन्द्र, कुल 417 स्वास्थ्य संस्थायें स्वीकृत की गई हैं।
146. वर्ष 2021-22 में 3 हजार 800 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण तथा 150 जीर्ण-शीर्ण उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 तक 10 हजार उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 1 हजार 200 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
147. प्रदेश में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लगभग 95 प्रतिशत पात्र परिवारों को कुल 2 करोड़ 66 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किये गये हैं। शेष पात्र परिवारों को योजना में जोड़ने के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है। शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान हितग्राहियों की सुविधा के लिए एजेंसियां नियुक्त की गई हैं तथा केन्द्रीयकृत कॉल सेंटर भी चालू किया गया है। योजना में अब तक 13 लाख 53 हजार से अधिक हितग्राहियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
148. प्रदेश में जिला अस्पतालों में वेट लीज मॉडल के माध्यम से लेबोरेटरी में 101 प्रकार के निःशुल्क टेस्ट सहित कुल 132 प्रकार के टेस्ट किये जा रहे हैं। सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में हब एवं स्पोक मॉडल के माध्यम से 34 प्रकार के टेस्ट निःशुल्क किये जा रहे हैं।
149. प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सिकल सेल एनिमिया का दुष्प्रभाव है, जो चिंता का विषय है। हमारी सरकार इस रोग के निदान के लिए मिशन के रूप में कार्य करेगी। इस हेतु बजट में पृथक से प्रावधान प्रस्तावित है।
चिकित्सा शिक्षा
150. चिकित्सा के लिए उपयुक्त अधोसंरचना के साथ श्रेष्ठ चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
151. मुझे सदन को अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय-श्योपुर, राजगढ़, सिवनी, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, दमोह, एवं छतरपुर स्थापित किये जाने का कार्य प्रगतिशील है। शीघ्र ही प्रदेश में शासकीय क्षेत्र के 22 चिकित्सा महाविद्यालय सेवायें प्रदान करेंगे। प्रदेश में 9 अशासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भी संचालित हैं।
152. वर्तमान में उपलब्ध 2 हजार 35 एम.बी.बी.एस. सीट को बढ़ाकर 3 हजार 250, एम.एस.सी. नर्सिंग में 50 सीट बढ़ाकर 320 तथा बी.एस.सी. नर्सिंग में 390 सीट बढ़ाकर 810 की जायेंगी।
आयुष
153. आयुष चिकित्सा पद्धति की पहुंच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक बनाए रखने के सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। वैद्य आपके द्वार कार्यक्रम अंतर्गत विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन आयुष चिकित्सा परामर्श नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है।
आनंदम
154. वर्तमान जीवन शैली में तनाव दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। मुख्यमंत्री जी की पहल पर गठित आनंद विभाग के अतंर्गत आंतरिक सुख व सुकून के कार्यक्रम निरंतर चलाये जा रहे है।
155. स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये वर्ष 2021-22 का बजट अनुमान ` 11 हजार 384 करोड़ का था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 13 हजार 642 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
महिला एवं बाल विकास
156. बेटियाँ परिवार, समाज और राष्ट्र का आधार हैं। वे जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहराकर देश और प्रदेश का गौरव बढ़ा रही हैं। समाज और सरकार के साझा प्रयासों से बेटियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में अत्यंत सकारात्मक परिवर्तन आया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना बेटियों के लिये वरदान साबित हुई है। मुझे सदन को यह बताते हुए गर्व और खुशी है कि आज प्रदेश में हमारी 41 लाख से भी अधिक लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। NHFS-5 सर्वे के अनुसार मध्यप्रदेश में जन्म के समय प्रति हजार बेटों पर बेटियों की संख्या बढ़कर 956 हो गई है। बेटियों के सपने साकार करने के लिए तथा उनके भविष्य को उज्जवल और सुरक्षित बनाने के लिये राज्य सरकार लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार कर लाड़लियों को उच्च शिक्षा के लिये भी सहायता देगी।
157. केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के 42 जिलों में ”बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओं योजना” संचालित है। ”प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना” के क्रियान्वयन में हमारा प्रदेश लगातार तीसरी बार प्रथम स्थान पर है।
158. कोविड महामारी से माता-पिता की मृत्यु होने पर अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना लागू की गई है। स्पांसरशिप के माध्यम से 6 हजार से अधिक बेसहारा बच्चों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
159. मुझे सदन को यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि हमारी सरकार इस बार पृथक से चाइल्ड बजट प्रस्तुत कर रही है, जिससे 18 वर्ष से कम आयु के बालक, बालिकाओं के लिए योजनायें एवं प्रावधान एक दृष्टि में ज्ञात हो सकेंगें। साथ ही बालक – बालिकाओं पर केन्द्रित योजनाओं को और अधिक सार्थक तथा कारगर बनाए जाने में सरकार को सुविधा होगी।
160. महिला आर्थिक वित्त विकास निगम को सुदृढ़ किया जायेगा। इस बजट में महिलाओं के लिये रोजगारमूलक आर्थिक सहायता की एक नवीन योजना प्रस्तावित है, जिसके लिये ` 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
सुशासन
161. ‘विकास’ मंजिल नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली यात्रा है। ”सुशासन” वह माध्यम है जिससे विकास को सही गति व दिशा प्राप्त होती है।
ग्राम एवं नगर गौरव दिवस
162. “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात् जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होते हैं। जिस माटी में हमने जन्म लिया, शिक्षा-दीक्षा ली, जीवन-यापन किया, जहां से जीवन में ऊँचाइयाँ प्राप्त कीं, उस मातृभूमि की गरिमा में वृद्धि करने और वहां के चहुँमुखी विकास का संकल्प लेकर कार्य करने के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी की पहल पर प्रदेश में ग्राम एवं नगर गौरव दिवस के आयोजन की अभिनव पहल की गई है। इस आयोजन से जनमानस में यह भाव जागृत करने का प्रयास है कि, “यह मेरा गांव है, यह मेरा शहर है, मैं इसके विकास के लिये क्या योगदान दे सकता हूँ”
163. गौरव दिवस आयोजन के दौरान उमंग, उल्लास और उत्सवी वातावरण में समाज और सरकार मिलकर ग्राम एवं नगर के विकास का रोडमैप बनाएंगे, सांस्कृतिक एवं खेलकूद आदि आयोजन होंगे, जन-कल्याण की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी चर्चा होगी।
संस्कृति तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व
164. हमारा प्रदेश प्राचीन संस्कृति का पोषक व वाहक रहा है। हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत समृद्ध है। संस्कृति, जीवन को रंगमयी बनाती है तो अध्यात्म उसे रागमय स्वरूप देता है।
165. “शंकर शंकराचार्यं केशवं बादरायणम्, सूत्रभाष्यकृतौ वन्दे भगवन्तौं वन्दे भगवन्तौ पुनःपुनः” अद्वैत वेदांत के प्रणेता आदिगुरु शंकराचार्य को सादर नमन है। ओंकारेश्वर में आदिगुरु की विशाल प्रतिमा तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की वेदांतपीठ की स्थापना प्रस्तावित है। इस हेतु ` 370 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
166. पूर्व में हमारी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ की गई थी जो काफी लोकप्रिय सिद्ध हुई। इस योजना की अन्य प्रदेशों में एवं राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई। हमने निर्णय लिया है कि इस योजना को आगामी वित्तीय वर्ष में पुनः क्रियान्वित किया जायेगा।
167. श्री महाकाल महाराज मंदिर परिसर के विस्तार की परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत ` 700 करोड़ से अधिक है, का क्रियान्वयन प्रगति पर है। इस परियोजना से मंदिर के भव्य और दिव्य स्वरूप को एक नई आभा प्राप्त होगी। इस बजट में भू-अर्जन संबंधी कार्य हेतु आवश्यक प्रावधान शामिल किये गये हैं।
राजस्व एवं भू-अभिलेख
168. राजस्व विभाग द्वारा भौतिक रूप से प्रदान की जाने वाली अधिकार पुस्तिका को समाप्त कर दिया गया है एवं कम्प्यूटरीकृत भू-अधिकार पुस्तिका भूलेख पोर्टल के माध्यम से प्रदान किया जाना प्रारंभ किया गया है| भू-अधिकार पुस्तिका को अब नियत शुल्क अदा करने पर घर बैठे ऑनलाइन तथा लोकसेवा केन्द्र व अन्य अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। अल्प समय में ही प्रदेश के 1 लाख 50 हजार किसानों द्वारा भू-अधिकार पुस्तिका डाउनलोड की गई है।
169. भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण में प्रदेश विगत दो वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है। चालू अभिलेख पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत हैं। पुराने अभिलेखों के डिजिटाइजेशन का कार्य निरंतर चल रहा है। अब तक भू-अभिलेखों की 4 करोड़ से अधिक सत्यापित प्रतियां ऑनलाइन जारी की गई हैं।
170. अविवादित नामांतरण एवं अविवादित बटवारा प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सुविधा जनसामान्य को उपलब्ध कराने की दृष्टि से सायबर तहसील की परिकल्पना की गई है। हमारा प्रयास है कि नवीन वित्तीय वर्ष में यह सुविधा प्रदेश के नागरिकों को उपलब्ध हो सके।
लोक परिसम्पति प्रबंधन
171. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना के अनुक्रम में मध्यप्रदेश की शासकीय परिसम्पत्तियों के समुचित प्रबंधन की दिशा में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है।
172. शासकीय परिसंपत्तियों के प्रभावी प्रबंधन एवं मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया को सुस्पष्ट, पारदर्शी एवं त्वरित बनाया गया है। लोक परिसम्पत्ति के प्रबंधन कार्य को गति देने हेतु स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) के रूप में म.प्र. राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी का गठन किया गया है।
लोक सेवा प्रबंधन
173. हमारा प्रयास है कि राज्य के प्रत्येक नागरिक की शासकीय व्यवस्था संबंधी समस्या का समयबद्ध एवं नियमानुसार उचित समाधान हो। वर्तमान में सी.एम. हेल्पलाइन, ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना, रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम, MPeServices, आदि की जानकारियाँ नागरिकों को चैट-बॉट (Chat Bot) के माध्यम से प्रदाय की जा रही हैं।
कर-प्रशासन
174. महोदय, मुझे सदन को अवगत कराते हुये प्रसन्नता है कि कर-प्रशासन को व्यवसायियों के लिए सहज किया गया है। हमारा प्रदेश, राज्य जी.एस.टी. करदाताओं से विवरणी प्रस्तुत कराने में देश के प्रथम पांच राज्यों में से है। जी.एस.टी. की वापिसी प्रक्रिया पूर्णत: कम्प्यूटरीकृत है। करदाताओं को ई-रिफंड की सुविधा उपलब्ध है।
175. वित्तीय वर्ष 2021-22 में डीजल पर 4 प्रतिशत वैट एवं 1 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर, पेट्रोल पर 4 प्रतिशत वैट एवं 2 रुपये प्रति लीटर, एविएशन टर्बाइन फयूल पर वैट की दर 25 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया जाकर नागरिकों को लगभग ` 2 हजार करोड़ की राहत दी गई है।
176. अचल संपत्तियों के पंजीयन के लिए सम्पदा 2.0 सॉफ्टवेयर को विकसित किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर के द्वारा कतिपय दस्तावेजों के फेसलेस एवं कॉन्टेक्टलेस पंजीयन की कार्यवाही की जा सकेगी, जिससे पक्षकारों को पंजीयक कार्यालय में आने की बाध्यता नहीं होगी।
177. आबकारी विभाग की प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण हेतु ई-आबकारी पोर्टल विकसित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में परम्परागत तरीके से जनजाति समाज द्वारा निर्मित की जा रही मदिरा को उनके लिये लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिये हेरिटेज मदिरा नीति लागू की जा रही है।
178. आम जनता की सुविधा के लिये ऋण प्रकरणों में हाइपोथिकेशन दस्तावेजों, एक वर्ष से कम अवधि के किरायेनामे, बैंक गारंटी के नवीनीकरण एवं एक बैंक से दूसरे बैंक को लोन हस्तांतरित करने संबंधी दस्तावेजों पर स्टॉम्प ड्यूटी के अधिरोपण की प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है।
एकीकृत वित्तीय प्रबंध सूचना प्रणाली
179. यह प्रणाली वर्ष 2010 से प्रदेश में संचालित है। इस प्रणाली के माध्यम से राज्य शासन के अधिकांश वित्तीय संव्यवहार हो रहे हैं। वर्तमान व्यवस्था को अद्यतन कर नेक्स्ट जनरेशन प्रणाली विकसित की जायेगी, जिसके लागू होने पर पूरी प्रक्रिया कैश-लेस, पेपर-लेस, कॉन्टेक्ट-लेस, फेस-लेस हो जायेगी।
राज्य नीति एवं योजना आयोग
180. योजनाओं की परिकल्पना एवं निर्माण, तथा उनके क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु विश्वसनीय सांख्यिकी आंकड़े आवश्यक हैं। राज्य शासन को इस विषय पर कुण्डू समिति का प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है जिस पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।
181. राज्य सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने तथा शासकीय व्यय की गुणवत्ता को बढ़ाने के संबंध में गठित टास्क फोर्स का प्रतिवेदन राज्य शासन को प्राप्त हो गया है, जिस पर शीघ्र विचार कर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
कानून व्यवस्था
182. हमारी सरकार अपराधमुक्त एवं भयमुक्त समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। कानून व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिये प्रदेश के दो बड़े शहरों, भोपाल एवं इंदौर, में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की गई है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के अन्तर्गत विभाग को नवीन तकनीकी संसाधनों से युक्त किया जा रहा है। सायबर अपराधों की विवेचना के लिए प्रशिक्षण एवं आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराये जा रहे है। नागरिकों को पुलिस सहायता त्वरित रूप से पहुँचाने के लिये लागू डायल-100 योजना को और सुदृढ़ किया जा रहा है।
न्याय व्यवस्था
183. न्यायिक प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए न्यायिक अधोसंरचना का विस्तार किया जा रहा है। पारस्परिक विवाद प्रारंभिक स्थिति में ही हल हो जायें, इसलिये लोक अदालत, विधिक साक्षरता एवं अन्य सहयोगी विधिक सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य के चयनित जिला जेलों एवं उप जेलों में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग की व्यवस्था स्थापित की जा रही है। हमारी सरकार द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि गरीब व्यक्ति संसाधनों की कमी के कारण न्याय से वंचित नहीं रहे।
विकास कार्यों में क्षेत्रीय संतुलन
184. हमारी सरकार ने प्रदेश में विकास कार्यों को उच्च आयाम तक पहुंचाया है। हमारा सदैव यह प्रयास रहा है कि प्रदेश के संपूर्ण क्षेत्रों का संतुलित विकास हो। हमनें प्रदेश के हर अंचल, चाहे वह बुंदेलखण्ड हो, विंध्य हो, ग्वालियर-चंबल हो, मध्यभारत हो, महाकौशल हो या निमाड़-मालवा हो, सभी अंचलों में सिंचाई की योजनाएं, पेयजल की व्यवस्था, बिजली पहुंचाना, सड़कों का जाल बिछाना, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, मेडिकल कॉलेज एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थाएं स्थापित करना, सी. एम. राईज स्कूल प्रारंभ करना, आई. टी. आई. चालू करना, उच्च शिक्षा की व्यवस्था करना आदि की योजनाएं संचालित की हैं। हमारी सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ इस बजट में सभी क्षेत्रों के लिये विकास कार्यों का संतुलन रखते हुये तुलनात्मक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है।
शासकीय सेवक कल्याण
185. ‘सुशासन’ की रीढ़ हैं, शासकीय कार्यालय व शासकीय सेवक। हमारी सरकार ने इस आवश्यकता को पूरी शिद्धत से समझा है। शासकीय कार्यालयों में उपयुक्त सुविधायें उपलब्ध होना आवश्यक है। अत: वर्ष 2022-23 के बजट प्रस्तावों में सभी शासकीय भवनों के संधारण व रख-रखाव के लिए पृथक से प्रावधान प्रस्तावित किए हैं।
186. कोविड काल की कठिन आर्थिक स्थितियों में भी हमारी सरकार ने शासकीय सेवकों व उनके परिवार के हितों को सुरक्षित करने के लिए कोविड योद्धा अनुग्रह राशि योजना, अनुकम्पा नियुक्ति की विशेष योजना, जैसी योजनाओं को लागू किया। कोविड विशेष अनुग्रह योजना के अंतर्गत अब तक 694 प्रकरण स्वीकृत कर रूपये 22 करोड़ 35 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
187. कोविड की परिस्थितियों में वार्षिक वेतन वृद्धि व महंगाई भत्ते की वृद्धि प्रदान करने में कठिनाई थी। परिस्थितियां अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। अतः विगत वर्ष की स्थगित वार्षिक वेतनवृद्धि स्वीकृत की गई है तथा संबंधित एरियर्स के भुगतान के लिये आदेश भी जारी किए गए हैं। महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 20 प्रतिशत को बढ़ाकर 31 प्रतिशत किया जा रहा है।
188. प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को हमारी सरकार द्वारा पूर्व में सातवें वेतनमान का लाभ दिया गया है। आगामी वर्ष में वेतन से संबंधित भत्तों के पुनरीक्षण पर विचार किया जायेगा।
189. शासकीय सेवकों को वर्तमान में प्राप्त चिकित्सा सुविधा को और अधिक सरल व सुविधाजनक बनाने के लिये सुसंगत नियमों के पुनरीक्षण पर विचार किया जा रहा है।
पुनरीक्षित अनुमान 2021-22
190. पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां ` 1 लाख 71 हजार 697 करोड़ तथा राजस्व व्यय ` 1 लाख 77 हजार 398 करोड़ अनुमानित है। इस वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण राज्य शासन की राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही है, इसलिए राजस्व घाटा होना अनुमानित है। राजस्व घाटे का पुनरीक्षित अनुमान ` 5 हजार 701 करोड़ है, जो कि जी.एस.डी.पी. का 0.55 प्रतिशत होगा।
191. राजकोषीय घाटे का पुनरीक्षित अनुमान ` 43 हजार 287 करोड़ है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.18 प्रतिशत है। इसी वित्तीय वर्ष में राज्य शासन द्वारा तृतीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया है। अनुपूरक के पारण के उपरांत उक्त वित्तीय सूचकांकों में परिवर्तन संभव है।
बजट अनुमान 2022-23
राजस्व प्राप्तियां
192. वर्ष 2022-23 में कुल राजस्व प्राप्तियों का बजट अनुमान ` 1 लाख 95 हजार 180 करोड़ है। राजस्व प्राप्तियों में राज्य के स्वयं के कर एवं गैर कर संसाधनों से ` 86 हजार 478 करोड़ तथा केन्द्रीय करों में प्रदेश के हिस्से के अंतर्गत प्राप्तियां ` 64 हजार 107 करोड़ अनुमानित हैं। केन्द्र सरकार से सहायक अनुदान अंतर्गत प्राप्तियां ` 44 हजार 595 करोड़ अनुमानित है।
193. कोविड-19 महामारी से उत्पन्न प्रतिकूल आर्थिक वातावरण में भी हमारी सरकार के प्रयासों से वर्ष 2021-22 के राज्य के स्वयं के कर एवं कर-भिन्न राजस्व के पुनरीक्षित अनुमान लगभग बजट अनुमान अनुसार ही प्राप्त होना संभावित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व एवं कर-भिन्न राजस्व में वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक अनुमान है।
194. इस बजट में कोई नवीन कर अधिरोपित करने अथवा किसी भी कर की दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।
कुल व्यय
195. वर्ष 2022-23 के लिये कुल विनियोग की राशि ` 2 लाख 79 हजार 237 करोड़, राजस्व व्यय अंतर्गत ` 1 लाख 98 हजार 916 करोड़ तथा पूंजीगत व्यय अंतर्गत ` 48 हजार 800 करोड़ प्रस्तावित है। सामाजिक-आर्थिक उत्थान की योजनाओं के लिये वर्ष 2022-23 के लिये समग्र रूप से बजट अनुमान ` 1 लाख 17 हजार 36 करोड़ है।
196. वर्ष 2021-22 के कुल व्यय का बजट अनुमान ` 2 लाख 17 हजार 123 करोड़ का है, जिसे ` 30 हजार 592 करोड़ बढ़ाकर वर्ष 2022-23 के लिये ` 2 लाख 47 हजार 715 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
शुद्ध लेन-देन
197. वर्ष 2022-23 की कुल प्राप्तियां ` 2 लाख 49 हजार 152 करोड़ तथा कुल व्यय ` 2 लाख 47 हजार 715 करोड़ अनुमानित होने से वर्ष का शुद्ध लेन-देन ` 1 हजार 436 करोड़ है एवं अंतिम शेष ` 461 करोड़ का अनुमान है।
राजकोषीय स्थिति
198. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा 3.5 प्रतिशत है एवं ऊर्जा क्षेत्र में अपेक्षित कतिपय सुधारों को करने पर अतिरिक्त 0.5 प्रतिशत की सीमा स्वीकृत की जा सकेगी। इस विश्वास के साथ कि हम यह अतिरिक्त सीमा की स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे, बजट अनुमान तैयार किया गया है।
199. वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा ` 52 हजार 511 करोड़ अनुमानित है, जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.56 प्रतिशत अनुमानित है। वर्ष में ` 3 हजार 736 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित है।
200. माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा अपने अभिभाषण में हमारी सरकार के संकल्पों और लक्ष्यों को संत शिरोमणि पूज्य रविदास जी महाराज की वाणी में उल्लेख किया है। इन दिव्य पंक्तियों को आज में सदन के समक्ष पुन: दोहराना चाहता हूँ –
ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न,
छोटबड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।।