बैतूल शहर और जिला महिला सशक्तिकरण का इन दिनों एक बड़ा उदाहरण बना हुआ है। यहां सुरक्षा और प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर महिला अधिकारी आसीन हैं। खासतौर से सुरक्षा जैसे महकमे में, जहां एकाध महिला अधिकारी के आने पर भी लोगों का बड़ा आश्चर्य होता था, में तो महिला अधिकारियों का ही दबदबा है। इन सबके बावजूद कभी आम नागरिकों को यह सोचने की जरुरत ही नहीं पड़ी कि इन पदों पर कोई पुरूष अधिकारी होते तो वे बेहतर कार्य करते। इसकी वजह यह रही कि इन अधिकारियों ने अपनी वर्किंग में जरा भी कोई कमी कभी रहने ही नहीं दी।
पुलिस विभाग को खतरों से खेलने वाला विभाग माना जाता है। खतरनाक से खतरनाक गुंडे-बदमाशों और दुर्दांत अपराधियों से भी निपटने का दारोमदार पुलिस विभाग पर ही होता है। यही वजह है कि इस विभाग को पहले महिलाओं के लिए ठीक नहीं माना जाता था। कुछ साल पहले तक खुद युवतियों में भी इस विभाग में जाने की जरा भी इच्छा नहीं होती थी। लेकिन अब वक्त खासा बदल गया है। इस विभाग में भी महिलाओं का धीरे-धीरे बोलबाला हो रहा है।
बैतूल में तो जिले की पुलिस महकमे की बागडोर ही एसपी सिमाला प्रसाद के पास है। जाहिर है कि जिले में कानून व्यवस्थाएं बनाए रखना और छोटे से लेकर बड़े अपराध तक पर नियंत्रण रखना और यदि कोई अपराध होता है तो उसका खुलासा कर अपराधियों को सजा दिलवाने जैसे कार्यों की जिम्मेदारी उन्हीं की है। अपनी इस जिम्मेदारी के निर्वहन में उन्होंने कभी कोई कोरकसर छोड़ी भी नहीं।
लोगों का मानना है कि अन्य पुलिस अधीक्षकों के मुकाबले उनके कार्यकाल में जिले में आपराधिक तत्वों पर नकेल कसी हुई है। तात्कालिक आवेश में आकर किए गए अपराधों के आरोपी भी जल्द से जल्द गिरफ्तार हो रहे हैं। कुछ बड़े और गंभीर अपराध भी इस दौरान हुए हैं, लेकिन पुलिस और कानून के हाथ से अपराधी बच नहीं सके हैं। दूर-दूर से पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लाई है।
एसपी सिमाला प्रसाद ने अपराधियों पर अंकुश रखने के साथ ही आम लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा उत्पन्न करने के लिए भी कई तरह की पहल की है। इसके लिए उन्होंने कई अभियान और कार्यक्रम चलाए हैं। यही कारण है आम लोग भी पूरी तरह भरोसा कर पुलिस को गुप्त सूचनाएं उपलब्ध कराने लगे हैं। अब लोगों के लिए पुलिस कोई डर या हौवा नहीं है बल्कि ऐसी मित्र बन गई है जो उनकी सुरक्षा के लिए तैनात है।
प्रशासनिक कार्यों में भी आई गति
इसी तरह प्रशासनिक क्षेत्र में एसडीएम का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। जिले में मुखिया कलेक्टर होते हैं तो अनुविभाग में मुखिया एसडीएम को माना जाता है। इसमें भी जिला मुख्यालय का अनुविभाग तो बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां एसडीएम पद पर महिला अधिकारी रीता डेहरिया आसीन हैं। उन्होंने भी अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमताओं और बेहतर कार्यप्रणाली से आम लोगों में अपनी विशेष पहचान बनाई है। अब लोगों को एसडीएम चेंबर जाने में कोई डर या संकोच महसूस नहीं होता है। वे अब बेझिझक उनके पास जाते हैं और अपनी समस्या बताते हैं। इसका निदान भी होता है।
पुलिस विभाग में इन महत्वपूर्ण पदों पर भी महिला अधिकारी
पुलिस अधीक्षक के अलावा विभाग में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी महिला अधिकारी आसीन हैं। विभाग में रक्षित निरीक्षक (आरआई) का पद भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस पद पर भी काफी समय से सूबेदार मनोरमा बघेल कुशलता के साथ अपनी सेवाएं दे रही हैं। जिले में सबसे महत्वपूर्ण थाना कोतवाली माना जाता है। यहां की कमान भी इंस्पेक्टर अपाला सिंह संभाल रही हैं। वहीं मुख्य व्यापारिक क्षेत्र गंज थाना क्षेत्र में है। यह भी लगभग उतना ही महत्वपूर्ण है। यहां की कमान भी इंस्पेक्टर प्रज्ञा शर्मा संभाल रही हैं। शहर के दोनों थानों की बागडोर महिला अधिकारियों के हाथों में होने के बावजूद व्यवस्था में कभी कोई कमी महसूस नहीं हुई। आपराधिक तत्व आज भी उसी तरहखौफ खाते हैं जैसे पहले खाते थे। महिला होने के बावजूद दोनों ही थाना प्रभारी रात हो या दिन, जब भी जहां जरुरत पड़ती है, वहां मुस्तैदी से पहुंचती हैं। इनके अलावा महिला सेल की डीएसपी के रूप में डीएसपी पल्लवी गौर पदस्थ हैं तो महिला थाना की कमान इंस्पेक्टर संध्या रानी सक्सेना के पास हैं। यह दोनों अधिकारी भी महिला अपराधों का तत्परता से निदान करने में जुटी रहती हैं।
इन्होंने भी छोड़ी कार्यप्रणाली से विशेष छाप
मालिनी देशराज: मुलताई में पदस्थ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी मालिनी देशराज महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचार संबंधी अपराधों एवं बालकों के प्रति होने वाले लैंगिग अपराधों के आरोपियों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
वंदना शिवहरे: बैतूल में पदस्थ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी वंदना शिवहरे ने भी बच्चों एवं महिलाओं के विरूद्ध होने वाले कई अपराधों में प्रभावी पैरवी की और अभियुक्तों को दंडित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।
प्रीति पाटिल: थाना आमला में पदस्थ उप निरीक्षण प्रीति पाटिल ने महिला अपराध के कई मामलों में प्रभावी विवेचना कर अभियुक्तों को दंडित करवाया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री पदक से भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
कविता नागवंशी: उप निरीक्षक कविता नागवंशी ने वर्ष 2017-18 में गंज थाना प्रभारी के रूप में एससी-एसटी मामलों में सफलतम कार्यों का संपादन किया। इसके लिए आईजी द्वारा प्रशंसा पत्र दिया गया। महिला सेल में रहते हुए परिवार परामर्श केंद्र में टूटे हुए परिवारों को जोड़ा।