महेंद्र को PHD: छोटे से गांव में जन्मे और पढ़े, कड़ी मेहनत की बदौलत पाई बड़ी कामयाबी

  • उत्तम मालवीय, बैतूल
    बैतूल के भीमपुर ब्लॉक के ग्राम उत्ती निवासी महेन्द्र पिता स्वर्गीय नेपाल बेले ने देश का आधार कृषि संकाय के फसलों में कीट रोग विज्ञान में पीएचडी हासिल की है। इसके साथ ही श्री रामकृष्ण धमार्थ फाउंडेशन विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक भी वे बन गए हैं। आदिवासी बहुल छोटे से गांव में जन्मे महेन्द्र बेले की इस बड़ी उपलब्धि से ग्रामवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

    महेन्द्र का जन्म और पालन-पोषण के साथ ही प्रारंभिक शिक्षा भी ग्राम उत्ती में हुई है। अनेक कठिनाइयों के बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की और आगे बढ़ते रहे। सन 2008 में विश्व विद्यालय में कृषि की पढ़ाई के लिए परीक्षा दी और उत्तीर्ण होकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय के इंदौर कैम्पस में दाखिला लिया।

    4 चार वर्ष की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद मास्टर डिग्री दाल अनुसंधान संस्थान, रफी अहमद किदवई महाविद्यालय सीहोर से ली। इसके पश्चात पीएचडी करने डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय सामाजिक विज्ञान में परिक्षा उत्तीर्ण कर दाखिला ले लिया और अपना अनुसंधान पूर्ण किया और डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित हुए।

    इस सफलता पर उनके भैया-भाभी राजेंद्र बेले-कंचन बेले, राजेश बेले-छाया बेले, मुकेश बेले जीजा, सुदामा बडोदे, दीदी अनिता बडोदे, रेखा नागले, कमलेश नागले, सभी गुरुजनों, डॉ. एमए आलम, सुभाष बड़ोदे ने बधाई दी है।

  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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