सांसद दुर्गादास उइके एक बार फिर ट्रेन स्टॉपेज की मांग को लेकर रेल मंत्री से मिले। जिन ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग उन्होंने रेलमंत्री से की, उनके स्टॉपेज की मांग पहले भी दर्जनों बार की जा चुकी है। लेकिन, आज तक एक भी ट्रेन का स्टॉपेज नहीं मिल सका। हर बार होता यही है कि मेल मुलाकात का फोटो सेशन हो जाता है और नतीजा सिफर रहता है। कहा जा रहा है कि इस बार की मुलाकात का भी यही नतीजा निकलना है। ऐसे में लोग अब ट्रेनों के स्टॉपेज को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि सांसद श्री उइके ने हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद वीडी शर्मा व अन्य सांसदों के साथ नई दिल्ली में केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर मुलताई-बैतूल में ट्रेनों के स्टॉपेज सहित अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपा।
सौंपे गए ज्ञापन में सांसद श्री उइके ने मुलताई में ट्रेन क्रमांक 12159-12160 जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, ट्रेन क्रमांक 19713-19714 सिकंदराबाद एक्सप्रेस और आमला में कांचीगुंडा इंटरसीटी एक्सप्रेस के स्टॉपेज की मांग की। इसी तरह मुलताई के लिए नागपुर-रीवा एक्सप्रेस, नागपुर जयपुर एक्सप्रेस, दादाधाम एक्सप्रेस और नागपुर-इटारसी एक्सप्रेस शुरू करने का पत्र भी सौंपा।
सांसद ने रेलमंत्री से बैतूल स्टेशन पर रामेश्वर-अयोध्या-रामेश्वर एक्सप्रेस, हिमसागर एक्सप्रेस, बिलासपुर-भगत की कोठी-बिलासपुर, नवयुग एक्सप्रेस, जम्मूतवी हमसफर एक्सप्रेस, जबलपुर-यशवंतपुर-जबलपुर एक्सप्रेस, जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, नागपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, लखनऊ-चैन्नई-लखनऊ एक्सप्रेस के स्टॉपेज का पत्र सौंपा। रेलमंत्री से मुलाकात के दौरान सांसद उइके ने आमला-बैतूल पैसेंजर को जनशताब्दी फास्ट पैसेंजर के रूप में भोपाल अथवा हबीबगंज तक चलाने की मांग की।
सांसद उइके ने बैतूल रेल्वे स्टेशन स्थित माल गोदाम को शहर से बाहर अन्यत्र स्थापित करने की मांग की। उन्होंने रेलमंत्री को बताया कि शहर में माल गोदाम होने से भारी वाहनों से यातायात बाधित होता है और दुर्घटनओं का भी अंदेशा रहता है। इसलिए मालगोदाम शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाएं।
सालों से हो रही यही मांगें
बैतूल स्टेशन पर जिन ट्रेनों की मांग हो रही हैं, उनकी मांग वर्तमान सांसद के साथ ही पूर्व सांसद भी कई बार कर चुके हैं। बावजूद इसके इनमें से एक भी ट्रेन का स्टॉपेज कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं करवा पाए हैं। खुद की ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद यह हाल है कि कोई सुनने को तैयार नहीं है।
स्टॉपेज नहीं मिलने का कारण क्या है
ऐसे में अब लोग भी बैतूल स्टेशन पर उक्त ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं मिलने की वजहें तलाशने लगे हैं। लोगों का कहना है कि हमारे जनप्रतिनिधि मंत्री से मुलाकात तो करते हैं पर अपने क्षेत्र की मांग को दमदार तरीके से रखते ही नहीं। केवल ज्ञापन सौंपकर वहां से लौट आते हैं। यही कारण है कि इनकी मांगों को भी खास तवज्जो नहीं दी जाती। लोग तो अब यह भी कहने लगे है कि रेलवे यदि उन ट्रेनों का स्टॉपेज किन्हीं तकनीकी या व्यवसायिक कारणों से नहीं देना चाहता या स्टॉपेज मिलना सम्भव ही नहीं तो फिर बार-बार मांग करने का दिखावा क्यों? क्षेत्रवासियों को जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट कर देना चाहिए कि स्टॉपेज नहीं मिल सकता।