कोरोना महामारी (corona pandemic) में माता-पिता को खोकर बेसहारा (destitute) होने के बावजूद अभी तक जिन बच्चों को एक्सग्रेसिया प्रतिकर (exgratia compensation) की राशि नहीं मिल पाई है, उनकी मदद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) द्वारा की जाएगी। प्राधिकरण द्वारा ऐसे बच्चों के प्रकरण तैयार कर उन्हें अनुग्रह राशि दिलाने में समन्वयक की भूमिका अदा की जाएगी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला विधिक सहायता अधिकारी मिथिलेश डेहरिया ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कोविड-19 के कारण हुई माता-पिता की मृत्यु के संबंध में बच्चों को एक्सग्रेसिया प्रतिकर की राशि प्रदान किये जाने के संबंध में राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है। जिले में निवासरत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई हैं, ऐसे बच्चों की सम्पूर्ण जानकारी बाल स्वराज पोर्टल में अपलोड कर प्रतिकर राशि का भुगतान होना है।
श्री डेहरिया ने बताया कि आज भी हमारे आस पास ऐसे कई बच्चे हैं जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड- 19 महामारी से हुई है, किन्तु उन्हें आज तक प्रतिकर की राशि प्राप्त नहीं हुई है। उनके द्वारा राशि की प्राप्ति हेतु आवेदन नहीं किया गया है या फिर उनका आवेदन किन्हीं कारणों से निरस्त कर दिया गया है और वे जिला प्रशासन के निर्णय से असंतुष्ट हैं।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वह ऐसे बच्चों की पहचान करें, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से हुई है और उन्हें आज तक प्रतिकर की राशि प्राप्त नहीं हुई है। ऐसे बच्चों की पहचान कर प्रतिकर की राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र तैयार कर सूक्ष्मता से परीक्षण कर उन्हें अनुग्रह की राशि प्राप्त करने में समन्वयक की भूमिका अदा करें।
उन्होंने आम जन से अपील की है कि यदि उनकी जानकारी में ऐसे बच्चे हो जिन्होंने कोविड-19 में अपने माता-पिता को खो दिया है और उन्हें राज्य शासन से प्रतिकर की राशि प्राप्त नहीं हुई है। तो वे ऐसे बच्चों को समस्त दस्तावेजों सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला न्यायालय बैतूल के कार्यालय में भेजे ताकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उन्हें एक्सग्रेसिया प्रतिकर राशि प्रदान करने की कार्यवाही की जा सके।