कैंसर को हराने का माद्दा यूं तो कई औषधीय पौधों में है। अभी तक लक्ष्मी तरू का नाम इस क्षेत्र में शान से लिया जाता है। लेकिन, औषधीय पौधों की प्रचुरता वाले बैतूल जिले में ऐसा ही औषधीय गुणों की प्रचुरता वाला एक और पौधा मिला है। इसे जानकार दहीमन (dahiman) का पेड़ बता रहे हैं। बताते हैं कि यह न केवल कई बीमारियों पर बल्कि कैंसर (cancer) जैसी जानलेवा बीमारी की भी खटिया खड़ी कर देता है।
चिचढाना के मनोहरी पाटिल ने किया तलाशने का दावा
बैतूल जिले के दक्षिण वन मंडल के ताप्ती वन परिक्षेत्र (tapti range) में अनेक औषधीय पेड़ पाए जाते हैं। इनमें गरुड़ पेड़ तो बहुधा पाए जाते हैं। ताप्ती नदी के किनारे बसे ग्राम चिचढाना (chichdhana) के निकट जंगलों में जड़ी-बूटियों की तलाश करने वाले मनोहरी पाटिल ने इसी श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण पेड़ की तलाश की जो बेहद दुर्लभ प्रजाति का है। उनका दावा है कि यह दहीमन का पेड़ है। उनके अनुसार इसकी आसानी से पहचान तक नहीं की जा सकती।
असाध्य और जटिल रोगों में करता है रामबाण का काम
यह कई असाध्य और जटिल रोगों में रामबाण औषधि का कार्य करता है। इस पेड़ के फल, पत्ती, जड़ सभी असाध्य रोगों में उपयोगी हैं। इसलिए इसे दहीमन संजीवनी भी कहते है। जानकारों का मानना है कि दहीमन पेड़ का ग्रंथों में भी वर्णन किया गया है। इससे यह पेड़ आस्था से भी जुड़ा है। बताते हैं कि इस पेड़ की पत्तियों से कैंसर जैसी असाध्य बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है।
इंटरनेट पर भी विस्तृत ब्योरा उपलब्ध
इस पेड़ के संबंध में इंटरनेट पर भी भरपूर जानकारी उपलब्ध है। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ (chattisgadh) के कोरिया जिले में दहीमन नाम के इस पेड़ से बीमारियों का उपचार होता है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को एक पेड़ की पत्ती से ठीक किया जा सकता है। वहां इस विशेष किस्म के पौधे के सरंक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कैंसर के अलावा ब्लड प्रेशर, पीलिया, मानसिक पीड़ा जैसी बीमारियों को भी खत्म किया जा सकता है। मानसिक पीड़ा, ब्लड प्रेशर और पीलिया जैसी बीमारियों को भी खत्म किया जा सकता है। किडनी संबंधित बीमारियों के इलाज की दवा बनाने में भी इसकी इस पेड़ का उपयोग होता है। इसकी पत्ती और छाल में ऐसा गुण है कि किसी व्यक्ति को खिला दिया जाए तो मिनटों में उसका शराब का नशा उतर जाता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसके पत्तों पर आप कुछ भी लिखेंगे तो उसका वह अपने आप उभर कर आ जाएगा।