बैतूल जिले की शाहपुर रेंज की कांटावाड़ी बीट में विभाग द्वारा कराई गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि वहां माफिया द्वारा नहीं बल्कि ग्रामीणों द्वारा निस्तार के लिए पेड़ काटे गए थे। यही कारण है कि काटे गए पेड़ों की अधिकांश लकड़ी भी मौके पर ही बरामद हो गई और लगभग 8 हजार रुपये का ही नुकसान होना पाया गया है। इस सम्बंध में डीएफओ पुनीत गोयल ने बताया कि कांटावाड़ी बीट में कटाई की सूचना मिलने के बाद फ्लाइंग स्क्वाड के अलावा दूसरी रेंज की टीम भेजकर भी जांच कराई गई। इसमें यही पाया गया कि कुछ पेड़ जरूर कटे हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर और माफिया द्वारा कटाई होना नहीं पाया गया है। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि अधिकांश लकड़ियां मौके से ही बरामद हो गई हैं और मात्र 7-8 हजार रुपये का ही नुकसान होना पाया गया है। डीएफओ श्री गोयल ने बताया कि यदि माफिया द्वारा कटाई की जाती तो वह तत्काल ही पूरी लकड़ियों का परिवहन कर लेते और मौके पर कुछ नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि स्टाफ सभी दूर पूरे समय पर नजर नहीं रख सकता, इसलिए मौके का फायदा उठाकर कुछ ग्रामीण अपनी जरूरतों के लिए पेड़ काट लेते हैं।
जांच में खुलासा: ग्रामीणों ने निस्तार के लिए काटे थे पेड़
बैतूल जिले की शाहपुर रेंज की कांटावाड़ी बीट में विभाग द्वारा कराई गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि वहां माफिया द्वारा नहीं बल्कि ग्रामीणों द्वारा निस्तार के लिए पेड़ काटे गए थे। यही कारण है कि काटे गए पेड़ों की अधिकांश लकड़ी भी मौके पर ही बरामद हो गई और लगभग 8 हजार रुपये का ही नुकसान होना पाया गया है। इस सम्बंध में डीएफओ पुनीत गोयल ने बताया कि कांटावाड़ी बीट में कटाई की सूचना मिलने के बाद फ्लाइंग स्क्वाड के अलावा दूसरी रेंज की टीम भेजकर भी जांच कराई गई। इसमें यही पाया गया कि कुछ पेड़ जरूर कटे हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर और माफिया द्वारा कटाई होना नहीं पाया गया है। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि अधिकांश लकड़ियां मौके से ही बरामद हो गई हैं और मात्र 7-8 हजार रुपये का ही नुकसान होना पाया गया है। डीएफओ श्री गोयल ने बताया कि यदि माफिया द्वारा कटाई की जाती तो वह तत्काल ही पूरी लकड़ियों का परिवहन कर लेते और मौके पर कुछ नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि स्टाफ सभी दूर पूरे समय पर नजर नहीं रख सकता, इसलिए मौके का फायदा उठाकर कुछ ग्रामीण अपनी जरूरतों के लिए पेड़ काट लेते हैं।
उत्तम मालवीय
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।
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