भैंसदेही के माजरवानी गांव की निवासी एक महिला के घर 3-3 परियों ने जन्म लिया है। भैंसदेही से जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में 108 टीम ने झल्लार और ताप्ती घाट में सुरक्षित प्रसव कराया जहाँ 2 बेटियों को महिला ने जन्म दिया। जिला अस्पताल पहुंचने पर जांच करने पर पता चला कि गर्भ में एक और बच्चा है। इसके बाद एक और बेटी इस दुनिया में आई। जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं। तीन बच्चों के जन्म के साथ ही यह मामला जिले के कुछ गिने-चुने दुर्लभ मामलों में शुमार हो गया है।
108 सेवा के योगेश पवार ने बताया कि ग्राम माजरवानी में महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उन्होंने जननी को कॉल किया जननी गाड़ी की हड़ताल होने से दोबारा 108 पर कॉल किया। इस पर माजरवानी निवासी रुक्मी पत्नी सीताराम को 108 एंबुलेंस से भैंसदेही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। यहां जांच में पता लगा कि महिला के पेट में जुड़वा बच्चे हैं। इस पर भैंसदेही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
इस बीच झल्लार के पास महिला ने एक बच्ची को एंबुलेंस में जन्म दिया और दूसरी बच्ची ने ताप्ती घाट पर जन्म लिया। इसके बाद जब महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और जांच की गई तो पता चला कि अभी गर्भ में एक बच्चा और है। कुछ ही देर बाद महिला ने एक और बेटी को जन्म दिया। इस तरह कुछ ही समय के अंतराल में इस परिवार में 3-3 नन्हीं परियों का आगमन हुआ।
इसके साथ ही यह मामला भी जिले के कुछ दुर्लभ मामलों में शामिल हो गया है। जुड़वां बच्चों का जन्म तो होते रहता है, लेकिन एक साथ 3 बच्चों के जन्म के अभी तक कुछ गिने चुने मामले ही जिले में हुए हैं। तीनों बच्चे और जच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैं।
योगेश पवार ने जानकारी में बताया कि 108 के पैरामेडिकल स्टाफ दुर्गेश गिर और विनोद बंजारे की मदद से रास्ते में ही प्रसव कराया गया। महिला को ट्विन बेबी होने के कारण रेफर कर दिया गया था, लेकिन रास्ते में ही महिला ने दो बच्चियों को जन्म दिया। रात्रि में जिले की सभी जननियों ने हड़ताल कर दी जिससे डिलेवरी के लिए महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर 108 एम्बुलेंस पूरी रात दौड़ती रही।