अखिल भारतीय फेडरेशन के आह्वान पर आज शुक्रवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एकता यूनियन के द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर कर्मचारी भवन के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। यूनियन की जिला अध्यक्ष सुनीता राजपाल ने बताया कि शासन द्वारा लगातार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन की लंबित मांगों के प्रति शासन का ध्यानाकर्षण करवाने आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष सुशीला मेहरा, महासचिव पुष्पा वाइकर, कोषाध्यक्ष संगीता कनाठे, सचिव गीता मालवीय, सुनीता तिवारी, इन्द्रा भारद्वाज, रामप्यारी कुमरे, उषा गावंडे, संगीता कापसे, ललिता वर्मा, प्रमिला ने यूनियन की प्रमुख मांगों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएं, न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये दिया जाएं, पोषण टेकर एप के द्वारा काम किए जाने हेतु प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को विभाग की ओर से उपयुक्त मोबाइल ऐप हिन्दी वर्जन एवं मोबाइल चलाने हेतु पर्याप्त डाटा हेतु राशि उपलब्ध की जाएं, प्रदेश सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के मानदेय से 1500 रूपए की अनुचित कटौती से सम्बंधित आदेश निरस्त कर काटी गई राशि एरियर्स सहित भूगतान किया जाएं, सेवानिवृत्त होने पर कार्यकर्ता को एक लाख रुपये, सहायिका को 75 हजार रुपए दिए जाने की पूर्व की घोषणा को तत्काल लागू किया जाएं शामिल हैं। धरना प्रदर्शन में जिले भर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं शामिल हुईं।
धरने पर बैठी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं, यह हैं मांगें
अखिल भारतीय फेडरेशन के आह्वान पर आज शुक्रवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एकता यूनियन के द्वारा अपनी लंबित मांगों को लेकर कर्मचारी भवन के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। यूनियन की जिला अध्यक्ष सुनीता राजपाल ने बताया कि शासन द्वारा लगातार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन की लंबित मांगों के प्रति शासन का ध्यानाकर्षण करवाने आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष सुशीला मेहरा, महासचिव पुष्पा वाइकर, कोषाध्यक्ष संगीता कनाठे, सचिव गीता मालवीय, सुनीता तिवारी, इन्द्रा भारद्वाज, रामप्यारी कुमरे, उषा गावंडे, संगीता कापसे, ललिता वर्मा, प्रमिला ने यूनियन की प्रमुख मांगों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएं, न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये दिया जाएं, पोषण टेकर एप के द्वारा काम किए जाने हेतु प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को विभाग की ओर से उपयुक्त मोबाइल ऐप हिन्दी वर्जन एवं मोबाइल चलाने हेतु पर्याप्त डाटा हेतु राशि उपलब्ध की जाएं, प्रदेश सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के मानदेय से 1500 रूपए की अनुचित कटौती से सम्बंधित आदेश निरस्त कर काटी गई राशि एरियर्स सहित भूगतान किया जाएं, सेवानिवृत्त होने पर कार्यकर्ता को एक लाख रुपये, सहायिका को 75 हजार रुपए दिए जाने की पूर्व की घोषणा को तत्काल लागू किया जाएं शामिल हैं। धरना प्रदर्शन में जिले भर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं शामिल हुईं।
उत्तम मालवीय
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।
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