बैतूल। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम की 21 सरहदों की मिट्टी, 27 नदियों, महासागर, कुंडों का जल एवं अखंडित भारत के केंद्र बिंदु की मिट्टी से बनी 51 ईंटें जल्द ही श्री राम जन्म भूमि अयोध्या के लिए भेजी जाएगी। यह ईंटें श्री राम मंदिर निर्माण में देश की एकता और अखंडता के प्रतीक स्वरुप लगाई जाएंगी। यह ईंटें श्रीराम धाम अयोध्या तक पहुंचाने के लिए दस बसों एवं 50 वाहनों की व्यवस्था पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल द्वारा करने का ऐलान जब कार्यक्रम के दौरान किया गया तो पूरा पंडाल श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।
सर्व धर्म समभाव का देखने को मिला नजारा
कार्यक्रम के दौरान सर्वधर्म एकता का अनूठा उदाहरण भी उस वक्त देखने मिला जब हाजी करीम, अबिजर हुसैन और जैन मंदिर समिति ने सजावट के लिए आगे आकर ईंटें प्राप्त कीं। जल्द ही इन ईंटें को अयोध्या पहुंचाने के लिए भी तारीख तय की जाएगी। मंदिर समितियां ईंटों पर श्री राम के चित्र, नाम और समिति का लिखकर श्रीराम मंदिर निर्माण में ईंटों के माध्यम से अपनी हाजिरी लगाएंगे। ईंटों के मिलते ही मंदिर समितियों ने उनकी सजावट का काम भी शुरू कर दिया है।
सुंदरकांड का भी किया गया आयोजन
बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के राष्ट्र रक्षा मिशन एवं वन्दे मातरम समिति के संयुक्त तत्वावधान में विवेकानंद वार्ड में प्रजापति निवास पर भव्य कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद डीडी उईके, पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला, आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे, समाजसेवी राजा ठाकुर, वन्दे मातरम समिति प्रमुख एवं पूर्व नपाध्यक्ष आनंद प्रजापति, सचिव राज सिंह परिहार, पर्यावरणविद एवं जलपुरुष मोहन नागर, समाजसेवी अरुण सिंह किलेदार, सीए प्रदीप खण्डेलवाल, सतीश खण्डेलवाल, सदन आर्य, बसंत बाबा माकोड़े, रमेश प्रसाद मिश्रा, मयंक भार्गव, मयूर भार्गव, नवनीत गर्ग, सुनील द्विवेदी, संजय (पप्पी) शुक्ला, उत्तम मालवीय, बलवीर मालवीय, ममता मालवीय, रश्मि साहू, राष्ट्र रक्षा मिशन संचालक गौरी भारत पदम , प्रदीप कुर्वे सहित दो सैकड़ा से अधिक लोगों की मौजूदगी में जिले के सिद्धधाम केरपानी के पुजारी द्वारा राम मंदिर के लिए ईंटों का विधि विधान से पूजन कराया। इसके पूर्व सुबह 8.30 बजे से कार्यक्रम स्थल पर सुंदरकाण्ड का पाठ भी श्रीराम भक्तों द्वारा किया गया।
दिल को छूने वाला कार्यक्रम: हेमंत खंडेलवाल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि देश की सीमाओं और अखंड भारत के केन्द्र की मिट्टी से बनी ईंटों को मंदिर समितियों को देने के बाद इन्हें 10 बसों एवं 50 गाड़ियों का पूरा काफिला बैतूल से अयोध्या लेकर जाएगा। बैतूल का यह सौभाग्य रहेगा जो राम मंदिर से धर्म से और आंदोलन से जुड़ा रहा वह अयोध्या जा सकेगा। जिले के हर पंचायत और नगर के लोग हमारे साथ चलना चाहते हैं, वे राष्ट्र रक्षा मिशन और वंदे मातरम समिति को अपना नाम दे सकते हैं। श्री खण्डेलवाल ने इसे दिल को छूने वाला कार्यक्रम बताया। कार्यक्रम में सांसद श्री उईके ने बैतूल जिले से जुड़े इस अभियान की सराहना की। भाजपा जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला इसे ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि चार सौ वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर भव्य रुप में बन रहा है। भारत माता की सभी सरहदों की मिट्टी और सभी नदियों के जल को मिलाकर जो इंटें बनी हैं, वे उस मंदिर में लगने वाली हैं। यह पूरे बैतूल के लिए गर्व की बात है। पर्यावरणविद मोहन नागर ने कोठारी बंधुओं के बलिदान को याद किया। समाजसेवी राजा ठाकुर ने इसे अभिनव प्रयास की सराहना की। कार्यक्रम को वंदेमातरम समिति के अध्यक्ष आनंद प्रजापति ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन गौरी बालापुरे पदम ने किया। आमला से समाजसेवी मनोज विश्वकर्मा के नेतृत्व में पहुंची मंदिर समितियों को 11 ईंटें प्रदान की गईं।
इन मंदिरों में रखी जाएगी एकता-अखंडता और शौर्य की प्रतीक ईंटें
अयोध्या पहुंचने से पहले 51 ईंटों को मंदिर समितियों को सजावट एवं मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए सौंपा गया है। श्री राम मंदिर कोठीबाजार, श्रीराम मंदिर रामनगर, विश्वकर्मा मंदिर गंज, शिव मंदिर, पंजाबी कृष्ण मंदिर गंज, बालाजीपुरम, सुंदरकांड मंडल, माता मंदिर बैतूल बाजार, भवानी माता मंदिर बैतूल बाजार, केरपानी हनुमान मंदिर, प्रागा फाउंडेशन, खेड़ला बजरंग मंदिर, लीला बाबा मंदिर, शिव मंदिर गंज, नागदेव मंदिर, ताप्ती मंदिर मुलताई सहित आमला के मंदिरों के लिए 11 ईंटें मंच से सौंपी गई। कार्यक्रम में नगर के गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, मंदिर समितियों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में रामभक्त मौजूद रहे। कार्यक्रम की सफलता में युवा नेता विकास मिश्रा, विक्रम वैद्य, बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के सचिव भारत पदम, उपाध्यक्ष नीलम वागद्रे, सह सचिव ईश्वर सोनी, सदस्य शिवानी मालवीय, संजू सोलंकी, श्याम टेकपुरे, दिलीप सतीजा, अतीत पंवार, दीपू सलूजा, मनीष मिसर, महेश राठौर, कपिल वर्मा, कैलाश धोटे, पवन यादव, गितेश बारस्कर का सहयोग रहा।