बैतूल। रानीपुर पुलिस थाना के पुराने भवन को पुलिस म्यूजियम बनाया जा रहा है। यह म्यूजियम प्रदेश का पहला म्यूजियम होगा। गुरुवार को होशंगाबाद रेंज की आईजी दीपिका सूरी ने इस निर्माणाधीन म्यूजियम का निरीक्षण किया एवं व्यवस्थाएं देखी। इस दौरान उनके साथ एसपी सिमाला प्रसाद और एएसपी नीरज सोनी भी मौजूद थे।
निरीक्षण के दौरान एसपी ने कार्य में प्रगति लाने के संबंध में ठेकेदार व थाना प्रभारी को निर्देश देते हुए समय रहते कार्य पूर्ण करने को कहा। इसके साथ ही आईजी को रानीपुर थाने से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां भी प्रदान की। उन्होंने बताया कि रानीपुर थाने से कई ऐतिहासिक बातें जुड़ी हुई हैं। रानीपुर थाने का पुराना भवन 1913 में बनाया गया है। वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान आदिवासी ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया था। पुराने भवन में लगे लकड़ी के खंभे पर आज भी घेराव के दौरान चलाई गई कुल्हाड़ी के निशान उपलब्ध हैं। इसलिए इस थाने का म्यूजियम के लिए चयन किया गया है। उन निशानों का आईजी ने भी अवलोकन किया और उन्हें देख कर वे आश्चर्यचकित रह गईं।
देख सकेंगे अंग्रेजों के जमाने का पुलिस वाहन
थाना प्रभारी डीएसपी अजय गुप्ता ने बताया कि पुराने थाना भवन में 7 कमरे हैं। इन कमरों में अलग-अलग ऐतिहासिक सामग्री रखी जाएगी। बाहर के दो कमरे पुलिस मेमोरियल के लिए रहेंगे। अंदर के कमरों में बैतूल का आदिवासी कल्चर, पुलिस की पुरानी वर्दी, पुलिस की ऐतिहासिक सामग्री, अंग्रेजों के जमाने के पुलिस वाहन व पुराने फर्नीचर की प्रदर्शनी बनाई जाएगी। गोंडवाना शासन के समय की भी जानकारी ली जा रही है। म्यूजियम को भव्य रूप देने के लिए थाने के पीछे गॉर्डन का आधुनिक रूप तैयार करवाया जा रहा है। आगंतुकों के लिए कैंटिन की व्यवस्था भी महकमे द्वारा की जा रही है।
म्यूजियम के लिए यह सामग्री की गई है एकत्रित
रानीपुर से प्रकाश सराठे ने बताया कि म्यूजियम के लिए एकत्रित की गई ऐतिहासिक और संस्कृति से जुड़ी सामग्री का भी आईजी ने मुआयना किया। इस दौरान सारणी एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान, शाहपुर एसडीओपी महेंद्र सिंह मीणा, थाना प्रभारी रानीपुर डीएसपी अजय गुप्ता, एसआई नंदकिशोर पाल, एएसआई अवधेश नारायण तिवारी, शेख रफीक कुरैशी, प्रधान आरक्षक सीताराम उईके, अजीत मवासे, संदीप इवने, नरेंद्र राजपूत, विनीत चौधरी, संदीप यादव, तिलक खरते मौजूद थे।