पांच बीमारियों की 8 दवाएं हुईं महंगी, एनपीपीए ने दी मंजूरी

पांच बीमारियों की 8 दवाएं हुईं महंगी, एनपीपीए ने दी मंजूरी

दवाएं हुईं महंगी : अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक, मानसिक स्वास्थ्य विकारों आदि के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली 8 प्रकार की 11 फार्मुलेशन वाली दवाएं अब 50% महँगी मिलेंगी। दवा निर्माताओं के द्वारा दिए गए आवेदनों पर विचार करने के बाद राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने इसकी मंजूरी दे दी है।

एनपीपीए का कार्य आवश्यक दवाओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराना और उनकी सुलभता सुनिश्चित करना है, ताकि इन दवाओं तक पहुंच बाधित न हो। आवश्यक दवाओं को देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपलब्ध रहना चाहिए, और उनकी मूल्य नियंत्रण व्यवस्था ऐसी स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए जिससे ये दवाएं बाजार में अनुपलब्ध हो जाएं।

एनपीपीए को निर्माताओं से कीमतों में बढ़ोतरी के लिए आवेदन मिल रहे हैं, जिसमें सक्रिय दवा सामग्री की बढ़ती लागत, उत्पादन लागत में वृद्धि, विनिमय दर में बदलाव आदि जैसे विभिन्न कारणों का हवाला दिया गया है। जिससे दवाओं के स्थायी उत्पादन और विपणन में अस्थिरता पैदा हो रही है। कंपनियों ने कुछ दवाओं के फॉर्मूलेशन को अस्थिरता के कारण बंद करने के लिए भी आवेदन किया है।

8 अक्टूबर, 2024 को आयोजित पूर्ण प्राधिकरण बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, डीपीसीओ, 2013 के पैरा 19 के तहत असाधारण शक्तियों का उपयोग करते हुए, और व्यापक सार्वजनिक हित में, एनपीपीए ने आठ (8) दवाओं के ग्यारह (11) निर्धारित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमतों में उनके वर्तमान अधिकतम मूल्य की तुलना में 50% की वृद्धि को मंजूरी दी है।

पहले चरण के उपचार में होता उपयोग

इनमें से अधिकांश दवाएं कम लागत वाली हैं और आमतौर पर पहले चरण के उपचार के रूप में उपयोग की जाती हैं, जो देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दवाओं का उपयोग अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, तपेदिक, मानसिक स्वास्थ्य विकारों आदि के इलाज के लिए किया जाता है।

फॉर्मूलेशनों के मूल्य में हुआ संशोधन

जिन फॉर्मूलेशनों के लिए अधिकतम मूल्य संशोधित किए गए हैं, उनमें बेंजिल पेनिसिलिन 10 लाख IU इंजेक्शन; एट्रोपिन इंजेक्शन 0.6 mg/ml; स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर इंजेक्शन 750 mg और 1000 mg; सलब्यूटामोल टैबलेट 2 mg और 4 mg और रेस्पिरेटर सॉल्यूशन 5 mg/ml; पाइलोकार्पिन 2% ड्रॉप्स; सेफाड्रॉक्सिल टैबलेट 500 mg, डेस्फेरिऑक्सामाइन 500 mg इंजेक्शन के लिए; और लिथियम टैबलेट 300 mg शामिल हैं।

इससे पहले इन वर्षों में हुई थी वृद्धि

इससे पहले एनपीपीए द्वारा 2019 और 2021 में ऐसी असाधारण शक्तियों का प्रयोग किया गया था, जिसके तहत क्रमशः 21 और 9 फॉर्मूलेशन की कीमत में 50% की वृद्धि की गई थी ताकि जनता के लिए आवश्यक दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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