कैंसर फाइटर और समाजसेवी हेमंतचंद्र दुबे आगामी एक मई से अगले 75 दिनों तक रोज 75 कदम चलेंगे। इसके जरिए वे अनूठे तरीके से जनजागरण अभियान चलाएंगे। यह अभियान वे आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर बैतूल की भूमि को प्लास्टिक और कैंसर मुक्त करने के लिए चलाएंगे। उन्होंने नागरिकों से भी इसमें सहयोग करने का आह्वान किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हम आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। भारत भूमि को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करने में आने कितने क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते आजादी की बलिवेदी पर प्राण न्यौछावर कर भारत भूमि को आजाद किया। उन्होंने सपना देखा था कि भारत भूमि स्वर्ग से महान हो, पानीदार हो, हरीभरी हो, रोग मुक्त हो, रसायन मुक्त हो, खुशहाल हो किंतु आजादी के 75 वर्ष बाद भी उन महान क्रांतिकारियों का सपना पूरा नहीं हो पाया है।
उनका यह सपना अब टूटता सा नजर आता है। आज हमारे भारत देश को यदि हम कैंसर मरीजों का देश कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आंकड़े बताते हैं कि प्रतिदिन 1000 से अधिक लोग कैंसर के कारण होने वाली मौत को मजबूरी में अपने गले लगाते हैं। कैंसर होने के अनेक कारण हैं। उनमें से एक बड़ा कारण प्लास्टिक का उपयोग एवं उपभोग है।
मैं आजादी के 75 वें वर्ष अमृत महोत्सव में बैतूल की भूमि को प्लास्टिक मुक्त और कैंसर मुक्त करने हेतु 75 कदम अभियान की शुरुआत आप सभी के सहयोग से मिलकर करना चाहता हूं। जिसमें हम प्रतिदिन एक घंटा 75 दिनों तक 75 कदम की सीमा में बिखरे हुए प्लास्टिक को 75 घंटों में निकालकर, हटाकर, एकत्रित करते हुये जन जागरण अभियान चलाएं। ताकि बैतूल की सुंदर धरा को प्लास्टिक से आजादी मिले। बैतूल की धरा पानीदार हो, रसायन मुक्त हो।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि बैतूल को कैंसर मुक्त बनाने की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आप भी अपना समय दान करने की कृपा करें। इन 75 दिनों में प्रतिदिन का अभियान देशभक्त शहीदों को समर्पित होगा। साथ ही प्रशासन को प्रतिदिन लगातार 75 दिनों तक एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। ताकि शासन-प्रशासन का ध्यान पॉलिथीन के घातक और कैंसर कारक परिणामों की तरफ आकर्षित हो सके।
साथ में प्रतिदिन 75 नागरिकों से मुलाकत कर इस गंभीर विषय पर जागरूकता लाने का कार्य भी किया जाएगा। आप अपने घर, खेत या मोहल्ले के आसपास भी इस अभियान को चला सकते हैं। इस अभियान की शुरूआत 1 मई मजदूर दिवस के अवसर पर सोनाघाटी पहाड़ियों के मध्य से गुजरती हुई सड़क के किनारे से प्रात: 6.30 बजे से की जाएगी।