▪️ लोकेश वर्मा, मलकापुर (बैतूल)
जिला मुख्यालय के समीपी ग्राम मलकापुर के लगभग दो सौ वर्षीय प्राचीन बजरंग मंदिर से बालस्वरूप हनुमान की धर्म ध्वजा और गाजे-बाजे के साथ भव्य रथ यात्रा निकाली गई। यह ग्राम के श्री राधाकृष्ण मन्दिर, सन्तोषी माता मंदिर तथा लिम्बाजी बाबा मंदिर से भ्रमण करती हुई बजरंग मंदिर परिसर में महाआरती के पश्चात समाप्त हुई। बाल हनुमान के विशेष सुसज्जित रथ को ग्राम के सैकड़ों भक्तों ने रस्सी से पहली बार खींचकर धर्म लाभ लिया।
शोभायात्रा में जहाँ बच्चे धर्म ध्वजा लहराते चल रहे थे वहीं ग्राम की सैकड़ों महिलाएं एवं पुरुष भी रथ के साथ जय जय श्री राम, जय बजरंगबली के जयघोष करते हुए चल रहे थे। पूरा ग्राम भगवा झंडे से पटा था। ग्रामवासी दद्दा की भक्ति में ऐसे डूबे कि अपने-अपने घरों के सामने रंगोली डालकर रथ यात्रा का पूजन कर स्वागत करते रहे।पीतल की गदा लिए बाल हनुमान बने 10 वर्षीय तनिश वर्मा रथयात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
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लगभग 200 वर्ष पुराना है बजरंग बली मंदिर का इतिहास (200 year old Hanuman temple)
ग्राम मलकापुर में बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा की स्थापना का इतिहास ग्राम में किसी को नहीं पता है। ग्राम के वयोवृद्ध अनिरुद्ध पटेल बताते हैं कि उनके पूर्वजों स्व. रामचरण पटेल, छोटेलाल पटेल एवं गंगाधर पटेल ने ही मंदिर बनवाया होगा क्योंकि बजरंग मन्दिर में सामने की महराब पर ये नाम लिखे थे। वे बताते हैं कि संभवतः सन 18 सौ के आसपास इसकी स्थापना की गई होगी।
जब से यदि अब तक माने तो मंदिर की स्थापना के 200 साल पूर्ण हो गए हैं। श्री पटेल बताते हैं कि सन 1970 में बजरंगबली ने चोला (मूर्ति पर चढ़ा सिंदूर) खुद ब खुद छोड़ दिया था। जिसे पूजा पाठ के बाद ताप्ती नदी में विसर्जन के पश्चात मूर्ति पर नया चोला चढ़ाया गया। वर्तमान में बजरंग मंदिर का जीर्णोद्धार पटेल परिवार के वंशज द्वयश्री सुरेश पटेल, रमेश पटेल ने करवाया है।
ऐसा हुआ बजरंग मंदिर का विस्तार (200 year old Hanuman temple)
ग्राम में माता मंदिर नहीं था। ग्राम वासियों ने माचना नदी के पत्थरों को बजरंग मंदिर के बाजू में रखकर एक चबूतरा बना दिया था। जिसकी शीतला माता के स्वरूप में पूजा की जाती रही है। यहाँ ही नवरात्र में ग्राम की कन्याएँ एवं माताएँ पानी चढ़ाने जाया करती थीं। माता निकलने पर यहीं माता की शांति पूजा कराई जाती रही है। इसी को देखते हुए पटेल परिवार के श्री अनिरुद्ध पटेल ने अपनी बड़ी बुआ स्व. सुमरती बाई की स्मृति में बजरंग मंदिर का और विस्तार करते हुए माताजी का भी मंदिर बनवाकर 2012 में बड़ी धूमधाम से दुर्गा जी की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी।
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वर्तमान के बजरंगी मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार अमित सुरेश पटेल ने कराया है। इस प्रकार हुए शनैःशनैः विस्तार से मंदिर का स्वरूप आकर्षक और भव्य हो गया है जिसमें प्रतिदिन ग्राम वासियों द्वारा पूजा एवं संध्या आरती की जाती है। प्रति शनिवार को होने वाली महाआरती का स्वरूप भव्य होता है। जिसमें ग्राम की महिला, पुरूषों के साथ-साथ बच्चे भी सैकड़ों की संख्या में बड़े भक्तिभाव से सम्मिलित होते हैं।
ग्रामवासी बताते हैं कि मंदिर परिसर में ही स्थापित शिवलिंग टिकारी निवासी स्वर्गीय ब्रह्मदिन वर्मा शिक्षक ने अपने पूर्वजों की याद में की थी। इस शिवलिंग की प्राणप्रतिष्ठा टिकारी निवासी पं. धुनी महाराज के पिताजी पंडित स्व. वृंदावनलाल जी त्रिवेदी भागवताचार्य ने लगभग 60 वर्ष पूर्व करवाई थी। प्रति सोमवार को यहाँ शैव भक्तों की इतनी भीड़ उमड़ती है कि शिवलिंग की पूजा-पाठ और अभिषेक के लिए अपनी बारी आने का लम्बा इंतजार करना पड़ता है।
हनुमान जन्मोत्सव पर हुई अखंड रामायण, निकली रथयात्रा
पवनपुत्र के जन्मोत्सव पर बजरंग बली की प्रतिमा का सिंदूर से अभिषेक कर चोला चढ़ाया गया। मंदिर में एक दिन पूर्व से ही कृष्णकुमार चौधरी जी द्वारा कराई जा रही अखंड रामायण का हनुमान जन्मोत्सव पर समापन हुआ। तत्पश्चात सांय काल में मंदिर परिसर से बजरंगबली के सजीव बाल स्वरूप को भव्य रथ में बैठा कर ग्राम में पहली बार रथ खींचा गया। रथ को रात में रस्सी के सहारे ग्राम वासियों ने जयघोष के साथ खींच कर पूरे ग्राम में भ्रमण करवाया। रथ यात्रा का समापन मंदिर परिसर में बजरंगबली की महाआरती के साथ हुआ।
विशाल ग्रीन भंडारा से दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
हनुमान जी की भव्य रथयात्रा और महाआरती के बाद के बाद रात्रि 8 बजे से कन्या भोज के पश्चात भव्य भंडारे का आयोजन हुआ। जिसमें ग्राम के सैकड़ों भक्तों ने बजरंगबली का प्रसाद पलाश और माहुल की पत्तल में ग्रहण किया। ग्राम में आयोजित हुई रथयात्रा में रमेश वर्मा ,मुन्ना लोहार, राकेश महतो, सीताराम मालवी, ओमप्रकाश वर्मा, दीपक महतो, बनवारीलाल हजारे, शेषराव बारस्कर, ललित वर्मा, जगमोहन वर्मा, बब्बर पटेल,भगत मालवी, प्रेमकांत वर्मा, लतेश महतो, नवनीत महतो, अमित पटेल, राजा चौधरी, बसंत हजारे, मनोज महतो, नीरज वर्मा, शशांक महतो, पुष्प मालवी, सजल महतो, प्रीत वर्मा आदि का विशेष सहयोग रहा।