दुनिया में इस समय ज्यादातर मौतें एक्सीडेंट्स (Road Accidents) में होती है. जैसे-जैसे दुनिया तरक्की कर रही है, उसी के साथ कई तरह के नए वहां सड़कों पर उतर रहे हैं. इन वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण ही सड़क हादसों के मामलों में भी बढ़त हो गई है. आम तौर पर डबल लेन की सड़कों पर ही एक्सीडेंट हो जाते हैं. ऐसे में पहाड़ी एरिया या फिर घाटियों में एक्सीडेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. इन घाटियों की सड़कें घुमावदार होती हैं. जिससे अकसर दो गाड़ियों में भिड़ंत हो जाती है.
भारत में हिमालय (Indian Himalaya Region) की तरह की सड़कों में ऐसी दुर्घटनाएं (Accident Prone Areas) सबसे ज्यादा होती हैं. घुमावदार मोड़ की वजह से ड्राइवर को पता नहीं चल पाता कि सामने से कोई और गाड़ी आ रही है और इसी में टक्कर हो जाती है. घाटियों में होने वाले इन एक्सीडेंट्स को रोकने के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम और लिओ बर्नेट ने एक यूनिक आइडिया को डेवलप किया. इस आइडिया को उन्होंने 2017 में ही लॉन्च किया था. इसमें गाड़ी के हॉर्न बजाने की जगह सड़क को ही हॉर्न बजाने का सिस्टम डेवलप किया गया.
यह भी पढ़ें… feng shui tips : फेंगशुई के आसान टिप्स बदल देते हैं जिंदगी, घर में आती है सुख-समृद्धि, परेशानियों से मिलता है छुटकारा
ऐसे काम करती है तकनीक
जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाले NH-1 पर सबसे पहले इस तकनीक को टेस्ट किया गया. इन घाटियों में रास्ते बेहद घुमावदार हैं. ऐसे में पता ही नहीं चल पाता कि दूसरी तरह से गाड़ी आ रही है. कई बार ड्राइवर हॉर्न बजाना भूल जाता है, जिससे इतनी भीषण सड़क दुर्घटना होती है, जिसमें जान बचना नामुमकिन ही होता है. ऐसे में ये नई तकनीक बेहद इसमें सड़क के टार्न कोने के आसपास में ही स्मार्ट लाइफ पोल्स लगाए जाएंगे. जैसे ही कोई गाड़ी इन पोल्स के पास पहुंचेगी, सड़क से आवाज आने लगेगी. इससे दूसरी तरफ के ड्राइवर भी सचेत हो जाएगा कि उधर से कोई गाड़ी आ रही है. इस तरह से टक्कर को टाला जा पाएगा.
यह भी पढ़ें… Mawsynram : यह है वो जगह जहां मात्र 24 घंटे में हो गई 1003.6 मिलीमीटर बारिश, बाकी जगह साल भर में भी नहीं होती
हादसों में दर्ज हुई कमी
NH-1 में सफल इम्प्लांट होने के बाद इस तकनीक को भारत के ऐसे अन्य सड़कों पर भी लगाए जाने का प्लान है, जहां ज्यादा एक्सीडेंट्स होते हैं. इस एरिया में तो ये सिस्टम सफल रहा. जब से ये स्मार्ट पोल्स लगे हैं, तबसे एरिया में एक्सीडेंट के मामले काफी कम हो गए हैं. ऐसे में सरकार अब इस सिस्टम को बाकि अन्य जगहों पर भी इमप्लांट करने की प्लानिंग कर रही है. इसमें रोहतांग पास से लेकर लेह मनाली हाईवे भी शामिल है.
News & Image Source : https://hindi.news18.com