• नवील वर्मा, शाहपुर
जिले के ग्रामीण अंचलों में सरकारी स्कूल भगवान भरोसे ही चल रहे हैं। शिक्षकों की जब इच्छा होती है तब चले जाते हैं, नहीं तो स्कूल में ताला लटका रहता है। इस ओर देखने की अफसरों को भी फुर्सत नहीं है। कुछ ऐसा ही हाल शाहपुर ब्लॉक के काजली गांव का है। यहां के माध्यमिक और प्राथमिक स्कूल में पिछले 4 दिनों तक ताला लटका रहा। बच्चे स्कूल आकर वापस होते रहे और पढ़ाई ठप रही। शिक्षकों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैए से ग्रामीणों में खासा रोष है।
ग्रामवासियों ने इस संबंध में ‘बैतूल अपडेट’ को बंद पड़े स्कूलों की फोटो भेजकर अवगत कराया है। ग्रामीणों के अनुसार यहां के माध्यमिक स्कूल में लगभग 50 और प्राथमिक स्कूल में 45 बच्चे दर्ज हैं। यहां पढ़ाई करवाने के लिए बतौर शिक्षक जोगासिंह धुर्वे, ज्योति यादव और श्री यादव पदस्थ हैं। इसके बावजूद दोनों स्कूलों में पिछले 4 दिनों तक ताला लटका रहा।
किसी भी शिक्षक के नहीं आने से न तो स्कूल खुला और न ही पढ़ाई हुई। यहां 6 से 9 जुलाई तक यह स्थिति बनी रही। बच्चे बड़ी उम्मीद के साथ स्कूल आते रहे और स्कूल में ताला देखकर वापस लौटते रहे। बताते हैं कि सभी शिक्षक चुनाव ड्यूटी का कहकर स्कूल से नदारद रहे। इसे लेकर ग्रामीणों ने जानकारी जुटाई तो नया ही खुलासा हुआ।
ग्राम के रामदास उइके और शिवदीन मरकाम ने बताया कि इस बारे में जानकारी ली तो पता चला कि बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए शासन द्वारा केवल 2 शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगाई गई थी। एक शिक्षक को चुनाव ड्यूटी में इसलिए नहीं लगाया गया ताकि वह स्कूल खोलकर बच्चों की पढ़ाई करवाते रहे।
इसके बावजूद वह शिक्षक भी स्कूल नहीं पहुंचा। इससे बच्चों की चार दिनों तक पढ़ाई प्रभावित हुई। इससे ग्रामीणों में खासी नाराजगी है। उन्होंने दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग वरिष्ठ अधिकारियों से की है।