लम्बे समय से बन्द पड़ी सारनी कोयला खदान में चोरी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले में दस से अधिक संदिग्धों को पकड़कर पूछताछ की जा रही है। सोमवार को एसडीओपी महेंद्र सिंह चौहान ने टीआई आदित्य सेन के साथ जाकर बन्द पड़ी सारनी माइंस में चोरी की घटना की जांच की।
गौरतलब है कि सारनी माइंस में चोरी की घटना एवं सुरक्षा कर्मियों को बंधक बनाने की चर्चा को लेकर पुलिस हरकत में आई। एसडीओपी श्री चौहान ने बताया कि इस मामले में मौके पर जाकर जांच की है। जांच में सुरक्षा कर्मियों को बंधक बनाने की बात सामने नहीं आई है। वही दूसरी तरफ सारनी माइंस के मैनेजर संजीव झा ने भी सुरक्षा कर्मियों को बंधक बनाने की बात से इंकार किया है। माइंस मैनेजर ने पुलिस को बताया कि कुछ मात्रा में केबल एवं मोहरे के पास के ताले टूटे है। एसडीओपी श्री चौहान ने कहा कि इस मामले में सीआईएसएफ के जवानों एवं सुरक्षा कर्मियों के बयान लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारनी माइंस की घटना की जांच के बाद खुलासा किया जाएगा। बन्द खदान में चोरी की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा पर चोर भाग गए थे। गौरतलब है कि पाथाखेड़ा में सारनी माइंस, पीके वन, पीके टू एवं शोभापुर माइंस बन्द हो चुकी हैं। बन्द खदानों की सुरक्षा के लिए वेकोलि एवं निजी गार्डों को तैनात किया है। इसी बात का फायदा उठाकर स्क्रेप चोर खदान में चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। पाथाखेड़ा की चालू खदानों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को दिया गया है।
● सारनी माइंस में बंधक बनाने की बात जांच में सामने नहीं आई है। इस मामले में कुछ संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
आदित्य सेन, टीआई, थाना सारनी
● सारनी माइंस में किसी भी गार्ड को बंधक नहीं बनाया है। ताले टूटे हैं। मुझे अपने लोगों ने बंधक बनाने की बात कही थी। बाद में जानकारी ली तो बंधक बनाने की बात झूठी निकली।
संजय घुड़माडे, प्रभारी मैनेजर, सारनी माइंस